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स्वच्छ वायु सर्वेक्षण 2025 : इंदौर और उदयपुर को अंतरराष्ट्रीय सम्मान, 11 शहरों को पुरस्कार

मध्यप्रदेश के कई शहर रहे आगे, राजस्थान का अलवर पहली बार विजेता बना, जयपुर शहर दौड़ में पिछड़ा केंद्रीय पर्यावरण व जलवायु परिवर्तन मंत्रालय ने राष्ट्रीय स्वच्छ वायु कार्यक्रम (NCAP ) के तहत सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले शहरों को स्वच्छ वायु सर्वेक्षण पुरस्कार 2025 प्रदान किए। राष्ट्रीय स्वच्छ वायु कार्यक्रम (NCAP ) में मध्यप्रदेश के […]

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मध्यप्रदेश के कई शहर रहे आगे, राजस्थान का अलवर पहली बार विजेता बना, जयपुर शहर दौड़ में पिछड़ा

केंद्रीय पर्यावरण व जलवायु परिवर्तन मंत्रालय ने राष्ट्रीय स्वच्छ वायु कार्यक्रम (NCAP ) के तहत सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले शहरों को स्वच्छ वायु सर्वेक्षण पुरस्कार 2025 प्रदान किए।

राष्ट्रीय स्वच्छ वायु कार्यक्रम (NCAP ) में मध्यप्रदेश के इंदौर शहर ने प्रथम स्थान हासिल किया। वेटलैंड संरक्षण के क्षेत्र में मध्यप्रदेश के इंदौर और राजस्थान के उदयपुर शहर को शहरी वेटलैंड प्रबंधन में उत्कृष्ट प्रयासों के लिए अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मान्यता मिली। पुरस्कार वितरण समारोह में 130 एनसीएपी (NCAP ) शहरों में से 11 शहरों की उपलब्धियों को सराहा गया।

केन्द्रीय पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव ने बताया कि 2020 में शुरू हुए एनसीएपी (NCAP ) ने वायु गुणवत्ता में सुधार किया है। अब तक 103 शहरों में पीएम 10 स्तर में गिरावट दर्ज की गई है। इनमें 64 शहरों में 20 प्रतिशत और 25 शहरों में 40 प्रतिशत तक की कमी देखी गई है।

बड़े शहरों में इंदौर अव्वल-

श्रेणी-1 (10 लाख से अधिक आबादी) में इंदौर ने 200 में से पूरे 200 अंक पाकर पहला स्थान हासिल किया और 1.5 करोड़ का पुरस्कार जीता। इंदौर ने 16 लाख पौधे लगाकर गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाया और 120 इलेक्ट्रिक व 150 सीएनजी बसें सार्वजनिक परिवहन में शामिल कीं। जबलपुर को 199 अंक और दूसरा स्थान मिला, जबकि आगरा और सूरत तीसरे स्थान पर रहे।

मध्यम शहरों की उपलब्धियां-

श्रेणी-2 (3 से 10 लाख आबादी) में अमरावती ने प्रथम स्थान प्राप्त कर 75 लाख रुपये जीते। झांसी और मुरादाबाद संयुक्त रूप से दूसरे और अलवर तीसरे स्थान पर रहे। झांसी और मुरादाबाद को 25-25 लाख रुपये और अलवर को 25 लाख का पुरस्कार दिया गया।

छोटे शहरों में देवास ने बाजी मारी-

श्रेणी-3 (3 लाख से कम आबादी) में देवास ने 193 अंक हासिल कर प्रथम स्थान पाया और 37.50 लाख रुपये जीते। परवाणू को दूसरा व अंगुल को तीसरा स्थान मिला।

वेटलैंड सिटी मान्यता-

कार्यक्रम में रामसर कन्वेंशन के तहत आर्द्रभूमि संरक्षण को लेकर इंदौर और उदयपुर को अंतरराष्ट्रीय मान्यता मिली। इस उपलब्धि के साथ भारत में अब 91 रामसर स्थल हो गए हैं, जो एशिया में सबसे अधिक और दुनिया में तीसरे स्थान पर हैं।

1.55 लाख करोड़ का निवेश-

कार्यक्रम में बताया गया कि अब तक 130 शहरों में स्वच्छ वायु और हरित बुनियादी ढांचे के लिए केंद्र और राज्यों की मदद से 1.55 लाख करोड़ रुपये से अधिक का निवेश हुआ है। इसमें कचरा प्रबंधन, हरियाली, सार्वजनिक परिवहन और औद्योगिक प्रदूषण नियंत्रण जैसी कई पहल शामिल हैं।