नेल्लई में 8 छात्रों में लेप्टोस्पाइरा नामक बीमारी के लक्षण पाए गए। (Photo: IANS)
Rat Fever Causes: तिरुनेलवेली के निकट नेल्लई के एक निजी इंजीनियरिंग कॉलेज के आठ छात्र रैट फीवर (लेप्टोस्पायरोसिस) से ग्रस्त पाए गए।
प्रशासन ने परिसर, छात्रावास और उसकी मेस-कैंटीन का परीक्षण करने के बाद अस्वच्छ हालात को देखते हुए अगले आदेश तक कॉलेज संचालन स्थगित करने का आदेश दिया है। नेल्लई के कॉलेज में विभिन्न राज्यों के करीब एक हजार छात्र पढ़ते हैं। काॅलेज के सभी विद्यार्थियों के परीक्षण के लिए स्वास्थ्य शिविर भी लगाया जा रहा है।
सरकारी सूत्रों के अनुसार कॉलेज में पढ़ने वाले एक छात्र को तबियत बिगड़ने पर नागरकोइल के अस्पताल में भर्ती कराया गया जहां वह लेप्टोस्पायरोसिस पॉजिटिव पाया गया। अस्पताल की रिपोर्ट पर जिला स्वास्थ्य अधिकारी की टीम ने छात्रावास का निरीक्षण किया तो सात अन्य छात्रों में भी समान लक्षण पाए जाने पर करवाई गई जांच में लेप्टोस्पायरोसिस निकला। उन्हें अस्पताल में भर्ती करवाया गया।
स्वास्थ्य विभाग की टीम ने छात्रावास व कैंटीन का निरीक्षण किया तो वहां पीने और खाना पकाने के लिए अनुपचारित पानी का उपयोग किया जा रहा था। कॉलेज के शौचालय अस्वच्छ थे और कैंटीन में चूहे, कीड़े-मकोड़े और बिल्लियां घूमती मिलीं। प्रशासन ने मेस और कैंटीन का लाइसेंस रद्द कर दिया है और स्वच्छ वातावरण व मानकों का पालन करने के निर्देश दिए हैं।
यह एक जीवाणुजन्य बीमारी है जो लेप्टोस्पाइरा नामक बैक्टीरिया के कारण होती है और जानवरों से मनुष्यों में फैलती है। यह दूषित मिट्टी या पानी के संपर्क में आने या चूहाें जैसे संक्रमित जानवरों के मूत्र से सीधे संपर्क में आने से से फैलता है। लक्षण हल्के से लेकर गंभीर हो सकते हैं, जिनमें बुखार, सिरदर्द, मांसपेशियों में दर्द और गुर्दे व लीवर की क्षति शामिल है। रोकथाम में स्वच्छता, दूषित पानी से बचना और सुरक्षात्मक कपड़े पहनना शामिल है। लापरवाही और समय पर सही इलाज नहीं मिलने पर जानलेवा हो सकता है।
Published on:
12 Oct 2025 06:49 am
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