ट्रैफिक जाम की समस्या का मुख्य कारण ट्रैफिक नियमों की अवहेलना है। लोग मनमाने ढंग से वाहन चलाते और खड़े करते हैं। ट्रैफिक पुलिस को समय रहते यातायात को नियंत्रित और सुचारु रखना चाहिए। त्योहारों, जलसों और सड़क मरम्मत के दौरान रूट डायवर्शन स्पष्ट होना चाहिए। जनता की जागरूकता और ऑटोमैटिक चालान प्रणाली से यातायात अनुशासन बेहतर हो सकता है।
– डॉ. माधव सिंह भामु, श्रीमाधोपुर (सीकर)
जाम की समस्या से निपटने के लिए सार्वजनिक परिवहन को सुदृढ़ किया जाए, सड़कों और पार्किंग व्यवस्था में सुधार हो। प्रशासन और ट्रैफिक पुलिस प्रभावी प्रबंधन करें तथा नागरिकों में यातायात अनुशासन बढ़ाया जाए।
– शौर्य शर्मा, जयपुर
शहरों में ट्रैफिक जाम की समस्या से निजात के लिए नगर निगम और ट्रैफिक पुलिस को संयुक्त रूप से ‘अतिक्रमण मुक्त शहर’ अभियान चलाना चाहिए। दुकानदारों द्वारा सड़क पर फैलाए गए सामान की जब्ती और बार-बार उल्लंघन पर एफआईआर जरूरी है। भीड़ वाले क्षेत्रों में वन-वे सिस्टम और ‘ट्रैफिक प्रहरी’ नियुक्त किए जाएं ताकि व्यवस्था सुचारु रहे।
– आलोक वालिम्बे, बिलासपुर (छत्तीसगढ़)
फुटपाथ पर अतिक्रमण से पैदल चलने वालों को जगह नहीं मिलती, गाड़ियां सड़क पर खड़ी रहती हैं और जाम लग जाता है। प्रशासन को इस पर सख्ती दिखानी चाहिए।
– साजिद अली, इंदौर
जाम से निपटने के लिए बड़े और छोटे वाहनों के लिए अलग मार्ग बनाए जाएं। भीड़भाड़ वाले क्षेत्रों में कड़ी निगरानी हो और चालान प्रणाली सख्त की जाए। सीसीटीवी कैमरे से निगरानी बढ़ाकर ट्रैफिक जाम रोका जा सकता है।
– निर्मला वशिष्ठ, राजगढ़ (अलवर)
जाम की समस्या सभी के साझा प्रयासों से हल हो सकती है। कंपनियां कर्मचारियों के लिए ‘वर्क फ्रॉम होम’ या लचीले समय की नीति अपनाएं। बसों के लिए आरक्षित लेन बने और मेट्रो या बस स्टेशनों के पास पार्किंग सुविधाएं विकसित की जाएं, ताकि लोग सार्वजनिक परिवहन अपनाएं।
– डॉ. अजिता शर्मा, उदयपुर
बढ़ती जनसंख्या और निजी वाहनों की अधिकता से जाम बढ़ रहा है। शहरों में सार्वजनिक परिवहन को प्राथमिकता दी जाए। नागरिक भी कम दूरी पर साइकिल या दोपहिया का उपयोग करें, इससे प्रदूषण भी घटेगा।
– दिनेश मेघवाल, सरेकला (उदयपुर)
जाम से निजात के लिए मेट्रो विस्तार, कार पूलिंग, साइकिल चलाने और पैदल चलने को बढ़ावा देना जरूरी है। अतिक्रमण हटाकर स्मार्ट ट्रैफिक सिस्टम लागू किया जाए और पुलिस हर चौराहे पर मुस्तैदी से तैनात रहे।
– शिवजी लाल मीना, जयपुर
सार्वजनिक परिवहन को बढ़ावा देना, सड़कों की समयबद्ध मरम्मत, पार्किंग व्यवस्था में सुधार और एकतरफा मार्गों की योजना से जाम घटाया जा सकता है। नागरिकों को ट्रैफिक नियमों के पालन के लिए जागरूक किया जाए।
– प्रकाश कटारिया, हुबली
परीक्षा, मेला या जलसों के दौरान प्रशासन को पूर्व-नियोजन कर ट्रैफिक डायवर्जन तय करना चाहिए। पार्किंग व्यवस्था बेहतर हो और वीवीआईपी कल्चर समाप्त किया जाए। जनता को भी प्रशासन का सहयोग करना चाहिए।
– अजीत सिंह सिसोदिया, खारा (बीकानेर)
सरकारी और निजी कर्मचारी बाजार या दफ्तर जाते समय सार्वजनिक परिवहन का उपयोग करें। शहर में बाहर से आने वाली निजी गाड़ियों की पार्किंग शहर के बाहर हो। पैदल चलने और साइकिल को बढ़ावा देना भी जरूरी है।
– नरपत सिंह चौहान, जैतारण (ब्यावर)
सड़कों पर दुकानदार अपने सामान को सड़क किनारे फैला देते हैं, जिससे राहगीरों की भीड़ बढ़ जाती है और जाम लगता है। दुकानदारों से अपील है कि अपने सामान को दुकान की सीमा तक ही रखें।
– प्रियव्रत चारण ‘लव’, जोधपुर
सड़कों को अतिक्रमण मुक्त करना और ट्रैफिक जाम वाले इलाकों में एआई कैमरे लगाना जरूरी है। इनसे न केवल सतत निगरानी होगी बल्कि ट्रैफिक नियंत्रण में भी मदद मिलेगी।
– शैलेंद्र टेलर, उदयपुर
Published on:
15 Oct 2025 06:18 pm
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