डॉक्टर कृतिका एम. रेड्डी और उनके पति महेंद्र रेड्डी जी.एस (Photo - Kruthika M Reddy/Instagram)
बेंगलुरु की यंग और डर्मेटोलॉजिस्ट डॉक्टर कृतिका एम. रेड्डी की संदिग्ध मौत ने चिकित्सा जगत और समाज दोनों को झकझोर दिया है। छह महीने पहले इसे नैचुरल डेथ बताया गया था, लेकिन अब फॉरेंसिक रिपोर्ट ने खुलासा किया है कि उन्हें 'प्रोपोफोल' नामक एनेस्थेटिक दवा देकर मारा गया है। मामले का पर्दाफाश उनकी बड़ी बहन डॉक्टर निकिता एम. रेड्डी की जिद के कारण हुआ, जिन्होंने मौत की सच्चाई जानने के लिए पोस्टमार्टम की मांग की थी।
पुलिस के अनुसार, कृतिका के पति डॉक्टर महेंद्र रेड्डी जी.एस एक सर्जन हैं। महेंद्र ने इलाज के नाम पर अपनी पत्नी को प्रोपोफोल इंजेक्शन की ओवरडोज़ दी। यह दवा केवल अस्पताल के ऑपरेशन थिएटर में इस्तेमाल की जा सकती है, लेकिन महेंद्र ने इसे घर पर IV के ज़रिए दिया। महेंद्र को पुलिस ने कर्नाटक के उडुपी ज़िले के मणिपाल से गिरफ्तार किया। फिलहाल वह नौ दिन की पुलिस हिरासत में है।
मराठहल्ली पुलिस के अनुसार, कृतिका की मौत के छह महीने बाद आई FSL रिपोर्ट में उनके शरीर और उपकरणों में प्रोपोफोल के अंश पाए गए। डीसीपी (व्हाइटफील्ड डिवीजन) के. परशुराम ने बताया, "महेंद्र द्वारा इलाज में उपयोग किए गए सभी उपकरण जब्त कर लिए गए हैं। शुरू में यह मामला प्राकृतिक मौत जैसा लगा, लेकिन पोस्टमार्टम रिपोर्ट ने सारा सच उजागर कर दिया। अब यह साफ है कि दवा का दुरुपयोग किया गया था।"
कृतिका और महेंद्र की शादी मई 2024 में हुई थी। कृतिका के जीजा मोहन रेड्डी टी.एस. के अनुसार, परिवार ने शादी में लगभग 2 करोड़ खर्च किए थे। उन्होंने बताया कि कृतिका की मौत से पहले महेंद्र ने अस्पताल खोलने के लिए आर्थिक मदद मांगी थी, हमने सलाह दी कि पहले थोड़ा अनुभव हासिल करें, क्योंकि अस्पताल बनवाना करोड़ों का काम है। वह इस बात से नाराज़ था।" मोहन ने आगे कहा, "मेरी साली का खुद का डर्मेटोलॉजी क्लिनिक 4 मई 2025 को खुलने वाला था।"
शादी के बाद कृतिका अपने पति के साथ अय्यप्पा लेआउट में रहती थीं। 21 अप्रैल को उन्होंने पेट दर्द की शिकायत की और तेजी से ठीक होने के लिए अपने मायके चली गईं। 23 अप्रैल को कृतिका ने उन्हें व्हाट्सएप संदेश भेजा कि कैन्युला (सुई) से दर्द हो रहा है और क्या वह इसे हटा सकती हैं। महेंद्र ने मना किया और उसी दिन मायके जाकर फिर से इलाज जारी रखा।
परिवार का आरोप है कि महेंद्र ने या तो पैसों के लिए या किसी प्रेम संबंध के चलते पत्नी की हत्या की। मोहन के अनुसार, "महेंद्र के खिलाफ 2023 में और उसके जुड़वां भाई नागेंद्र रेड्डी के खिलाफ 2018 में केस दर्ज थे। दोनों ने मौत से ठीक एक दिन पहले ही केस का समझौता किया था।”
मौत के बाद भी महेंद्र कई बार कृतिका के मायके गया और कहता रहा कि वह डिप्रेशन में है। किसी को भी उस पर शक नहीं हुआ, जब तक कि FSL रिपोर्ट नहीं आ गई। मोहन ने बताया, "जब रिपोर्ट में प्रोपोफोल के अंश मिले, तब हमें समझ आया कि वही दवा IV के ज़रिए दी गई थी, जिसने उसकी जान ले ली।"
मोहन ने बताया, "23 अप्रैल की रात इलाज करने के बाद महेंद्र दूसरे कमरे में सो गया। सुबह कृतिका बेहोश मिलीं। परिवार और महेंद्र ने तुरंत उन्हें अस्पताल पहुंचाया, लेकिन डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया।" महेंद्र ने पोस्टमार्टम कराने से इंकार किया और कहा कि शव को उनके गृहनगर आंध्र प्रदेश ले जाकर अंतिम संस्कार किया जाए। लेकिन निकिता ने साफ कहा, "पोस्टमार्टम के बिना अंतिम संस्कार नहीं होगा।"
कृतिका के पिता म्यूनि रेड्डी ने कहा, "मेरी बेटी ने अपने पति पर और उसके पेशे पर पूरा भरोसा किया था। लेकिन जिस मेडिकल ज्ञान का इस्तेमाल दूसरों की जान बचाने के लिए होना चाहिए था, उसी से उसने मेरी बेटी की जान ले ली।" उन्होंने न्याय की मांग करते हुए कहा कि इस “पूर्व-नियोजित अपराध” के लिए सबसे कठोर सजा दी जानी चाहिए।
Published on:
16 Oct 2025 09:22 am
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