14 अगस्त 2025,

गुरुवार

Patrika LogoSwitch to English
मेरी खबर

मेरी खबर

शॉर्ट्स

शॉर्ट्स

ई-पेपर

ई-पेपर

जगदलपुर शहर में प्रोपर्टी के दाम आसमान छू रहे, यह हैं टॉप 10 महंगी जमीन

पत्रिका एक्सक्लूसिव जगदलपुर। महानगरों की तरह ही हमारे शहर में प्रोपर्टी के दाम लगातार आसमान छू रहे हैं, शहर के बीच जमीन खरीद पाना अब आम लोगों की पहुंच से दूर बहोत दूर हो चुका है। विगत दो दशक में जमीन के दाम में 60 से 80 फीसदी तक इजाफा हुआ है, राजस्व विभाग के मुताबिक शहर के मध्य सबसे महंगी जमीन प्रति वर्ग मीटर का मूल्य 51940 रुपए हो चुका है।

जगदलपुर शहर में प्रोपर्टी के दाम आसमान छू रहे, यह हैं टॉप 10 महंगी जमीन
सरकार के द्वारा कोरोना काल के दौरान दो वर्ष नहीं बढ़ाए गए थे प्रापर्टी के दाम

शहर के व्यस्त इलाकों में प्रोपर्टी महंगा होने के साथ ही भवनों और होटलों का रेन्ट भी महंगा हुआ है। दस वर्ष पहले दुकानों का किराया अधिकतम 10 से 20 हजार हुआ करता था, आज वही 50 हजार से 80 हजार तक हो चुका है। रेन्ट अधिक होने से व्यापार करना मुश्किल हो रहा है। इसलिए कई व्यापारी ज्यादा दिनों तक दुकानों को रेन्ट नहीं चुका पाते हैं। शहर के मध्य ही कई ऐसे दुकान हैं, जो महीनों और सालों से खाली पड़े हुए देखे जा सकते हैं।

- दलाल बढ़ा रहे हैं जमीन के दाम
सरकार के द्वारा जहां जमीन के दाम में बढ़ोतरी की जा रही है, तो वहीं दलाल भी पीछे नहीं है। जमीन कारोबार में संलिप्त दलाल ऑफ रिकार्ड में अपना कमीशन जोड़कर इसे कस्टमर के मुताबिक रेट तय कर रहे हैं। दलाल पापर्टी बाजार में मूल्य की बढ़ोतरी करते हैं और इसी बाजार मूल्य के आंकलन पर ही सरकार के द्वारा रेट बढ़ाया जाता है। इसलिए प्रापर्टी के दाम में उछाल लाने में दलाल अप्रत्यक्ष भूमिका निभा रहे हैं।

कोरोना काल में मिली थी 30 प्रतिशत छूट
ज्ञात हो कि कोरोना महामारी के दौर में आर्थिक मंदी ने प्रोपर्टी के कारोबार पर पूरी तरह से ब्रेक लगा दिया था, प्रापर्टी की खरीदी-बिक्री थमने से राज्य सरकार को करोड़ों का नुकसान हो रहा था। ऐसे में सरकार ने प्रोपर्टी के दाम में कोई बढ़ोतरी नहीं करते हुए वर्ष 2019 का रेट ही लागू रखा, साथ ही 30 प्रतिशत तक की छूट दी गई थी।

- जिला मूल्यांकन समिति करती है जमीन का मूल्य निर्धारण
नगर निगम क्षेत्र के 48 वार्डों में स्थित जमीन के बाजार मूल्य की निर्धारण जिला मूल्यांकन समिति की ओर से हर साल किया जाता है। जिसकी स्वीकृति केन्द्रीय मूल्यांकन बोर्ड देती है। नगर पालिका निगम के अंतर्गत आने वाले जमीन का मूल्य सुनिश्चित कर प्रारुप तैयार किया गया था। इसके आधार पर ही उप पंजीयक कार्यालय में जमीन की रजिस्ट्री हो रही है। जमीन के दामों में उछाल लोगों की बढ़ती जनसंख्या और नगर के लगातार विकास होने से शहर के मध्य जमीन की कमी होना इसका मुख्य कारण बताया जा रहा है।

जगदलपुर शहर में प्रोपर्टी के दाम में रिकार्ड उछाल, यह हैं टॉप 10 सबसे महंगी जमीन

नगर के टाप 10 महंगे जमीन का मूल्य (प्रति वर्ग मीटर में)

सदर वार्ड में स्टेट बैंक मुख्य शाखा से गोल बाजार से गुरुनानक चौक - 51940 रुपए
गुुरुनानक चौक से अग्रसेन चौक - 45640 रुपए
हाताग्राउण्ड से सिरहासार चौक तक - 37695 रुपए
संगम होटल से चौक से बढेरा काम्पलेक्स तक - 36890 रुपए
चांदनी चौक से जीत स्टेशनरी तक - 36890 रुपए
जैन मंदिर से कोठारी काम्पलेक्स तक - 31850 रुपए
अनुपमा टाकिज चौक से कमल पानीग्राही मकान तक- 30550 रुपए
राठी बंधुज से जगदम्बा चौक से होते हुए पुराना ज्योति टाकिज तक- 31050 रुपए
संगीत विद्यालय से बस स्टैण्ड तिराहा तक - 22960 रुपए
शहीद पार्क मूर्ति लाईन से चांदनी चौक से कमिश्नर कार्यालय तक - 23170 रुपए

- ग्रामीण क्षेत्रों की जमीन पर पूंजीपति कर रहे निवेश

ग्रामीण क्षेत्रों में प्रति हेक्टेयर कृषि भूमि की दर से रजिस्ट्री शुल्क लिया जा रहा है। जिसमें सड़क से 20 मीटर तक मूल्य अधिक है और सड़क से 20 मीटर के बाद मूल्य कम हो जाता है। सिंचित और असिंचित जमीन को अलग-अलग रेट निर्धारित है। ग्रामीण इलाकों में रजिस्ट्री के दाम कम होने पर बड़ी संख्या में पूंजीपति कृषि भूमि में निवेश कर रहे हैं।

- वर्जन
जमीन के बाजार मूल्य की निर्धारण जिला मूल्यांकन समिति की ओर से हर साल किया जाता है। जिसकी स्वीकृति केन्द्रीय मूल्यांकन बोर्ड करती है।
- दिलीप कोसरिया
जिला उप पंजीयक अधिकारी