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दीपदान: सनातन संस्कृति, श्रद्धा और पर्यावरण संरक्षण का अदभुत संगम

जो व्यक्ति कार्तिक मास में दीपदान करता है, वह सभी पापों से मुक्त होकर विष्णु लोक को प्राप्त करता है, दीपदान में शामिल हुए दर्जनों लोग

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मुरैना. देवरी गांव स्थित पितृवन में कल्पवृक्ष सेवा समिति, मुरैना द्वारा नरक चतुर्दशी के पावन अवसर पर भव्य दीपदान कार्यक्रम का आयोजन किया गया। दीपावली से पूर्व, नरक चतुर्दशी एवं कार्तिक मास में किया गया दीपदान शास्त्रों में अत्यंत पुण्यकारी माना गया है। यह पर्व न केवल अंधकार पर प्रकाश की विजय का प्रतीक है, बल्कि आत्मा की शुद्धि और नकारात्मक शक्तियों से मुक्ति का भी द्योतक है।


शास्त्रों में वर्णित है जो व्यक्ति कार्तिक मास में दीपदान करता है, वह सभी पापों से मुक्त होकर विष्णु लोक को प्राप्त करता है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, नरक चतुर्दशी के दिन भगवान श्रीकृष्ण ने देवी सत्यभामा के सहयोग से नरकासुर का वध कर 16,000 कन्याओं को मुक्त किया था। इस दिवस को मुक्ति और मोक्ष का प्रतीक माना जाता है। इसी दिन यमराज के लिए दीप जलाने की परंपरा भी है, जिससे परिवार को अकाल मृत्यु या कष्टों से मुक्ति मिलती है। कार्यक्रम का शुभारंभ सायं 4:30 बजे तुलसी माता की पूजा-अर्चना से हुआ। तुलसी माता को साड़ी एवं वस्त्र अर्पित कर पूजन संपन्न किया गया। तत्पश्चात बेलपत्र के वृक्षों एवं अन्य देव स्वरूप पौधों की तलहटी में घी के दीपक प्रज्ज्वलित किए गए और आरती उतारी गई। इसके पश्चात पितृवन परिसर में कुल 1100 दीपक प्रज्ज्वलित किए गए, जिनकी ज्योति से सम्पूर्ण क्षेत्र आलोकित हो उठा। समिति के अध्यक्ष अतुल माहेश्वरी ने बताया कि ऐसे कार्यक्रम न केवल सनातन संस्कृति की जड़ों को सशक्त करते हैं, बल्कि आने वाली पीढिय़ों में संस्कार, पर्यावरण प्रेम और आस्था का सृजन भी करते हैं।

इनकी रही सहभागिता

दीपदान कार्यक्रम में राजेश राठी, मनोज शर्मा, मनमोहन शर्मा, देवांशु राठी, लक्षित माहेश्वरी, प्रमोद कुलश्रेष्ठ, सी ए प्रकाश अग्रवाल, तरुण शर्मा, कलुआ सिकरवार, राजपाल कुशवाहा, नीरज कुशवाहा, नीलेश मित्तल, देवेंद्र मुदगल, सचिन परमार, अमित सिकरवार, वैभव झा सहित लगभग आधा सैकड़ा सामाजिक कार्यकर्ता, समिति सदस्य एवं जागरूक नागरिक उपस्थित रहे।