पीजीआई रेवतापुर इलाके में दो परिवारों के बीच हिंसा, ट्रामा सेंटर में इलाज जारी (फोटो सोर्स : Whatsapp Group)
Lucknow Crime Bloody Clash Between Two Families: लखनऊ के पीजीआई और रेवतापुर इलाके में सोमवार दोपहर एक जमकर खूनी संघर्ष की घटना सामने आई। पड़ोसियों के बीच शुरू हुआ मामूली विवाद कुछ ही घंटों में भारी हिंसा और फायरिंग में बदल गया। इस झगड़े में एक युवक के पेट में गोली लगी, जबकि दोनों तरफ से ईंट-पत्थर चलने से कुल छह लोग गंभीर रूप से घायल हो गए। सभी घायलों को तुरंत ट्रामा-2 अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां उनका इलाज जारी है।
डीसीपी साउथ निपुण अग्रवाल ने जानकारी दी कि यह विवाद सोनू यादव और अजय यादव के परिवारों के बीच शुरू हुआ। सोनू यादव, जो पेशे से प्लंबर हैं, अपने परिवार के साथ रेवतापुर इलाके में रहते हैं। वहीं उनके पड़ोसी, पट्टीदार और डेयरी संचालक अजय यादव, उनके नज़दीकी घर में रहते हैं।
डीसीपी के मुताबिक, सोमवार दोपहर करीब तीन बजे, दोनों परिवारों के बीच किसी मामूली बात पर बहस शुरू हुई। पहले यह सिर्फ कहासुनी थी, लेकिन देखते ही देखते विवाद बढ़ गया और दोनों परिवारों के पुरुष, महिला और अन्य सदस्य आमने-सामने आ गए। सूत्रों के अनुसार, बहस के दौरान तकरार इतनी बढ़ गई कि दोनों पक्षों ने ईंट-पत्थर चलाना शुरू कर दिया।
जैसे ही ईंट-पत्थर चलने लगे, अजय यादव ने अपनी लाइसेंसी राइफल निकालकर फायरिंग कर दी। गोली पेट में लगने से सोनू यादव गंभीर रूप से घायल हो गए। इसी बीच ईंट-पत्थर से अजय यादव का सिर फट गया और उसे भी गंभीर चोट आई। फायरिंग और पथराव की आवाज सुनकर पूरे इलाके में भयंकर अफरा-तफरी मच गई। बच्चे रोने लगे, लोग घरों में छिप गए और कई ने घटना की वीडियो और फोटो मोबाइल में कैद की।
घटना में कुल छह लोग गंभीर रूप से घायल हुए। पुलिस ने तुरंत ट्रामा-2 अस्पताल को सूचित किया और सभी घायलों को वहां भर्ती कराया।
डीसीपी निपुण अग्रवाल ने बताया कि अस्पताल में दोनों पक्षों के परिवारों से घायल की जानकारी ली जा रही है। पुलिस यह सुनिश्चित कर रही है कि घायल मरीजों का उचित इलाज समय पर और पूरी सुरक्षा के साथ हो।
पुलिस ने बताया कि दोनों पक्षों ने अपनी-अपनी तहरीर दर्ज करवाई है। सोनू यादव और अजय यादव दोनों ही घटना को लेकर अलग-अलग पक्ष प्रस्तुत कर रहे हैं। इस आधार पर पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है और जांच जारी है। अधिकारियों ने कहा कि मामले की गंभीरता को देखते हुए लाइसेंसी राइफल और अन्य हथियारों की जांच भी की जा रही है। यदि कोई भी पक्ष कानून की धारा का उल्लंघन करता पाया गया, तो उन पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।
घटना के दौरान मोहल्ले के लोग भी हैरान रह गए। स्थानीय निवासी राधा देवी ने बताया कि सोनू यादव और अजय यादव परिवार कई सालों से पड़ोसी हैं। कभी कोई बड़ी घटना नहीं हुई थी। लेकिन अचानक बहस इतनी बड़ी हिंसा में बदल गई कि हम लोग डर के मारे घरों में छिप गए। अन्य पड़ोसी भी इस घटना की निंदा कर रहे हैं। उनका कहना है कि छोटे विवाद को शांति और बातचीत से सुलझाना चाहिए था, लेकिन परिवारों के गुस्से और हठ ने स्थिति को असंयमित रूप दे दिया।
ठाकुरगंज और पीजीआई थाना की संयुक्त टीम ने घटना के बाद इलाके में गश्त बढ़ा दी है। पुलिस ने CCTV फुटेज, मोबाइल वीडियो और गवाहों के बयान एकत्रित करना शुरू कर दिया है। डीसीपी ने बताया कि दोनों पक्षों के बयान अलग-अलग हैं, इसलिए मामले की निष्पक्ष जांच के लिए टीम गठित की गई है। फिलहाल पुलिस आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए आसपास के इलाकों में दबिश और तलाश कर रही है।
विशेषज्ञों का कहना है कि पड़ोसियों के बीच छोटे विवाद अक्सर गुस्से और हठ के कारण हिंसक रूप ले लेते हैं। सामाजिक वैज्ञानिक डॉ. अर्चना रस्तोगी के अनुसार कि ऐसी घटनाएं यह दर्शाती हैं कि आज के समय में संयम और सहनशीलता की कमी कितनी बड़ी समस्या बन गई है। विशेषकर त्योहारों के समय छोटे विवाद हिंसा में बदल जाते हैं। कानूनी दृष्टिकोण से फायरिंग और मारपीट दोनों ही गंभीर अपराध हैं। अधिवक्ता अनुराग ने कहा कि पुलिस की प्राथमिक जांच के आधार पर आरोपियों पर भारतीय दंड संहिता की धारा 307 (हत्या का प्रयास), 323 (चोट पहुँचाना), 504 (गाली-गलौज) और 506 (धमकी) के तहत कार्रवाई की जाएगी।
घटना के बाद पुलिस ने इलाके में सुरक्षा बढ़ा दी है। आसपास के स्कूल और बाजारों में पैदल और वाहन गश्त बढ़ाई गई। मोहल्ले के लोगों को चेतावनी दी गई कि किसी भी तरह के संघर्ष में शामिल न हों। अस्पताल और ट्रॉमा सेंटर में भी पुलिस तैनात है ताकि किसी अप्रिय घटना से बचा जा सके।
Published on:
21 Oct 2025 10:19 am
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