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Bihar Elections: ‘मुसलमान अगर बंधुआ वोट बैंक रहेंगे तो कैसे मिलेगा सम्मान’, क्यों बोले चिराग, इन सीटों पर तय करते हैं नतीजे

Bihar Assembly elections: जातीय सर्वे के हिसाब से बिहार की कुल आबादी में मुसलमानों की हिस्सेदारी 17.7 फीसदी है, लेकिन बिहार विधानसभा में उनकी हिस्सेदारी आबादी की तुलना में आधी से भी कम है। चिराग पासवान ने कहा कि मुसलमान अगर बंधुआ वोट बैंक की तरह रहेंगे तो उन्हें हिस्सेदारी कैसे मिलेगा।

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केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान (Photo-IANS)

Bihar Assembly elections: बिहार में महागठबंधन ने तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) को सीएम फेस और मुकेश सहनी (Mukesh Sahani) को डिप्टी सीएम फेस घोषित किया है। जिसके बाद से बिहार में नई बहस छिड़ गई है। असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी AIMIM के नेता शौकत अली ने महागठबंधन में मुस्लमानों की भागीदारी न होने पर तंज कसा। उन्होंने कहा कि 2% वाला उपमुख्यमंत्री, 13% वाला मुख्यमंत्री और 18% वाला दरी बिछावन मंत्री। जब हम कुछ कहेंगे तो बोलेंगे ‘अब्दुल तू चुप बैठ, वरना BJP आ जाएगी! अब इस मामले पर लोजपा (रामविलास) प्रमुख चिराग पासवान भी कूद गए हैं।

मेरे पिता ने अपनी पार्टी कर दी थी कुर्बान

चिराग पासवान ने कहा कि महागठबंधन न मुस्लिम मुख्यमंत्री देने को तैयार है और न उपमुख्यमंत्री। उन्होंने मुस्लिम मतदाताओं से कहा कि अगर आप बंधुआ वोट बैंक बनकर रहेंगे, तो सम्मान और भागीदारी कैसे मिलेगी? चिराग ने X पर लिखा कि 2005 में मेरे नेता और पिता स्वर्गीय रामविलास पासवान ने 'मुस्लिम मुख्यमंत्री' बनाने के लिए अपनी पार्टी तक कुर्बान कर दी थी। तब भी आपने उनका साथ नहीं दिया। राजद 2005 में भी मुस्लिम मुख्यमंत्री के लिए तैयार नहीं था, आज 2025 में भी न मुस्लिम मुख्यमंत्री देने को तैयार है, न उपमुख्यमंत्री। अगर आप बंधुआ वोट बैंक बनकर रहेंगे, तो सम्मान और भागीदारी कैसे मिलेगी?

तेजस्वी ने की डैमेज कंट्रोल की कोशिश

AIMIM की तरफ से मुस्लिमों को उचित भागीदारी न देने के आरोप लगाने के बाद तेजस्वी यादव व राजद ने एक तस्वीर शेयर की। इस तस्वीर में तेजस्वी यादव के साथ हेलीकॉप्टर में मुकेश सहनी और राजद एमएलसी कारी सोहैब मौजूद थे।

तेजस्वी की इस तस्वीर पर AIMIM नेता शौकत अली ने कहा कि बिहार इलेक्शन तक के लिए अब्दुल को तेजस्वी ने बड़ा सम्मान दिया। उड़न खटोला में बैठाया, पर डिप्टी मुख्यमंत्री तो नहीं देंगे।

हिस्सेदारी आबादी की तुलना में आधी भी नहीं

बिहार में साल 2022-23 में हुए जातीय सर्वे के हिसाब से 13.07 करोड़ की कुल आबादी में मुसलमानों की हिस्सेदारी 17.7 फीसदी है, लेकिन सभी पार्टियों को मिलाकर भी 17 फीसदी मुस्लिम प्रत्याशी विधायक चुनकर विधानसभा नहीं पहुंचे। 1990 से 2020 तक कुल सीटों में मुस्लिमों की हिस्से क्रमश: 5.55%, 7.09%, 9.25%, 9.87%, 7.81%, 9.87%, 7.81% फीसदी रही।

महागठबंधन में किसने कितने मुस्लिम उम्मीदवार उतारे

RJD ने अपने 143 कैंडिडेट में से 18 मुस्लिम को टिकट दिया है। पार्टी ने 2020 में भी 18 मुस्लिम (144 कैंडिडेट में से) को टिकट दिया था, जिनमें से आठ जीते थे। कांग्रेस ने इस बार 10 मुस्लिम को टिकट दिया है। जबकि 2020 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने 12 को टिकट दिया था। इनमें से चार मुस्लिम कैंडिडेट MLA चुने गए थे। CPI (ML) लिबरेशन ने अपने 20 कैंडिडेट में दो मुस्लिम को टिकट दिया है। 2020 में पार्टी के 19 कैंडिडेट में से तीन मुस्लिम थे, जिनमें से एक MLA चुना गया था। महागठबंधन में शामिल VIP ने एक भी मुस्लिम उम्मीदवार नहीं उतारे।