लखनऊ - उत्तर प्रदेश में योगी सरकार के कार्यकाल में बदमाशों के खिलाफ एक ऐसी सख्त नीति अपनाई गई है जिसे 'बुलेट पॉलिसी' कहा जा रहा है। साल 2017 में जब योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश की सत्ता संभाली, तब उन्होंने सबसे पहले प्रदेश में कानून का राज स्थापित करने को अपनी प्राथमिकता बताया। उन्होंने पुलिस को अपराधियों के खिलाफ 'जीरो टॉलरेंस' नीति के तहत खुली छूट दी। इसके बाद मुठभेड़ का दौर शुरू हुआ जिसमें अपराधियों को या तो आत्मसमर्पण करना पड़ा या STF की गोली का शिकार होना पड़ा। यही नीति अब प्रदेश की राजनीति में भी एक मजबूत नैरेटिव बन चुकी है।
यूपी डीजीपी राजीव कृष्ण के अनुसार योगी सरकार के निर्देश पर अपराधियों पर लगातार नकेल कसी जा रही है . बीते आठ साल यानी 2017 से 2025 तक उत्तर प्रदेश में 14,973 मुठभेड़े हुईं, जिनमें कुल 30,694 अपराधियों को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया। इनमें से 9,467 बदमाशों को गोली लगी यानी 'हाफ एनकाउंटर' हुए। वहीं 238 अपराधियों को मुठभेड़ में मार गिराया गया जिन्हें 'फुल एनकाउंटर' कहा गया।
पुलिस एनकाउंटर दो तरह से करती है। पहला हाफ और दूसरा फुल। हाफ एनकाउंटर में आरोपी पैर या हाथ में गोली लगती है, जबकि फुल एनकाउंटर में उसे अपनी जान से हाथ धोना पड़ता है। बीते 20 सालों में सभी सरकारों में फुल और हाफ दोनों तरह के एनकाउंटर हुए हैं।
विकास दुबे - योगी सरकार के कार्यकाल में सबसे चर्चित एनकाउंटर विकास दुबे का रहा। इस एनकाउंटर की चर्चा पूरे देश में हुई थी । 9 जुलाई को विकास उज्जैन में पकड़ा गया था। अगले दिन कानपुर लौटते समय भौंती में उसने भागने की कोशिश की और मुठभेड़ में मारा गया।
मनीष सिंह- वाराणसी और आसपास के जिलों में आतंक का कारण बना मनीष सिंह उर्फ सोनू अप्रैल 2021 में पुलिस मुठभेड़ में मारा गया था। वह एनडी तिवारी हत्याकांड का मुख्य आरोपी था।
अनुज सिंह- सुल्तानपुर सराफा डकैती के मामले में ही मंगेश यादव के बाद पिछले साल 2024 सितंबर में एसटीएफ ने अनुज सिंह को मुठभेड़ में मार गिराया था।
असद अहमद और गुलाम- कुख्यात गैंगस्टर अतीक अहमद के बेटे असद अहमद और शूटर गुलाम को पिछले साल 13 अप्रैल को एसटीएफ ने मुठभेड़ में मार गिराया था।
गौरी यादव: बुंदेलखंड में 20 साल तक आतंक का पर्याय रहा गौरी यादव पुलिस मुठभेड़ में मारा गया था, 30 अक्टूबर 2021 को एसटीएफ की टीम की चित्रकूट के जंगलों में उससे मुठभेड़ हुई थी.
सीएम योगी आदित्यनाथ की 'जीरो टॉलरेंस' नीति ने यूपी में अपराधियों के खिलाफ एक नया और सख्त रुख अपनाया है। पुलिस और प्रशासन इसे अपराध नियंत्रण की दिशा में ठोस कदम मानते हैं। अपराधियों के खिलाफ एनकाउंटर अब यूपी की राजनीतिक और प्रशासनिक पहचान का हिस्सा बन चुकी है जो आने वाले चुनावों और बहसों में भी अहम भूमिका निभाएगी।
Updated on:
18 Jul 2025 05:39 pm
Published on:
18 Jul 2025 05:30 pm