
ड्रग तस्करों के खिलाफ ट्रंप की सख्ती। (फोटो: वाशिंगटन पोस्ट, डिजाइन: पत्रिका.)
Trump Latin America escalation: अमेरिकी पेंटागन ने शुक्रवार को एक बड़ा ऐलान किया है, जो राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump Pentagon) की ड्रग कार्टेल्स के खिलाफ आक्रामक नीति का नया अध्याय (Trump Latin America escalation) है। रक्षा सचिव पीट हेगसेथ ( Pete Hegseth) ने दुनिया के सबसे बड़े एयरक्राफ्ट कैरियर USS जेराल्ड आर फोर्ड को लैटिन अमेरिका भेजने का आदेश दिया है। यह कैरियर यूरोप से लौट रहा है,जो अपने साथ कई युद्धपोत, F-35 लड़ाकू विमान और करीब 4,500 नाविक ले जा रहा है। पेंटागन के प्रवक्ता शॉन पर्नेल (Shaun Purnell) ने कहा कि यह कदम न केवल ड्रग तस्करी को बाधित करेगा, बल्कि अपराधी गुटों को पूरी तरह खत्म करने का लक्ष्य रखता है।क्योंकि क्षेत्र में पहले से 6,000 अमेरिकी सैनिक मौजूद हैं, और यह तैनाती सैन्य ताकत दुगुनी कर देगी। ट्रंप का कहना है कि ड्रग कार्टेल्स अमेरिका को 'जहर' दे रहे हैं, इसलिए सैन्य बल का इस्तेमाल जरूरी है। लेकिन क्या यह सिर्फ ड्रग्स की लड़ाई है, या वेनेजुएला के मादुरो को हटाने की साजिश है? विशेषज्ञ सवाल उठा रहे हैं।
बात यह है किसितंबर से शुरू हुए अमेरिकी हमलों ने लैटिन अमेरिका को हिला दिया है। अब तक 10 संदिग्ध ड्रग नावों पर स्ट्राइक हो चुकी हैं, जिसमें 43 लोग मारे गए हैं। सबसे ताजा हमला ट्रेन डे अरागुआ गैंग की नाव पर हुआ, जिसमें 6 मौतें हुईं। ट्रंप ने गुरुवार को कहा कि 'जमीन पर अगला टारगेट' होगा, जो वेनेजुएला के ड्रग लैब्स या इंफ्रास्ट्रक्चर पर हमले का संकेत है।
पेंटागन ने हाल ही में लेफ्टिनेंट जनरल कैल्वर्ट वर्थ के नेतृत्व में नई जॉइंट टास्क फोर्स बनाई है। इसके अलावा, MV ओशन ट्रेडर जैसे विशेष जहाजों को स्पेशल ऑपरेशंस बेस के रूप में इस्तेमाल किया जा रहा है। लेकिन अंतरराष्ट्रीय कानून के जानकार इन हमलों को अवैध बता रहे हैं। उनका तर्क है कि ड्रग तस्करी अपराध है, न कि अमेरिका से सशस्त्र युद्ध। ट्रंप ने कार्टेल्स को 'अवैध योद्धा' घोषित कर कानूनी ढाल बनाई है, लेकिन कांग्रेस को सूचित करने के बावजूद, कई सांसद चिंतित हैं।
ट्रंप का फोकस वेनेजुएला के राष्ट्रपति निकोलास मादुरो पर है, जिन्हें उन्होंने ड्रग नेटवर्क का सरगना बताया है। अमेरिकी तट से वेनेजुएला की दूरी पर सैन्य गतिविधियां बढ़ गई हैं, जो मादुरो को सत्ता से हटाने की आड़ लग रही हैं। कोलंबिया के राष्ट्रपति गुस्तावो पेट्रो से भी झड़प हुई, जब उन्होंने एक अमेरिकी हमले में कोलंबियाई नागरिक की मौत का आरोप लगाया। ट्रंप ने पेट्रो को 'अवैध ड्रग लीडर' कहा और अमेरिकी सहायता रोक दी। शुक्रवार को ट्रेजरी डिपार्टमेंट ने पेट्रो पर प्रतिबंध लगाए।
अमेरिकी अधिकारी मानते हैं कि फेंटेनिल का ज्यादातर रूट मैक्सिको से जमीन मार्ग से आता है, न कि वेनेजुएला की नावों से। त्रिनिदाद एंड टोबैगो जैसे पड़ोसी देश अमेरिकी अभियान का समर्थन कर रहे हैं और जॉइंट ट्रेनिंग कर रहे हैं। कुल मिलाकर, यह तैनाती क्षेत्रीय स्थिरता को खतरे में डाल सकती है। क्योंकि ट्रंप की 'ड्रग वॉर' अब वैश्विक बहस का विषय बन गई है।
बहरहाल अमेरिका का लैटिन फोकस भारत को इंडो-पैसिफिक में नेतृत्व का मौका देता है, खासकर QUAD में। भारत-अमेरिका रक्षा व्यापार, जो 20 बिलियन डॉलर से ज्यादा है, और मजबूत हो सकता है। लेकिन ट्रंप के 25-50% टैरिफ की धमकी से भारत के 76 बिलियन डॉलर के निर्यात को नुकसान हो सकता है। लैटिन अमेरिका में अस्थिरता से भारत को ब्राजील, मैक्सिको जैसे देशों से व्यापार बढ़ाने का अवसर मिलेगा। हालांकि, वेनेजुएला में तनाव से ड्रग रूट्स भारत की ओर मुड़ सकते हैं। ट्रंप की रूस नीति भारत को कूटनीतिक दबाव में डाल सकती है, क्योंकि भारत रूस से तेल आयात करता है। भारत को जापान, यूरोप और ASEAN के साथ साझेदारी बढ़ानी होगी। यह तैनाती भारत की विदेश नीति के लिए लचीलापन और स्मार्ट रणनीति की मांग करती है।
(वॉशिंग्टन पोस्ट का यह आलेख पत्रिका.कॉम पर दोनों समूहों के बीच विशेष अनुबंध के तहत पोस्ट किया गया है।)
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Published on:
25 Oct 2025 03:14 pm
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