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राजस्थान के मारवाड़ के पारंपरिक व्यंजनों की खुशबू अब प्रदेश की सीमाओं से निकलकर देश-विदेश तक पहुंच चुकी है। इनमें सबसे अधिक लोकप्रिय है काचरा और ग्वारफली की मिक्स सब्जी, जिसका नाम सुनते ही मुंह में पानी आ जाता है। खासकर बरसात के मौसम में इसकी ताजी महक पूरे क्षेत्र में फैल जाती है।
बरसात के मौसम में जब खेतों में ग्वारफली और काचरा की भरपूर पैदावार होती है, तब ग्रामीण महिलाएं इन्हें सुखाकर सालभर उपयोग के लिए तैयार करती हैं। महिलाएं सामूहिक रूप से बैठकर काचरे का छिलका उतारती हैं, टुकड़ों में काटती हैं और धूप में सुखाती हैं। वहीं ग्वारफली को पानी में हल्का उबालकर सुखाया जाता है।
दोनों सब्जियों को सूखने के बाद मिट्टी के बर्तनों में सुरक्षित रखा जाता है। यह सूखी सब्जी अगली बरसात तक उपयोग में ली जाती है। किसान शैतान सिंह राठौड़ के अनुसार काचरा और ग्वारफली पूरी तरह प्राकृतिक होती है तथा इनमें किसी रसायन या दवाई का उपयोग नहीं किया जाता, इसलिए ये स्वास्थ्य के लिए भी लाभदायक हैं। जीयादेवी कुमावत बताती हैं कि सूखी सब्जी सालभर खराब नहीं होती।
विदेश, दक्षिण भारत व अन्य राज्यों में बसे प्रवासी मारवाड़ी हर साल अपने गांवों से यह सूखी सब्जी मंगवाते हैं। बरसात के मौसम में जब वे गांव आते हैं, तो लौटते समय काचरा, ग्वारफली और टिंडसी जैसी सब्जियां साथ ले जाते हैं, ताकि परिजनों और स्थानीय मित्रों को भी मारवाड़ी जायके से परिचित करा सकें।
लीला देवी मुलेवा कहती हैं कि दिशावर (दूसरे प्रदेश) में काम करने वाले परिजन हर साल यह सब्जी भेजने की फरमाइश करते हैं। मारवाड़ आने वाले विदेशी मेहमान भी अब इस देशी स्वाद के दीवाने बन चुके हैं। वे बाजरी का सोगरा और दही के साथ काचरा-ग्वारफली की सब्जी का आनंद लेते हैं और इसकी अनोखी स्वादिष्टता की तारीफ करते नहीं थकते। साथ इसे अपने साथ लेकर भी जाते हैं।
काचरा और ग्वारफली की मिक्स सब्जी स्वास्थ्य के लिए भी बहुत फायदेमंद है। काचरा और ग्वारफली दोनों में फाइबर भरपूर मात्रा में होता है। इसलिए यह पाचन शक्ति को मजबूत बनाती है। यह शुगर नियंत्रण के लिए भी रामबाण है। ग्वारफली में मौजूद ग्वार गम ब्लड शुगर को नियंत्रित करने में मदद करता है।
काचरा और ग्वारफली की सब्जी दिल के लिए भी बहुत लाभकारी है। इसमें पाया जाने वाला घुलनशील फाइबर शरीर से खराब कोलेस्ट्रॉल के साथ ही यह मोटापा भी कम करती है। यह सब्जी कम कैलोरी और ज्यादा फाइबर वाली होती है। इससे पेट लंबे समय तक भरा रहता है। काचरी में विटामिन सी, कैल्शियम और आयरन होता है। जो शरीर को ऊर्जा देता है। ग्वारफली में कैल्शियम और फॉस्फोरस होता है जो हड्डियों को मजबूत करता है।
Updated on:
25 Oct 2025 07:30 pm
Published on:
25 Oct 2025 07:17 pm
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