
सातारा लेडी डॉक्टर सुसाइड केस में गिरफ्तारी (File Photo)
महाराष्ट्र के सातारा जिले के फलटण में एक महिला डॉक्टर की संदिग्ध आत्महत्या के मामले ने अब राजनीतिक रंग ले लिया है। 28 वर्षीय डॉक्टर ने कथित तौर पर फांसी लगाकर अपनी जान दे दी थी, जिसमें उन्होंने अपनी हथेली पर ही सुसाइड नोट लिखा था। नोट में एक पुलिस सब-इंस्पेक्टर पर चार बार बलात्कार और मानसिक प्रताड़ना का गंभीर आरोप लगाया गया था। शुक्रवार को इस केस में नया मोड़ आया जब पुलिस ने आरोपी पुलिसकर्मी गोपाल बदाने के करीबी सॉफ्टवेयर इंजीनियर प्रशांत बनकर को गिरफ्तार कर लिया। हालांकि, मुख्य आरोपी बदाने अभी भी फरार है, और जांच में एक सांसद का नाम भी सामने आया है।
फलटण उपजिल्हा अस्पताल में तैनात डॉक्टर का शव गुरुवार को उनके पीजी आवास के कमरे में फंदे से लटका मिला था। स्टाफ को शक होने पर दरवाजा तोड़ा गया तो डॉक्टर लटकी हुई पाई गईं। जांच में उनके हाथ पर लिखा सुसाइड नोट मिला, जिसमें उन्होंने पीएसआई गोपाल बदाने पर चार बार रेप का आरोप लगाया। नोट के अलावा एक चार पेज का विस्तृत पत्र भी बरामद हुआ है, जिसमें बदाने के अलावा प्रशांत बनकर पर मानसिक उत्पीड़न और दबाव बनाने का आरोप है। सुसाइड से ठीक पहले डॉक्टर ने एक आरोपी को फोन किया और मैसेज भी भेजा था, जो पुलिस के लिए महत्वपूर्ण सुराग साबित हो रहा है। रिश्तेदारों के मुताबिक, डॉक्टर पर पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट बदलने और कुछ मरीजों के मेडिकल टेस्ट के नतीजों में हेरफेर करने का दबाव बनाया जा रहा था।
सबसे चौंकाने वाला खुलासा चार पेज के सुसाइड नोट से हुआ, जिसमें एक सांसद और उनके दो पर्सनल असिस्टेंट (PA) का जिक्र है। आरोप है कि सांसद के गुर्गों ने डॉक्टर को फर्जी फिटनेस सर्टिफिकेट जारी करने के लिए ब्लैकमेल किया। यह नाम सामने आने से मामला हाई-प्रोफाइल हो गया है। विपक्षी दलों ने राज्य सरकार पर निशाना साधा है, जबकि स्थानीय लोगों ने सभी नामों की तत्काल जांच की मांग की है।
सातारा पुलिस ने सुसाइड नोट के आधार पर गोपाल बदाने और प्रशांत बनकर के खिलाफ बलात्कार, आत्महत्या के लिए उकसाने और अन्य धाराओं में एफआईआर दर्ज की। शुक्रवार शाम को प्रशांत को गिरफ्तार कर लिया गया, जिसे मेडिकल टेस्ट के लिए अस्पताल ले जाया जा रहा है। बदाने को तत्काल निलंबित कर दिया गया है, लेकिन वह फरार है। एसपी तुषार जोशी ने बताया, "बदाने की तलाश के लिए चार विशेष टीमें लगाई गई हैं। प्रशांत की पूछताछ से और सुराग मिलने की उम्मीद है।"
मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने मामले की गंभीरता को देखते हुए एसपी से फोन पर बात की और आरोपी पुलिसकर्मी को सस्पेंड करने का सख्त निर्देश दिया। महाराष्ट्र पुलिस के स्पेशल इंस्पेक्टर जनरल सुनील फुलारी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, "सभी आरोपों की निष्पक्ष जांच होगी। पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट का इंतजार है, जो मामले को और स्पष्ट करेगी।"
Published on:
25 Oct 2025 02:50 pm
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