tribals land : गैर आदिवासी को बेचने की अनुमति के लिए आदिवासियों की ओर से पेश किए आवेदन पर बुधवार को कलेक्टर कार्यालय में सुनवाई हुई। इसमें 150 आदिवासी आवेदक शामिल हुए। कलेक्टर दीपक सक्सेना ने भूमि विक्रेताओं के तर्कों को सुना। जमीन बेचने का कारण पूछने पर किसी ने कहा कि घर से खेत बहुत दूर है, अनुपयोगी होने की बात भी कही। लेकिन 80 आवेदकों का जवाब संतोषजनक नहीं पाया गया। तर्कपूर्ण बात नहीं रखे जाने पर दबाव में होने का संदेह हुआ है। वहीं 65 प्रकरणों को आदेश के लिए सुरक्षित रख लिया गया।
सुनवाई के दौरान 70-80 प्रकरण ऐसे थे जिन्हें कलेक्टर न्यायालय से जांच के लिए एसडीएम के पास भेजा गया। इनमें लगाए गए दस्तावेजों की दोबारा जांच होगी। यह भी देखा जाएगा कि वे किसी के दबाव में आकर तो जमीन नहीं बेच रहे हैं। मौके पर जाकर जमीन का मौका मुआयना भी किया जा सकता है। एसडीएम के प्रतिवेदन के आधार पर इन प्रकरणों में जमीन बेचने की अनुमति दी जा सकती है।
सुनवाई के दौरान भूमि स्वामियों ने अपने प्रकरणों में जमीन बेचने के कई कारण बताए। इनमें विक्रय के बाद बची भूमि को उन्नत करने, घर से खेत दूर होने के कारण सुरक्षा नहीं कर पाना, कलेक्टर गाइडलाइन से ज्यादा कीमत मिलना, खेती की लागत ज्यादा होना, जमीन का कम उपजाऊ और टीलानुमा होना, परिवार की तरक्की और दूसरी जगह जमीन खरीदना शामिल है।
tribals land : आदिवासियों की भूमि के विक्रय से सबंधित प्रकरण न्यायालय में लबित थे। विशेष सुनवाई के तहत सभी प्रकरणों और विक्रेताओं के तर्कों को सुना गया। इसके बाद आवश्यक कार्यवाही की गई है।
Updated on:
20 Mar 2025 04:27 pm
Published on:
20 Mar 2025 01:23 pm