हनुमान बेनीवाल और किरोड़ी लाल मीणा। फोटो: सोशल
जयपुर। एसआइ भर्ती रद्द करने की हाईकोर्ट की ओर से आवश्यकता बताए जाने के बाद भर्ती रद्द कराने की लगातार मांग कर रहे कृषि मंत्री किरोड़ी लाल मीणा और आरएलपी सांसद हनुमान बेनीवाल में श्रेय लेने को लेकर जुबानी हमले तेज होते जा रहे हैं। एक दिन पहले एक लाइव डिबेट में फोन पर इन्होंने एक-दूसरे को चोर-लुटेरा कहा था। किरोड़ी ने बेनीवाल को राज्यसभा में रुपए दिलाने का आरोप लगाया था।
इस पर बेनीवाल ने आरोप लगाया कि किरोड़ी ने 200 करोड़ रुपए पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से लिए। जिस पर शुक्रवार को किरोड़ी लाल मीणा ने पलटवार कर कहा कि मैं पांच साल गहलोत के खिलाफ लड़ा हूं। यदि हनुमान बेनीवाल के पास प्रमाण है तो बताएं।
गहलोत से 200 करोड़ लेने के हनुमान बेनीवाल के आरोपों पर किरोड़ी ने शुक्रवार को मीडिया से कहा कि अगर मैंने पैसे लिए हैं तो प्रमाण दें। अगर रुपए लेता तो गहलोत के खिलाफ पांच साल क्यों लड़ता। आमागढ़ पर चढ़ा, वीरांगना के साथ आंदोलन किया तो मेरे कपड़े फाड़ दिए थे। पांच साल गहलोत से नहीं मिला। अगर मैंने बेनीवाल के पैसे देने के स्रोत बता दिए तो ठीक नहीं होगा।
किरोड़ीलाल मीणा ने बेनीवाल पर मानहानि केस के सवाल पर कहा कि क्या करना, रोज-रोज बयान देते हैं। मेरे पास इतना पैसा नहीं है। मैं भ्रष्टाचार कर ही नहीं सकता। अगर किसी को प्रमाण मिल जाए तो मेरे को फांसी के फंदे पर लटका देना। यह बात मुझे बुरी लगी। इसीलिए कुछ बातें कह दीं। उनको अन्यथा नहीं लेना चाहिए, मैंने भी नहीं ली। हम दोनों ने एक-दूसरे को नजदीक से देखा है, लेकिन हनुमान बेनीवाल ने ऐसे आरोप लगा दिए, जिससे में दुखी हो गया।
हनुमान बेनीवाल ने गुरुवार रात मीडिया से बातचीत में आरोप लगाया था कि अशोक गहलोत से किरोड़ीलाल ने 200 करोड़ रुपए लिए थे। इसके बाद किरोड़ी 2013 में हेलीकॉप्टर उड़ा पाए थे। उन्होंने कहा कि एसएन गुप्ता के घर पर में और श्यामसुंदर काबरा बैठे थे। तब गुप्ता ने कहा था कि अशोक गहलोत से 200 करोड़ रुपए दिलाए हैं। अब किसी को कुछ पूछना है तो गुप्ता से पूछे।
उन्होंने रीट परीक्षा को लेकर कहा कि किरोड़ी ने कांग्रेस नेताओं से मिलकर सौदा कर लिया। वे सरकार में बैठे तो अब उनका नाम क्यूं नहीं ले रहे। एक भी कांग्रेस नेता को पकड़कर दिखा दो। महेश जोशी को पकड़ने में इनका लेना-देना नहीं है। डीओआइटी में मिले सोने का क्या हुआ। कुछ एजेंट इन्होंने छोड़ रखें हैं। वो कोई पेपर लाकर दे देते हैं, ये एसओजी पहुंच जाते हैं। उनसे मेटा कोई व्यक्तिगत झगड़ा नहीं है। जिस तू-तड़ाक की भाषा का प्रयोग किया, उसका में आदी नहीं हूं।
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Updated on:
30 Aug 2025 08:23 am
Published on:
30 Aug 2025 08:20 am
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