अगर आप सरकारी नौकरी में हैं तो नरेंद्र मोदी सरकार आपके लिए आकर्षक स्कीम लाई है, जिसमें आप सरकार से 25 लाख रुपये अपना घर बनाने के लिए ले सकते हैं। अगर आपकी पत्नी भी सरकारी नौकरी में हैं तो क्या कहने…उनको भी घर बनाने के लिए 25 लाख रुपये तक मिल सकते हैं। सरकार का कहना है कि यह योजना कर्मचारियों को सस्ती ब्याज दर पर अपना घर बनाने का मौका देती है और पति-पत्नी दोनों को अलग-अलग बेनिफिट लेने की सुविधा से इसका फायदा दोगुना हो सकता है। यह आदेश तत्काल प्रभाव से लागू है और 31 जुलाई 2025 तक के सभी संशोधन इसमें शामिल किए गए हैं।
दरअसल, केंद्र सरकार ने पहले से चल रही House Building Advance (HBA) योजना को अपने कर्मचारियों के लिए और आसान और आकर्षक बना दिया है। अब कोई भी केंद्रीय कर्मचारी घर बनाने या खरीदने के लिए अधिकतम 25 लाख रुपये का एडवांस ले सकता है। यह रकम 7.44% वार्षिक ब्याज दर (लगभग 7.5%) पर उपलब्ध है। खास बात यह है कि अगर पति-पत्नी दोनों केंद्र सरकार के कर्मचारी हैं तो दोनों अलग-अलग भी अप्लाई कर सकते हैं और अपने-अपने हिस्से का 25 लाख रुपये तक एडवांस ले सकते हैं। यानी 50 लाख रुपये तक।
नई व्यवस्था के मुताबिक किसी भी सरकारी कर्मचारी को सेवा काल में केवल 1 बार House Building Advance मिलेगा। नए घर या फ्लैट के निर्माण/खरीद के लिए अधिकतम सीमा 34 माह की बेसिक पे या 25 लाख रुपये (जो भी कम हो) तय की गई है। मकान के एक्सपेंशन के लिए यह सीमा 10 लाख रुपये है। अगर दोनों पति-पत्नी सरकारी कर्मचारी हैं तो दोनों अपने-अपने नाम पर अधिकतम सीमा तक एडवांस ले सकते हैं। बेसिक पे में Non Practising Allowanc (NPA) और फैमिली पेंशन को भी शामिल किया जाएगा, जिससे पात्रता और एडवांस की रकम बढ़ सकती है।
1; सभी स्थायी केंद्रीय सरकारी कर्मचारी
2; कम से कम 5 साल की लगातार सेवा वाले अस्थायी कर्मचारी
3; अखिल भारतीय सेवाओं के सदस्य, केंद्र सरकार के अधीन कार्यरत
4; केंद्र शासित प्रदेशों के कर्मचारी
5; प्रतिनियुक्ति पर कार्यरत अधिकारी
6; निलंबन की स्थिति में भी पात्रता, बशर्ते जमानत दी जाए
1; अपने नाम या पति/पत्नी के साथ संयुक्त स्वामित्व वाली जमीन पर नया घर बनाना
2; प्लॉट खरीदकर घर बनाना
3; सरकारी या मान्यता प्राप्त बिल्डर से नया घर/फ्लैट खरीदना
4; मौजूदा मकान का विस्तार करना
5; पहले से लिए गए Home Loan का पेमेंट करना (शर्तों के साथ)
वित्त वर्ष 2025-26 के लिए ब्याज दर 7.44% रखी गई है, जो हर साल तय होगी। रीपेमेंट की प्रक्रिया पहले 15 साल में मूलधन और उसके बाद 5 साल में ब्याज चुकाने की है। घर/फ्लैट का बीमा कराना अनिवार्य है, नहीं तो ब्याज दर में 2% अतिरिक्त जुड़ जाएगा।
घर की कुल लागत (जमीन को छोड़कर) कर्मचारी के बेसिक पे का 139 गुना या 1 करोड़ रुपये (जो भी कम हो) से अधिक नहीं हो सकती। जरूरत पड़ने पर विभागीय प्रमुख इस सीमा में 25% तक की छूट दे सकते हैं।
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Updated on:
14 Aug 2025 03:20 pm
Published on:
14 Aug 2025 12:57 pm