एआईएमआईएम उम्मीदवार राणा रंजीत सिंह। (फोटो- Facebook)
असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी एआईएमआईएम ने बिहार की ढाका विधानसभा सीट से राणा रंजीत सिंह को उम्मीदवार बनाया है। ओवैसी ने उन्हें इस सीट पर उतारकर एक बड़ा दांव खेला है, जिसका उद्देश्य मुस्लिम और गैर-मुस्लिम वोटों को साधना है।
राणा रंजीत सिंह पूर्व सांसद और मंत्री सीताराम सिंह के पुत्र हैं और भाजपा के पूर्व मंत्री राणा रणधीर सिंह के भाई हैं। राणा रंजीत सिंह ने बुधवार को ढाका सीट के लिए नामांकन दाखिल किया। नॉमिनेशन के वक्त वह अलग अंदाज में दिखे। उनके सिर पर लाल टोपी और माथे पर तिलक था।
इस दौरान राणा रंजीत ने यह तक कह दिया कि वे आई लव मोहम्मद और जय श्री राम दोनों को एक समान मानते हैं। ओवैसी की इस घोषणा से यह संदेश भी जाता है कि उनकी पार्टी सिर्फ मुस्लिमों की पार्टी नहीं है, बल्कि वे सभी वर्गों के लिए काम करना चाहते हैं।
राणा रंजीत सिंह पूर्व सांसद सीताराम सिंह के पुत्र हैं। वे राजपूत समुदाय से आते हैं। उनके पिता ने बिहार की राजनीति में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। बड़े भाई राणा रणधीर सिंह भाजपा से जुड़े हैं और 2021 के विधानसभा चुनाव में मधुबन से जीते थे।
वे बिहार सरकार में मंत्री रह चुके हैं। भाइयों के अलग-अलग दलों से चुनाव लड़ना एक दिलचस्प राजनीतिक ट्विस्ट है, जो पारिवारिक एकता के बावजूद वैचारिक मतभेद को उजागर करता है।
2024 लोकसभा चुनाव में राणा रंजीत सिंह ओवैसी की पार्टी से ही शिवहर सीट से मैदान में उतरे थे। वे मूल रूप से मोतिहारी के रहने वाले हैं। स्थानीय स्तर पर वे सामाजिक कार्यों में सक्रिय रहे हैं।
लोकसभा चुनाव 2024 के वक्त दाखिल किए गए हलफनामे में राणा रंजीत सिंह ने कुल 96.7 लाख रुपये की संपत्ति घोषित की थी। यह पूरी तरह से चल संपत्ति है, जिसमें कोई अचल संपत्ति (जमीन, मकान आदि) शामिल नहीं है। साथ ही, उनकी देनदारी (कर्ज) 53.2 लाख रुपये बताई गई है।
असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी ने बिहार विधानसभा चुनाव के लिए अपनी पहली सूची जारी कर है, जिसमें 32 सीटों पर उम्मीदवार उतारने का ऐलान किया गया है। यह घोषणा 11 अक्टूबर 2025 को की गई। पार्टी ने कुल 100 सीटों पर लड़ने का लक्ष्य रखा है।
एआईएमआईएम का फोकस मुख्य रूप से मुस्लिम-बहुल क्षेत्रों जैसे सीमांचल (किशनगंज, पूर्णिया, कटिहार, अररिया) पर है, लेकिन पार्टी गया, मोतिहारी, नवादा, जमुई, भागलपुर, सीवान, दरभंगा, समस्तीपुर, सीतामढ़ी, मधुबनी, वैशाली और गोपालगंज जैसे जिलों में अपने उम्मीदवार उतार रही है।
ओवैसी की पार्टी महागठबंधन से बात नहीं बनने के बाद बिहार में अकेले चुनाव लड़ रही है। 2020 में AIMIM ने 5 सीटें जीती थीं (अमौर, कोचाधमान, बैसी, बहादुरगंज, जोकीहाट), लेकिन 2022 में 4 विधायक RJD में चले गए, अब केवल अख्तरुल इमान (अमौर) बचे हैं।
Published on:
16 Oct 2025 01:59 pm
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