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पारंपरिक खेती छोड़ अब किसान कर रहे हैं मिर्च की आधुनिक खेती, हो रही दुगुनी कमाई, जानें कैसे?

Chilli cultivation: छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय किसानों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए कृषि के साथ उद्यानिकी फसलों को बढ़ावा दे रहे हैं।

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किसान को मिला आमदनी का नया रास्ता (Photo source- Patrika)

किसान को मिला आमदनी का नया रास्ता (Photo source- Patrika)

Chilli cultivation: मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के किसानों को आत्मनिर्भर और आर्थिक रूप से सशक्त बनाने के प्रयास अब धरातल पर नजर आने लगे हैं। राज्य में कृषि के साथ उद्यानिकी और सब्जी उत्पादन की दिशा में किसानों को लगातार प्रोत्साहित किया जा रहा है। उद्यानिकी विभाग के मार्गदर्शन और तकनीकी प्रशिक्षण की बदौलत किसान अब पारंपरिक खेती से आगे बढ़कर बागवानी और नकदी फसलों की ओर रुख कर रहे हैं। इसी कड़ी में मनोरा विकासखण्ड के ग्राम केराकोना के किसान सायो ने मिर्च की खेती से सफलता की नई कहानी लिखी है।

आमदनी का नया रास्ता

मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय किसानों को आर्थिक रूप से मजबूत बनाने के लिए खेती के साथ-साथ दूसरी फसलें उगाने के लिए प्रोत्साहित कर रहे हैं। हॉर्टिकल्चर डिपार्टमेंट किसानों को हॉर्टिकल्चरल फसलें और सब्जियां उगाने के लिए प्रोत्साहित कर रहा है, ताकि उन्हें रोजगार के मौके मिल सकें और उनकी इनकम लगातार बढ़ सके। (Chhattisgarh agriculture development) हॉर्टिकल्चर डिपार्टमेंट किसानों को मॉडर्न खेती की तकनीक सिखाने की ट्रेनिंग दे रहा है।

हॉर्टिकल्चर डिपार्टमेंट किसानों को टेक्निकल ट्रेनिंग देकर एडवांस फसलें उगाने के लिए भी प्रोत्साहित कर रहा है। इससे प्रेरित होकर किसान पारंपरिक फसलों के बजाय हॉर्टिकल्चर और सब्जी की खेती की ओर बढ़ रहे हैं। इसी तरह, मनोरा डेवलपमेंट ब्लॉक के केराकोना गांव के रहने वाले किसान साय ने भी हॉर्टिकल्चर डिपार्टमेंट (Chhattisgarh farmers) से टेक्निकल गाइडेंस लेकर हॉर्टिकल्चरल फसलों की ओर कदम बढ़ाया है।

ऐसे हुआ मिर्च उत्पादन की शुरुआत

हॉर्टिकल्चर डिपार्टमेंट (Horticulture Department) ने उनके खेत की जांच करने और हालात देखने के बाद उन्हें मिर्च की खेती करने का सुझाव दिया। इसके बाद, सायो ने अपने खेत में मिर्च की खेती शुरू कर दी। किसान सायो ने बताया कि हॉर्टिकल्चर डिपार्टमेंट से मिर्च के महत्व और फायदों के बारे में मिली टेक्निकल गाइडेंस के तहत, उन्होंने अपने कुल 3.6 हेक्टेयर में से 0.3 हेक्टेयर में मिर्च की खेती शुरू की।

लोकल मार्केट के साथ-साथ आस-पास के मार्केट में मिर्च की ज़बरदस्त डिमांड को देखते हुए, उन्होंने डिपार्टमेंट के अधिकारियों की गाइडेंस में काम किया, जिससे अच्छी इनकम हुई। उन्होंने बताया कि पारंपरिक फसलों की जगह मिर्च की खेती से उनकी इनकम दोगुनी हो रही है। वह अगले फसल साल (Chhattisgarh agriculture development) में और भी बड़े एरिया में मिर्च की खेती करने के लिए उत्साहित हैं।