प्रस्तुति के लिए इस्तेमाल की गई तस्वीर। फोटो- (IANS)
मध्य प्रदेश हाई कोर्ट के न्यायमूर्ति अतुल श्रीधरन को छत्तीसगढ़ की बजाय इलाहाबाद हाईकोर्ट में ट्रांसफर किया गया है। केंद्र सरकार के अनुरोध पर कोलेजियम ने अपना फैसला बदला है।
बता दें कि न्यायमूर्ति श्रीधरन ने ऑपरेशन सिंदूर में प्रमुख भूमिका निभाने वाली कर्नल सोफिया कुरैशी के बारे में आपत्तिजनक टिप्पणी करने के लिए मध्य प्रदेश के एक मंत्री के खिलाफ स्वतः संज्ञान लेते हुए कार्रवाई शुरू की थी।
जानकारी के मुताबिक, सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने अगस्त 2025 में न्यायमूर्ति श्रीधरन को छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट में ट्रांसफर करने की योजना बनाई थी, लेकिन केंद्र ने इस निर्णय पर आपत्ति जताई। साथ ही सुझाव दिया कि उन्हें इलाहाबाद उच्च न्यायालय स्थानांतरित कर दिया जाए।
अक्टूबर में कॉलेजियम ने केंद्र की सिफारिश स्वीकार कर ली। इसी तरह, अब न्यायमूर्ति श्रीधरन को इलाहाबाद उच्च न्यायालय में भेज दिया है।
बता दें कि न्यायमूर्ति श्रीधरन पहले जम्मू-कश्मीर हाई कोर्ट में जज थे। उन्होंने अपने गृह राज्य मध्य प्रदेश में ट्रांसफर के लिए अनुरोध किया था। मध्य प्रदेश हाई कोर्ट में इसी साल मार्च में उनका ट्रांसफर हुआ था।
जस्टिस श्रीधरन ने अपने कानूनी करियर की शुरुआत 1992 में दिल्ली में वकालत से की। बाद में वे इंदौर चले गए और वहां अपनी स्वतंत्र प्रैक्टिस शुरू की। उन्होंने वरिष्ठ अधिवक्ता गोपाल सुब्रमण्यम के साथ पांच वर्ष तक प्रैक्टिस की।
2016 में मध्य प्रदेश हाई कोर्ट में जज के रूप में नियुक्त किए गए। वे 17 मार्च 2018 को स्थायी जज बने। इसके बाद, उन्हें जम्मू-कश्मीर के हाईकोर्ट में भेज दिया गया।
मंत्री विजय शाह मामला- उन्होंने मंत्री विजय शाह के खिलाफ कर्नल सोफिया कुरैशी पर आपत्तिजनक बयान के मामले में FIR दर्ज करने का आदेश दिया।
पैरामेडिकल कॉलेजों की मान्यता- उन्होंने मध्य प्रदेश के पैरामेडिकल कॉलेजों की मान्यता और प्रवेश प्रक्रिया पर रोक लगा दी।
हाशिए पर पड़े मरीजों के अधिकार- उन्होंने हाशिए पर पड़े मरीजों के अधिकारों की रक्षा के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं।
जेल में कैदियों के अधिकार- उन्होंने जेल में कैदियों के अधिकारों की रक्षा के लिए भी काम किया है।
Published on:
16 Oct 2025 10:53 am
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