
CG News: बस्तर में 17 अक्टूबर को ऐतिहासिक सरेंडर के साथ 210 नक्सली मुख्यधारा में लौट आए। इसके दो दिन बाद सेंट्रल कमेटी ने सरेंडर में शामिल रूपेश समेत 210 नक्सलियों को गद्दार बताया था। अब रूपेश और उसके साथ सरेंडर करने वाले सभी नक्सलियों का एक वीडियो सामने आया है।
इस वीडियो में सरेंडर नक्सल कैडरों के सामूहिक आत्मसमर्पण की प्रक्रिया, कारण और निर्णय के पीछे की सोच को विस्तार से प्रस्तुत किया गया है। वीडियो में रूपेश का कहना है कि हिंसा छोडक़र मुख्यधारा में लौटने का यह निर्णय बड़े स्तर पर सोच-समझकर और सर्वसम्मति से लिया गया कदम है।
यह शांति, प्रगति और सम्मानजनक जीवन में उनकी आस्था को दर्शाता है। रूपेश ने स्पष्ट किया कि अधिकांश कैडर सामूहिक रूप से शांति की दिशा में आगे बढऩा चाहते हैं, जबकि केवल कुछ सीमित सदस्य इस निर्णय से असहमत हैं। कुछ बड़े लीडर विरोधाभास की स्थिति पैदा कर रहे हैं।
वीडियो में रूपेश ने कहा कि संगठन के कुछ वरिष्ठ और केंद्रीय नेताओं जिनमें पोलित ब्यूरो सदस्य देवजी, केंद्रीय समिति सदस्य संग्राम, हिड़मा, बारसे देवा और पापा राव को सरेंडर के बारे में सब कुछ पता था पर उन्होंने स्वार्थ या व्यक्तिगत हितों के चलते इस सर्वसम्मत निर्णय की जानकारी निचले स्तर तक नहीं पहुंचाई। इस वजह से विभाजित सूचना प्रवाह और आन्तरिक मतभेदों ने पुनर्वास प्रक्रिया को जटिल बना दिया।
कांकेर/जगदलपुर. बस्तर के जंगलों में पीस कॉरिडोर यानी शांति पथ तैयार हो चुका है। जंगलों से नक्सली हथियार के साथ वापसी कर रहे हैं। ऐसी तस्वीरें इसी महीने तब दिखनी शुरू हुई जब बस्तर में रिकॉर्ड 210 नक्सलियों ने सरेंडर किया था। अब इसी नए ट्रेंड के साथ कांकेर में 21 नक्सलियों ने 18 तरह के हथियारों के साथ सरेंडर किया है। पूना मार्गेम पुनर्वास से पुनर्जीवन अभियान के तहत हुआ यह आत्मसमर्पण बस्तर रेंज में बदलाव की एक और सशक्त मिसाल बन गया है। आत्मसमर्पण करने वालों में केशकाल डिवीजन नॉर्थ सब ज़ोनल ब्यूरो के कुएमारी-किसकोडो एरिया कमेटी के सक्रिय सदस्य शामिल हैं। इनमें डिवीजन कमेटी सेक्रेटरी मुकेश, चार डीवीसीएम, नौ एसीएम, और आठ पार्टी सदस्य हैं जो अब मुख्यधारा में लौट आए हैं।
इन 21 नक्सलियों में 13 महिलाएं और 8 पुरुष शामिल हैं। आत्मसमर्पण के दौरान जमा किए गए हथियारों में 3 एके-47, 4 एसएलआर, 2 इंसास, 6 नग 303 रायफलें, 2 सिंगल शॉट रायफलें और 1 बीजीएल शामिल हैं। बस्तर रेंज के आईजी सुंदरराजन पी. ने कहा कि यह सिर्फ आत्मसमर्पण नहीं, यह विश्वास की वापसी है। नक्सलवाद से मुक्त बस्तर अब शांति और विकास की ओर तेजी से बढ़ रहा है।
Published on:
27 Oct 2025 10:38 am
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