Chronic Inflammation : पुरानी सूजन: दुनिया की 60% मौतों का ‘साइलेंट किलर’ (फोटो सोर्स: AI image@Gemini)
Chronic Inflammation : आजकल डॉक्टर एक नई खामोश बीमारी के बारे में चेतावनी दे रहे हैं पुरानी सूजन (Chronic Inflammation)। यह एक ऐसी छुपी हुई समस्या है जो दुनिया भर में हर दूसरे वयस्क को प्रभावित कर रही है। वैज्ञानिकों के अनुसार दुनिया में होने वाली लगभग 60% मौतें किसी न किसी तरह पुरानी सूजन से जुड़ी बीमारियों के कारण होती हैं।
अक्सर लोगों को पता भी नहीं चलता कि उनके शरीर में धीरे-धीरे सूजन बनी हुई है। यह सूजन किसी चोट या इंफेक्शन जैसी नहीं होती, बल्कि धीरे-धीरे शरीर के अंदर अंगों, नसों और ऊतकों को नुकसान पहुंचाती रहती है। समय के साथ यही सूजन हार्ट डिजीज, डायबिटीज, लिवर की समस्या और कुछ तरह के कैंसर जैसी गंभीर बीमारियों की वजह बन जाती है।
क्योंकि इसके लक्षण बहुत हल्के होते हैं, लोग इसे आम थकान या उम्र का असर समझकर नजरअंदाज कर देते हैं। यही वजह है कि डॉक्टर इसे अब “साइलेंट किलर” यानी खामोश हत्यारा और एक छुपी महामारी (Hidden Epidemic) कह रहे हैं।
पुरानी सूजन तब होती है जब शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली लगातार सक्रिय रहती है, लेकिन मौजूदा खतरों से निपटने के बजाय, प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया गड़बड़ा जाती है, जिससे ऐसे अणु निकलते हैं जो ऊतकों और कोशिकाओं को तेजी से नुकसान पहुंचाते हैं। समय के साथ इससे ऑक्सीडेटिव तनाव, अंगों की खराबी और बीमारियों के प्रति संवेदनशीलता बढ़ जाती है। कुपोषण, खराब नींद, तनाव, गतिहीन लाइफ स्टाइल और पर्यावरण प्रदूषण, ये सभी इस पुरानी सूजन को ट्रिगर कर सकते हैं।
एनसीबीआई के 2014 के एक अध्ययन के अनुसार, लगभग 60% अमेरिकियों को कम से कम एक पुरानी बीमारी थी। उसी अनुमान के अनुसार, 42% को एक से ज्यादा पुरानी बीमारियां थीं। यह भी उद्धृत किया गया: 12% वयस्कों को पांच या उससे ज्यादा पुरानी बीमारियां थीं। शोध में यह भी कहा गया है कि दुनिया भर में, 5 में से 3 लोग पुरानी सूजन संबंधी बीमारियों के कारण मरते हैं जिसका अर्थ है कि वैश्विक मौतों में से 60% पुरानी सूजन से जुड़ी बीमारियों के कारण होती हैं।
वैज्ञानिकों का मानना है कि पुरानी सूजन (chronic inflammation) हमारे शरीर में कई बड़ी बीमारियों की जड़ है। यही सूजन धीरे-धीरे दिल की बीमारी, टाइप 2 डायबिटीज, मोटापा, लिवर की समस्या, ऑटोइम्यून डिजीज और यहां तक कि अल्ज़ाइमर जैसी दिमाग़ से जुड़ी बीमारियों की वजह बन जाती है।
जब शरीर में लंबे समय तक सूजन बनी रहती है तो यह रक्त वाहिकाओं, नसों और अंगों को धीरे-धीरे नुकसान पहुंचाती है। इससे शरीर बीमारियों के लिए और ज्यादा कमजोर हो जाता है।
डाइट और दवाइयां सूजन के लक्षणों को कुछ हद तक कंट्रोल कर सकती हैं, लेकिन अगर असली इलाज करना है तो सूजन को उसकी जड़ से खत्म करना जरूरी है तभी शरीर को स्थायी नुकसान से बचाया जा सकता है।
तीव्र सूजन थोड़े समय के लिए फायदेमंद होती है, लेकिन दीर्घकालिक सूजन (Chronic Inflammation) लंबे समय में शरीर के लिए नुकसानदायक बन जाती है। यह प्रतिरक्षा कोशिकाओं द्वारा छोड़े गए साइटोकिन्स के कारण होती है, जो लगातार सक्रिय रहकर ऊतकों को नुकसान पहुंचाती हैं।
समय के साथ शरीर जब इस नुकसान की भरपाई करने की कोशिश करता है, तो फाइब्रोसिस (निशान ऊतक) बन जाता है, जिससे अंगों का सामान्य कार्य बिगड़ने लगता है।
दीर्घकालिक सूजन शुरू में कभी भी स्पष्ट लक्षण नहीं दिखाती है, और इसलिए अधिकांश व्यक्तियों को यह एहसास भी नहीं होता कि उन्हें यह है। इसके सूक्ष्म लक्षण थकान, जठरांत्र संबंधी परेशानी, बिना किसी कारण के वज़न बढ़ना या घटना, मस्कुलोस्केलेटल दर्द या बार-बार होने वाली त्वचा संबंधी समस्याएं हो सकती हैं। ये लक्षण आमतौर पर तनाव, बढ़ती उम्र या हल्की बीमारियों से जुड़े होते हैं, और इनका तुरंत इलाज नहीं किया जाता। डॉक्टर द्वारा समय-समय पर जाँच, सूजन के संकेतों के लिए प्रयोगशाला परीक्षण और जीवनशैली संबंधी कारकों को ध्यान में रखकर, सूजन को गंभीर बीमारियों में बदलने से पहले ही पहचाना जा सकता है।
सूजन से बचने के लिए हमें अपनी खान-पान और लाइफ पर ध्यान देना जरूरी है।
सही डाइट इसमें बड़ी भूमिका निभाती है जैसे एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर फल-सब्जियां, ओमेगा-3 फैटी एसिड और फाइबर सूजन को कम करते हैं। वहीं, प्रोसेस्ड फूड, ज्यादा चीनी और शराब सूजन को बढ़ा सकते हैं।
इसके अलावा अच्छी नींद लेना, तनाव कम करना और नियमित व्यायाम करना भी शरीर की सूजन को घटाने में मदद करता है। अगर समय रहते इलाज और डॉक्टर की सलाह ली जाए, तो लंबे समय की बीमारियों का खतरा घटता है और जीवन की गुणवत्ता बेहतर होती है।
Published on:
14 Oct 2025 01:26 pm
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