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मुंबई एयरपोर्ट पर बांग्लादेशी घुसपैठिया गिरफ्तार, 20 सालों से अवैध रूप से रह रहा भारत

मुंबई एयरपोर्ट पर सहार पुलिस ने एक बांग्लादेशी नागरिक को फर्जी भारतीय पासपोर्ट के साथ गिरफ्तार किया, जो 2005 से भारत में अवैध रूप से रह रहा था। आरोपी ने पासपोर्ट के जरिए विदेश यात्राएं कीं और कुवैत में नौकरी भी हासिल की।

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मुंबई एयरपोर्ट पर बांग्लादेशी नागरिक गिरफ्तार (IANS)

मुंबई की सहार पुलिस ने एक बांग्लादेशी नागरिक को हिरासत में ले लिया है, जो करीब दो दशकों से अवैध रूप से भारत में रह रहा था। आरोपी की पहचान एमडी इक्लाज मोल्ला के रूप में हुई है। वह 2005 में बेनापोल बॉर्डर के रास्ते अवैध तरीके से भारत में प्रवेश कर चुका था। पुलिस जांच में खुलासा हुआ कि मोल्ला ने 2014 में कोलकाता पासपोर्ट कार्यालय में फर्जी नाम, पता और अन्य गलत जानकारियां देकर भारतीय पासपोर्ट हासिल कर लिया था। इस जाली दस्तावेज के सहारे उसने कई अंतरराष्ट्रीय यात्राएं कीं, जिसमें कुवैत में नौकरी हासिल करना और कोलकाता में संपत्ति खरीदना भी शामिल है।

कुवैत से मुंबई लौटते वक्त पकड़ा गया

मामला तब तब पकड़ में आया जब 14 अक्टूबर 2025 को मोल्ला इंडिगो एयरलाइंस की फ्लाइट 6ई-1236 से कुवैत से मुंबई लौटने की कोशिश कर रहा था। मुंबई अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर इमीग्रेशन अधिकारियों को उसके पासपोर्ट पर शक हुआ और जांच के दौरान उसकी असल पहचान सामने आ गई। अधिकारियों ने बताया कि मोल्ला पिछले 11 वर्षों से कुवैत में मजदूरी का काम कर रहा था, जहां उसने खुद को भारतीय नागरिक बताकर कुवैती विदेश मंत्रालय के जरिए अपने 'भारतीय' पासपोर्ट का नवीनीकरण भी करवाया था।

आरोपी पर मामला दर्ज

सहार पुलिस के अनुसार, आरोपी ने इस फर्जी पासपोर्ट का इस्तेमाल न केवल विदेश यात्राओं के लिए किया, बल्कि भारतीय पासपोर्ट प्राधिकरण और मुंबई इमीग्रेशन विभाग दोनों को धोखा दिया। इमीग्रेशन अधिकारी की शिकायत पर सहार पुलिस स्टेशन ने भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की धारा 318(4), 336(2)(3), 340(2) और पासपोर्ट अधिनियम की संबंधित धाराओं के तहत मामला दर्ज कर लिया है।

पासपोर्ट प्रणाली पर सवाल

पुलिस अब इस बात की गहन जांच कर रही है कि मोल्ला ने भारतीय नागरिकता के दस्तावेज कैसे प्राप्त किए और बार-बार अंतरराष्ट्रीय यात्राएं कैसे कर सका। प्रारंभिक पूछताछ में सामने आया है कि उसने कुवैत में नकली पहचान के आधार पर नौकरी पाई और कोलकाता में रियल एस्टेट निवेश भी किया। यह मामला भारतीय आव्रजन और पासपोर्ट प्रणाली में गंभीर खामियों की ओर इशारा करता है, खासकर जब विदेशी नागरिक इतने लंबे समय तक फर्जी दस्तावेजों का इस्तेमाल कर सकें।

मामले की गहन जांच में जुटी पुलिस

आरोपी को अवैध प्रवेश और बिना अनुमति रहने के आरोप में हिरासत में रखा गया है। पुलिस ने डिपोर्टेशन प्रक्रिया शुरू कर दी है, और उसके संपर्कों तथा संभावित एजेंटों की तलाश जारी है। सहार पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, "यह केस बड़े फर्जी दस्तावेज रैकेट की ओर इशारा कर रहा है। हम कोलकाता पासपोर्ट कार्यालय से जुड़े नेटवर्क की जांच कर रहे हैं।"