पूर्व IAS अधिकारी कन्नन गोपीनाथन (फोटो- X)
केरल में अगले साल विधानसभा चुनाव होना है। कांग्रेस वहां मुख्य विपक्षी पार्टी है। चुनाव से पहले पूर्व IPS अधिकारी कन्नन गोपीनाथन ने कांग्रेस की सदस्यता ग्रहण की है। सोमवार को दिल्ली में उन्होंने केरल से आने वाले कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल की मौजूदगी में पार्टी की सदस्यता ग्रहण की है। गोपीनाथन ने साल 2019 में जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 निरस्त किए जाने के विरोध में IAS पद से इस्तीफा दे दिया था। वह तब से मोदी सरकार के मुखर आलोचक के तौर पर सामने आने लगे। संभावना है कि पार्टी उन्होंने आगामी विधानसभा चुनाव में प्रत्याशी बना सकती है।
कन्नन गोपीनाथन ने कहा, 'मैंने 2019 में नौकरी से इस्तीफा दिया। तब ये पता था कि मोदी सरकार देश को जिस दिशा में लेकर जा रही है, वह रास्ता गलत है। मुझे यह भी पता था कि इस ‘गलत’ के खिलाफ लड़ना है। इस फैसले के बाद मैं देश के 80-90 जिलों में गया, लोगों से बातचीत की और तमाम नेताओं से मुलाकात की। मुझे समझ आया कि कांग्रेस पार्टी ही इस देश को सही दिशा में ले जा सकती है।'
उन्होंने आगे कहा, 'हम बहुत समय बाद प्रजा से नागरिक बने थे, क्योंकि हमें सवाल पूछने का हक है। मगर हमने यह भी देखा कि इस सरकार में जो भी सवाल पूछता है, उसे देशद्रोही बता दिया जाता है। मुझे काफी वक्त लगा, लेकिन खुशी है कि आज मैं कांग्रेस पार्टी से जुड़ा हूं और मुझे पार्टी जो भी जिम्मेदारी देगी, उसे पूरी ईमानदारी से निभाऊंगा।'
कांग्रेस की सदस्यता ग्रहण करने के बाद गोपीनाथन ने कहा कि मैंने उस वक्त भी इस बात को क्लियर रखा था कि 370 हटाना है या नहीं हटाना है। यह सरकार का फैसला हो सकता है, पर उसके बाद पूरे प्रदेश को आप ये फैसला करते हैं कि आप उसे बंद कर देंगे। जिस तरह से वहां के सभी लीडर्स को, मान लीजिए कि यही बात अगर दिल्ली में होती है तो जितने पत्रकार हैं, सांसद हैं, उन सबको जेल में डाल दिया जाए और यहां की ट्रांसपोर्ट व्यवस्था को बंद कर दिया जाए तो क्या वो सही है। यह सिर्फ मेरे लिए सवाल नहीं है बल्कि हम सबके लिए सवाल है। क्या वो किसी भी लोकतांत्रिक देश में सही हो सकता है। क्या उसके खिलाफ आवाज नहीं उठनी चाहिए थी। वही सवाल मैंने उठाया है और अभी भी मैं इस पर कायम हूं।
पूर्व IAS अधिकारी कन्नन गोपीनाथन ने हाल ही में कांग्रेस पार्टी जॉइन करने के बाद RSS पर तीखा प्रहार किया। उन्होंने RSS को 'कट्टर हिंदुत्व संगठन' बताते हुए कहा कि यह लोकतंत्र के लिए खतरा है। RSS की विचारधारा देश को बांट रही है, जबकि कांग्रेस ही न्यायपूर्ण भारत का रास्ता दिखा सकती है।
कन्नन गोपीनाथन साल 2012 बैच के सिविल सेवा अधिकारी हैं। वह दादरा और नगर हवेली के कलेक्टर थे। साल 2018 में केरल में आई बाढ़ में उन्होंने राहत-शिविर में काम किया था। साल 2019 में उन्होंने पद से इस्तीफा दे दिया था। साल 2020 में भारत सरकार ने उन्हें ड्यूटी पर आने के लिए कहा, लेकिन उन्होंने यह कहते हुए मना कर दिया कि वह कोविड-19 संकट के लिए स्वेच्छा से काम करने को तैयार हैं और आईएएस में दोबारा शामिल नहीं होंगे।
केरल के कोट्टायम जिले में जन्मे गोपीनाथन ने कोट्टायम आने से पहले अपनी शिक्षा पलक्कड़ में हासिल की। गोपीनाथन ने बिरला इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी, मेसरा, रांची से इलेक्ट्रिकल और इलेक्ट्रॉनिक्स में इंजीनियरिंग की। उनकी शादी सॉफ्टवेयर इंजीनियर हिमानी पाठक से हुई है।
सरकारी सेवाओं में कार्यरत लोगों के लिए नियम स्पष्ट है। इसके मुताबिक सरकारी कर्मचारी किसी भी राजनीतिक दल में शामिल नहीं हो सकते हैं। वह चुनाव नहीं लड़ सकते हैं। केंद्रीय सिविल सेवा (आचरण) नियम, 1964 के नियम 5 में कहा गया है
कि कोई भी सरकारी कर्मचारी किसी भी राजनीतिक दल या राजनीति में भाग लेने वाले किसी भी संगठन का सदस्य या उसेस कोई जुड़ा नहीं होगा, न ही वह किसी भी राजनीतिक आंदोलन या गतिविधि में भाग लेगा या उनकी आर्थिक व अन्य रूप से मदद करेगा।
कांग्रेस पार्टी की सदस्यता ग्रहण करने के बाद कन्नन गोपीनाथन ने इंडियन एक्सप्रेस से कहा कि मेरे इस्तीफे के स्वीकार होने की पुष्टि मेरे पास नहीं। मुझे नहीं पता कि मोदी सरकार की मंशा क्या है? लेकिन बीते 6 साल तक मेरे इस्तीफे को लंबित लटकाकर मुझे परेशान करने की कोशिश की गई। उन्होंने कहा कि मैंने अपना इस्तीफा पहले ही दे दिया है।
अरविंद केजरीवाल: IRS अधिकारी (1995 बैच) अरविंद केजरीवाल ने RTI एक्टिविस्ट के रूप में सामाजिक सफर शुरू किया। इसके बाद उन्होंने आम आदमी पार्टी बनाई और करीब एक दशक तक दिल्ली के मुख्यमंत्री रहे।
यशवंत सिन्हा: 1960 बैच के बिहार कैडर IAS अधिकारी रहे यशवंत सिन्हा ने पद से इस्तीफा देकर 1984 में जनता दल ज्वाइन किया। इसके बाद वह बीजेपी में शामिल हो गए। वह अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार में वित्त मंत्री बने।
मीरा कुमार: 1973 बैच की भारतीय विदेश सेवा अधिकारी व पूर्व उप प्रधानमंत्री जगजीवन राम की बेटी मीरा कुमार ने पद से इस्तीफा दिया और कांग्रेस में शामिल हो गईं। वह 1985 में कांग्रेस से लोकसभा सांसद बनीं। मीरा कुमार 2009 से 2014 तक लोकसभा की अध्यक्ष रहीं।
कुंवर नटवर सिंह: 1953 बैच के भारतीय विदेश सेवा अधिकारी रहे नटवर सिंह ने अपनी सेवा के 31 साल बाद कांग्रेस पार्टी ज्वाइन की। वह विदेश मंत्री रहे।
इनके अलावे, IAS अधिकारी रहे अजीत जोगी छत्तीसगढ़ के सीएम बने। पूर्व सिविल सेवा अधिकारी ओपी चौधरी वर्तमान में छत्तीसगढ़ के वित्त मंत्री हैं। इसके साथ ही, किरण बेदी, हरदीप सिंह पूरी, अश्विणी वैष्णव, असीम अरुण, आरसीपी सिंह ने सिविल सेवा अधिकारी रहने के बाद राजनीति में कदम रखा।
Published on:
14 Oct 2025 01:27 pm
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