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ग्रामीण महिलाओं के हुनर को मिला नया मंच, बनी आत्मनिर्भरता की मिसाल, जानें कैसे?

CG News: बिहान बाजार में ग्रामीण महिला स्व-सहायता समूहों ने पारंपरिक और स्थानीय उत्पादों से चार दिन में 4.53 लाख रुपये की बिक्री की।

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बिहान बाजार (Photo source- Patrika)

बिहान बाजार (Photo source- Patrika)

रजत जयंती वर्ष और दीपावली पर्व के अवसर पर राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (बिहान) के तहत आयोजित बिहान बाजार ने चार दिन तक छत्तीसगढ़ के बलरामपुर जिले में त्योहार और ग्रामीण सशक्तिकरण का एक अनोखा संगम प्रस्तुत किया। इस बाजार में मिट्टी के दीपक, बांस के उपयोगी सामान, शुद्ध सरसों का तेल, श्रृंगार सामग्री और अन्य पारंपरिक वस्तुएं लोगों के आकर्षण का केंद्र बनीं। सबसे बड़ी बात यह रही कि ग्रामीण महिला स्व-सहायता समूहों ने अपने उत्पादों के माध्यम से उत्कृष्ट प्रदर्शन किया।

9 महिला समूहों ने चार दिनों में 4.53 लाख रुपये की बिक्री कर यह साबित कर दिया कि मेहनत, गुणवत्ता और आत्मनिर्भरता ही सफलता की कुंजी है। बिहान बाजार ने न केवल महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाया, बल्कि प्रधानमंत्री के ‘लोकल फॉर वोकल’ अभियान को भी नई गति दी। जिला प्रशासन के सहयोग से आयोजित यह आयोजन अब ग्रामीण अर्थव्यवस्था और महिला सशक्तिकरण की दिशा में सशक्त परंपरा बन चुका है।

ग्रामीण महिलाओं की सफलता की कहानी

रजत जयंती वर्ष और दिवाली त्योहार के मौके पर नेशनल रूरल लाइवलीहुड मिशन बिहान के तहत बिहान बाजार (Bihan Bazaar) का सफल आयोजन किया गया। इस चार दिन के इवेंट में दिवाली त्योहार से जुड़ी पारंपरिक चीज़ें जैसे मिट्टी के दीये, बाती, लाई, बताशा, बांस से बनी काम की चीज़ें, खाने-पीने की चीज़ें, शुद्ध सरसों का तेल, कॉस्मेटिक्स के साथ-साथ दूसरी काम की चीज़ें भी मिलीं। फूड ज़ोन भी लोगों के आकर्षण का केंद्र बना, जहाँ दिवाली की तैयारियों से जुड़ी हर चीज़ एक ही जगह पर मिल रही थी।

ग्रामीण महिला समूहों के उत्पादों को मिली पहचान

बिहान बाज़ार में ग्रामीण सेल्फ़-हेल्प ग्रुप की महिलाओं के प्रोडक्ट्स का शानदार डिस्प्ले था, जहाँ अलग-अलग महिला ग्रुप्स ने पारंपरिक और लोकल प्रोडक्ट्स दिखाए, जिन्हें एडमिनिस्ट्रेशन और आम लोगों ने बढ़ावा दिया।

9 महिला समूहों ने की 4.53 लाख की बिक्री

बिहान बाज़ार में कुल नौ महिला सेल्फ़-हेल्प ग्रुप ने स्टॉल लगाए। इन ग्रुप ने चार दिनों में लगभग ₹453,000 का सामान बेचा। ग्रामीण महिलाओं की सफलता उनकी कड़ी मेहनत, क्वालिटी और आत्मनिर्भरता की पहचान बन रही है। राज्य सरकार की बिहान स्कीम के तहत यह कामयाबी महिला सशक्तिकरण की दिशा में एक मज़बूत कदम है।

लोकल फॉर वोकल को मिला नया आयाम

बिहान बाज़ार ने न सिर्फ़ महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाया, बल्कि लोकल प्रोडक्ट्स को मार्केट करने का मौका भी दिया। यह प्रधानमंत्री के "वोकल फ़ॉर लोकल" कैंपेन को मज़बूत कर रहा है और गांव की इकॉनमी को नई तेज़ी दे रहा है। जय मां अम्बे ग्रुप की प्रेसिडेंट सलिता गुप्ता ने बताया कि डिस्ट्रिक्ट एडमिनिस्ट्रेशन के साथ मिलकर लगाए गए बिहान बाज़ार के ज़रिए ग्रुप द्वारा बनाए गए पूजा और घरेलू सामान की बिक्री से ग्रुप के सभी सदस्य बहुत खुश हैं।

उन्होंने आगे कहा कि उन्हें उम्मीद है कि ऐसे बाज़ार रेगुलर लगते रहेंगे। (Women Empowerment) बिहान के SVEP प्रोजेक्ट के तहत काम कर रहे उन्नति मंडल के एंटरप्रेन्योर्स ने बताया कि इस इवेंट से लगभग छह महीने की इनकम हो गई है। इससे उनका कॉन्फिडेंस बढ़ा है, और एडमिनिस्ट्रेशन के सपोर्ट से उन्हें बेहतर मौके मिले हैं, जो उन्हें आगे बढ़ने के लिए मोटिवेट करते हैं।

प्रशासन के सहयोग से हर वर्ष होगा बिहान बाजार

बिहान बाज़ार को परंपरा की तरह जारी रखने का ज़िला प्रशासन का दूर की सोच वाला नज़रिया, गांव के लोगों को आर्थिक रूप से मज़बूत बनाने की दिशा में एक मज़बूत कदम साबित होगा। आने वाले सालों में इसे और बड़े लेवल पर लगाया जाएगा, ताकि ज़्यादा से ज़्यादा महिला ग्रुप को अपने प्रोडक्ट दिखाने का मौका मिले।

गौरतलब है कि बलरामपुर में बिहान बाज़ार लगाया गया, जिससे सेल्फ़-हेल्प ग्रुप (Self-Reliance) की ग्रामीण महिलाओं को अपने हुनर ​​को पहचान दिलाने का सुनहरा मौका मिला और गांव के अलग-अलग हाथ से बने प्रोडक्ट को भी इस दिवाली में एक नया रंग भरने का मौका मिला।