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स्मृति शेष: जयपुर में हुआ था जन्म, मुंबई में ली अंतिम सांसें, कुलिश जी से पढ़े थे असरानी

कम ही लोग जानते होंगे कि असरानी ने हिंदी भाषा पत्रिका के संस्थापक कर्पूरचंद्र कुलिश जी से सीखी थी। आत्मकथ्य आधारित पुस्तक ’धाराप्रवाह’ में कुलिश जी ने इसका उल्लेख किया है।

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फोटो- सोशल मीडिया

Indian Actor Asrani Dies At Age Of 84: भारतीय सिनेमा के प्रसिद्ध हास्य कलाकार गोवर्धन असरानी (84) हमारे बीच नहीं रहे। सोमवार को रात 4 बजे मुंबई के आरोग्य निधि अस्पताल में उनका निधन हो गया। उन्हेें फेफड़ों में समस्या के बाद अस्पताल में भर्ती कराया था। असरानी केवल एक अभिनेता नहीं थे बल्कि हंसी के शिल्पी थे। शोले फिल्म का उनका मशहूर संवाद हम अंग्रेजों के जमाने के जेलर हैं आज भी सुनने भर से चेहरों पर मुस्कान खिला देता है।

असरानी ने शोले, चलते-चलते, चुपके-चुपके, गोलमाल, दिल ही तो है, हेरा फेरी, बवाल, अब मैं क्या करूं और छोटी सी बात जैसी फिल्मों में ऐसा अभिनय किया। असरानी का जन्म 1 जनवरी, 1941 को जयपुर में हुआ था। उन्होंने जयपुर के सेंट जेवियर्स स्कूल से पढ़ाई की थी और फिर राजस्थान कॉलेज से ग्रेजुएशन किया।

कुलिश जी से पढ़े थे असरानी

कम ही लोग जानते होंगे कि असरानी ने हिंदी भाषा पत्रिका के संस्थापक कर्पूरचंद्र कुलिश जी से सीखी थी। आत्मकथ्य आधारित पुस्तक ’धाराप्रवाह’ में कुलिश जी ने इसका उल्लेख किया है। उन्हीं के शब्दों में…

विभाजन के बाद बहुत सारे पंजाबी और सिंधी परिवार जयपुर आकर बस गए थे। पंजाबी तो हिंदी और उर्दू जानते थे इसलिए वे जल्द ही घुल मिल गए लेकिन सिंधियों के सामने हिंदी भाषा बड़ी चुनौती थी। ऐसे में एक सिंधी शरणार्थी मित्र सेवाराम के आग्रह पर मैंने उन्हें हिंदी पढ़ाने का निर्णय लिया। राज्य सरकार के स्कूलों में कक्षाओं के बाद खाली समय में उन्हें हिंदी पढ़ाने का क्रम शुरू हुआ। दरबार स्कूल, महाराजा स्कूल में हिंदी पढ़ाने लगा।

इनमें युवा गोरधन असरानी भी था जिसने बाद में हास्य अभिनेता असरानी के रूप में पहचान बनाई। बाद के वर्षों में एक बार हवाई अड्डे पर बच्चों ने उसे देखकर उत्सुकता से कहा कि बाबा, फिल्म अभिनेता असरानी को देखो।

मैं तो भूल चुका था कि अब वह बहुत बड़ा आदमी बन चुका है मेरे लिए तो वह पुराना गोरधन ही था। मैंने आवाज लगा दी, गोरधन…गोरधन..। अपना पुराना नाम सुनकर उसे संकोच के साथ आश्चर्य भी हुआ। कुछ अखरा भी, शुरू में बिगड़ गया लेकिन पहचान लेने के बाद वही पुरानी स्मृतियां और स्नेह लौट आया।


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