
मुरैना. प्रशासन व कृषि विभाग के लगातार उर्वरक (खाद) होने दावा किया जा रहा है लेकिन किसान फिर भी परेशान हैं। प्रशासन ने टोकन बंद करके सुबह साढ़े नौ बजे काउंटर खोलने के आदेश जारी किए लेकिन कृषि मंडी स्थित डीएमओ केन्द्र पर सुबह साढे नौ बजे तक काउंटर नहीं खुला इसलिए किसानों की लंबी लाइन लगी रही।
शहर में खाद वितरण के लिए तीन केन्द्र बनाए गए हैं, जिनमें एम पी एग्रो बाईपास, कृषि मंडी डीएमओ एवं जीवाजी गंज में मार्केटिंग का केन्द्र बनाया है, जहां से किसानों को अब टोकन की बजाय सीधे पैसे जमा करके रसीद दी जा रही है जिससे किसान उर्वरक ले जा सके लेकिन कृषि मंडी के डीएमओ वाले केन्द्र पर सोमवार को सुबह साढ़े नौ बजे काउंटर नहीं खोला गया। इसलिए किसान परेशान रहे। किसानों का कहना हैं कि प्राइवेट दुकानों पर ब्लैक में खाद बिक रहा है लेकिन सरकारी केन्द्रों पर पर्याप्त खाद नहीं मिल रहा है।
सोमवार की सुबह लाइन में लगे किसानो को उस समय परेशानी हुई जब अचानक कर्मचारियों ने कह दिया कि अब जमीन की किताब लानी होती तब दो कट्टे खाद मिलेगा। अभी तक आधार कार्ड से खाद मिल रहा था। अचानक आए नए फरमान से किसानों को लाइन छोडकऱ घर जाना पड़ा। जिनके मकान शहर में थे, वह तो किताब ले आए लेकिन जो गांव से आए थे, वह वापस हो गए।
कृषि मंडी में खाद के लिए लगी लंबी लाइन में लगे किसान पंचम सिंह दलगंजन का पुरा हड़बांसी अपने घर से लेकर आए पराटें खाते नजर आए। जब उनसे पूछा गया तो उन्होंने बताया कि पूर्व में जब खाद लेने आया था तो शाम हो गई थी। लाइन से निकलकर बाजार में खाने जाते हैं तो फिर खाद लेने से रह जाएंगे, इसलिए घर से खाना लेकर आए हैं।
15 दिन से खाद के लिए परेशान हैं। जब यूरिया की आवश्यकता होती है तब डीएपी देते हैं और जब डीएपी की चाहिए तब यूरिया के कट्टा थमा देते हैं। डीएपी की सरकारी रेट 1355 है जबकि बाजार में प्राइवेट दुकानों पर खुलेआम 1800 रुपए का कट्टा बिक रहा है।
खाद के लिए सुबह पांच बजे से लाइन में लगे थे। आठ बजे सूचना मिली कि किताब पर खाद मिलेगा। अब एक किताब पर दो कट्टे मिलेंगे, अगर और खाद चाहिए तो इतनी किताब कहां से लाएं। जबकि प्राइवेट दुकानों पर खुलेआम ब्लैक में बिक रहा है।
आदमी बाहर गए हैं, हम अपनी छोटे बच्चों को घर छोडकऱ सुबह पांच बजे से लाइन में लगे हैं। पूर्व में भी आ चुके हैं, जब काउंटर तक पहुंचते हैं तो तब काउंटर बंद हो जाता है। खाद वितरण की व्यवस्थाएं ठीक नहीं हैं।
पिछले एक सप्ताह से खाद लेने गांव से मुरैना आ रहे हैं। सुबह लाइन में लगते हैं जब काउंटर तक पहुंचते है, तब हंगामा हो जाता है और लाइन से बाहर कर दिया जाता है। यहां न तो पुलिस और न प्रशासनिक अधिकारी रहते हैं इसलिए मनमानी हो रही है।
सितंबर महीने में हर साल खाद वितरण के समय किसानों को इस तरह की परेशानी आती है, फिर भी हम व्यवस्था बनाने का प्रयास कर रहे हैं। कृषि मंडी में डीएमओ का काउंटर साढ़े नौ बजे नहीं खुला है तो कल से उसको सही समय पर खुलवाया जाएगा, जिससे किसानों को परेशानी न हो।
Published on:
04 Sept 2025 02:02 pm
बड़ी खबरें
View Allमुरैना
मध्य प्रदेश न्यूज़
ट्रेंडिंग

