उच्च शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं के बजट में वृद्धि की जानी चाहिए। बेरोजगारों को भत्ता देने के बजाय रोजगार के अवसर उपलब्ध कराए जाएं।
इस बजट से अपेक्षा है कि महंगाई पर लगाम लगे ताकि मध्यम वर्ग को राहत मिले। गरीबों को सरकार द्वारा राशन मिल रहा है, लेकिन मध्यम वर्ग पर महंगाई का सीधा प्रभाव पड़ रहा है। उच्च शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं के बजट में वृद्धि की जानी चाहिए। बेरोजगारों को भत्ता देने के बजाय रोजगार के अवसर उपलब्ध कराए जाएं। सरकार द्वारा चलाई जा रही निशुल्क योजनाओं की वास्तविकता पर ध्यान दिया जाए कि लाभार्थी तक उनका लाभ पहुंच रहा है या बिचौलियों का फायदा हो रहा है। महिला सुरक्षा के लिए कठोर नियम लागू किए जाएं और यदि बजट की कमी आ रही है, तो इस क्षेत्र में भी वृद्धि हो।
-लता अग्रवाल, चित्तौड़गढ़
केंद्रीय बजट 2025-26 से आर्थिक विकास, तकनीकी नवाचार और वित्तीय स्थिरता की उम्मीद है। वैश्विक अर्थव्यवस्था में 2025 में 3.3% की वृद्धि का अनुमान है, लेकिन टैरिफ और बजट घाटे जैसी चुनौतियां बनी रहेंगी। माइक्रोसॉफ्ट जैसी कंपनियां भारत में एआई और क्लाउड इंफ्रास्ट्रक्चर में निवेश कर रही हैं, जिससे डिजिटल प्रगति को बढ़ावा मिलेगा। सरकार को बेरोजगारों के लिए ठोस रोजगार योजनाओं पर ध्यान देना चाहिए।
-डॉ. अजिता शर्मा, उदयपुर
केंद्रीय बजट से सबसे अधिक उम्मीदें मध्यम वर्ग को होती हैं क्योंकि यह देश का एक बड़ा उपभोक्ता वर्ग है, जिसका सकल घरेलू उत्पाद पर सीधा प्रभाव पड़ता है। अमीर वर्ग को बजट से कोई विशेष फर्क नहीं पड़ता और गरीब वर्ग के लिए सरकारी योजनाएं पहले से मौजूद हैं। इसलिए, बजट निर्माण में मध्यम वर्ग को प्राथमिकता दी जानी चाहिए ताकि यह वर्ग प्रभावित न हो।
-रुपसिंह ठाकुर, इंदौर
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण का यह आठवां बजट होगा, जिससे जनहितैषी होने की उम्मीद है। पेट्रोल-डीजल पर एक्साइज ड्यूटी में कटौती, इलेक्ट्रॉनिक्स पर इम्पोर्ट ड्यूटी घटाने, 10 लाख तक की आयकर छूट और पीएम किसान सम्मान निधि को 6,000 से बढ़ाकर 10-12 हजार करने जैसी घोषणाएं इसमें हो सकती हैं।
-संजय डागा, इंदौर
बचत और निवेश को मिले बढ़ावा
महंगाई और बढ़ते खर्चों के कारण बचत और निवेश में कमी आ रही है। आयकर की सीमा को 10 लाख करना उचित होगा। पेंशनर्स की आय को पूरी तरह कर-मुक्त किया जाए। कृषि उपकरणों को सस्ता किया जाए और किसानों को तकनीकी प्रशिक्षण व विशेषज्ञों की राय उपलब्ध कराई जाए।
-बी. एल. शर्मा, उज्जैन
केंद्रीय बजट से आम जनता को कोई विशेष लाभ नहीं मिलेगा क्योंकि सत्ता पक्ष बजट को सिर्फ अपने वोट बैंक को ध्यान में रखकर बनाता है। बजट बनाने वाले बड़े अधिकारी जमीन की सच्चाई से दूर होते हैं, जिससे आम जनता की वास्तविक जरूरतों की अनदेखी होती है।
-चप्पू अग्रवाल, जयपुर
इस बजट में आर्थिक विकास और सामाजिक कल्याण का संतुलन होना चाहिए। मध्यम वर्ग को कर राहत मिले, MSME और स्टार्टअप्स को बढ़ावा दिया जाए। शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार और बुनियादी ढांचे के विकास पर जोर हो। कृषि और डिजिटल अर्थव्यवस्था के लिए विशेष योजनाएं लाई जाएं। महंगाई नियंत्रण पर ध्यान दिया जाए और ग्रीन एनर्जी व 'मेक इन इंडिया' जैसी पहलों को प्रोत्साहित किया जाए।
-संजय माकोड़े, बैतूल
इस बजट से महंगाई से राहत, आयकर स्लैब में बदलाव और टैक्स कटौती की उम्मीद की जा रही है। औद्योगिक विकास, स्टार्टअप्स को प्रोत्साहन और रोजगार सृजन पर ध्यान दिया जाना चाहिए। कृषि क्षेत्र में सब्सिडी और फसल बीमा को प्राथमिकता मिले। शिक्षा क्षेत्र में निवेश बढ़ाकर डिजिटल लर्निंग को बढ़ावा दिया जाए। स्वास्थ्य और ग्रीन एनर्जी को प्रोत्साहित किया जाए, ताकि यह बजट हर वर्ग के लिए प्रगतिशील साबित हो।
-रोहित सोलंकी, नर्मदापुरम
Published on:
30 Jan 2025 02:44 pm
बड़ी खबरें
View Allओपिनियन
ट्रेंडिंग