
ढलते सूर्य को अर्घ्य देने की तैयारी (Photo source- Patrika)
Chhath Puja: सूर्य आराधना का महापर्व छठ पूजा अब अपने दूसरे चरण में प्रवेश कर चुका है। चार दिनों तक चलने वाले इस पर्व की शुरुआत शनिवार को नहाय-खाय के साथ हुई थी, आज रविवार को खरना मनाया जाएगा। इस दिन व्रती पूरे दिन निर्जला उपवास रखेंगे और शाम को प्रसाद ग्रहण करने के बाद अगले 36 घंटे तक बिना अन्न और जल के कठोर व्रत का पालन करेंगे।
कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी से आरंभ यह पर्व सातवीं तिथि तक चलता है। सोमवार को षष्ठी तिथि पर व्रती जलाशयों में खड़े होकर ढलते सूर्य को अर्घ्य देंगे, जबकि मंगलवार को सप्तमी तिथि पर उगते सूर्य को अर्घ्य अर्पित कर व्रत का समापन करेंगे। छठ पर्व (Chhath Puja 2025) उत्तर भारतीय मूल के लोगों के बीच गहरी आस्था का प्रतीक है, परंतु अब इसकी झलक बस्तर क्षेत्र में भी देखने को मिल रही है।
व्रती महिलाएं परिवार की खुशहाली, संतान की दीर्घायु और स्वास्थ्य की कामना के लिए यह कठोर उपवास रखती हैं। नहाय-खाय के दिन से ही व्रत की पवित्रता और अनुशासन का पालन शुरू हो जाता है।(Chhath Maiya worship) व्रतियों द्वारा स्नान के बाद शुद्ध भोजन बनाकर ग्रहण किया जाता है और घर में पवित्रता बनाए रखी जाती है।
Chhath Puja: गंगामुंडा तालाब में छठ पूजा का आयोजन किया जा रहा है। प्रशासन द्वारा घाटों की सफाई, सुरक्षा, प्रकाश व्यवस्था और बैरिकेडिंग की तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। श्रद्धालुओं के उत्साह के बीच आज शाम खरना की पूजा के साथ छठ महापर्व की आध्यात्मिक आभा और अधिक प्रखर हो जाएगी।
Published on:
26 Oct 2025 11:04 am
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