Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

Chhath Puja 2025 Nahay Khay: नहाय खाय के साथ आज से छठ महापर्व शुरू, बाजार में पूजा सामग्री की खरीदारी जोरों पर

Chhath Puja 2025 Nahay Khay: छठ पूजा के पावन अवसर पर जगदलपुर के श्रद्धालु उत्साह के साथ घाटों की तैयारियों में जुट गए हैं। पर्व का आरंभ नहाय-खाय से हुआ।

less than 1 minute read
Google source verification
Chhath Puja 2025: छठ महापर्व की आज से शुरुआत! 36 घंटे का निर्जला व्रत रख सूर्य को देंगी अर्घ्य, सजने लगे घाट(photo-patrika)

Chhath Puja 2025: छठ महापर्व की आज से शुरुआत! 36 घंटे का निर्जला व्रत रख सूर्य को देंगी अर्घ्य, सजने लगे घाट(photo-patrika)

Chhath Puja 2025 Nahay Khay: छठ पूजा के पावन अवसर पर जगदलपुर के श्रद्धालु उत्साह के साथ घाटों की तैयारियों में जुट गए हैं। पर्व का आरंभ आज नहाय-खाय से शुरू हुआ। महंगाई के बावजूद श्रद्धालुओं में उत्साह कम नहीं है और बाजार में पूजा सामग्री की खरीदारी जोरों पर है। स्थानीय दुकानों में सूप, दउरा सहित अन्य आवश्यक पूजन सामग्री की खरीदी बढ़ गई है।

जगदलपुर के गंगामुण्डा, महादेव घाट, विभिन्न तालाब और इंद्रावती नदी के तटों पर साफ-सफाई कर दी गई है। प्रशासन ने घाटों पर सुरक्षा और व्यवस्थाओं को लेकर विशेष प्रबंध किए हैं ताकि श्रद्धालु पर्व का पालन सहज और सुरक्षित रूप से कर सकें।

Chhath Puja 2025 Nahay Khay: छठ पूजा के प्रमुख अनुष्ठान इस प्रकार होंगे

खरना 26 अक्टूबर को, जिसमें व्रती उपवास करके प्रसाद ग्रहण करेंगे। डूबते सूर्य को अर्घ्य 27 अक्टूबर को अर्पित किया जाएगा। पर्व का समापन उगते सूर्य को अर्घ्य 28 अक्टूबर को किया जाएगा। इन तीन दिनों तक श्रद्धालु पारंपरिक रीति-रिवाजों के अनुसार सूर्य देव की पूजा-अर्चना करेंगे। पर्व का उद्देश्य न केवल धार्मिक आस्था का प्रदर्शन है, बल्कि सामाजिक एकता, परिवारिक समरसता और स्वास्थ्य-पर्यावरण के प्रति जागरूकता भी फैलाना है। स्थानीय प्रशासन और स्वयंसेवी संगठन घाटों पर जलवायु और स्वच्छता के नियमों का पालन सुनिश्चित कर रहे हैं।

माहौल भक्तिमय और उत्साहपूर्ण

Chhath Puja 2025 Nahay Khay: जगदलपुर में छठ पूजा का माहौल भक्तिमय और उत्साहपूर्ण है। श्रद्धालु सुबह से ही घाटों पर पहुंचकर सूर्य देव को अर्घ्य अर्पित करेंगे और पारिवारिक व सामाजिक समरसता के प्रतीक इस पर्व का आनंद लेंगे। इस प्रकार छठ पूजा न केवल आध्यात्मिक महत्व रखती है, बल्कि बस्तर क्षेत्र में सांस्कृतिक विरासत और सामूहिक चेतना को भी मजबूती देती है।