former Anglo-Indian MLA Madhya Pradesh Mrs Loraine Lobo photo https://mpvidhansabha.nic.in/
Loraine Lobo passed away: मध्यप्रदेश की आखिरी एंग्लो-इंडियन विधायक रहीं लारेन बी लोबो का निधन हो गया। 81 वर्षीय लोरेन शादी के बाद जबलपुर में बस गई थीं। पहली बार वे एमपी विधानसभा के लिए 2004 में विधायक मनोनीत हुई थीं। 2009 और 2014 में भी उनका मनोनयन हुआ था। इसके बाद 2018 में विधायक निधि आवंटन में अनियमितता और आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ (ईओडब्ल्यू) द्वारा केस दर्ज किए जाने के बाद फिर उन्हें मौका नहीं दिया गया।
जबलपुर की रहने वाली पूर्व विधायक लोरेन बी लोबो ने गुरुवार को अंतिम सांस ली। लोरेन पहली बार 29 नवंबर 2004 को विधायक मनोनीत हुई थीं। नागपुर में जन्मी लोरेन तीन बार मध्यप्रदेश विधानसभा के लिए मनोनीत हुई थीं। लोरेन के पिता फ्रेडरिक एलासेस लीमोस और पति एलजी लोबे थे। दिग्विजय सरकार में एंग्लो इंडियन जून चौधरी को विधायक मनोनीत किया था, उनके पति अनूप चौधरी थे, जो जबलपुर के ही रहने वाले थे।
एंग्लो इंडियन (Anglo Indian) यानी आजादी के बाद भारत में ही बस गए इंग्लैंड के परिवार या फिर ऐसे कोई महिला-पुरुष जो इंग्लैंड के रहने वाले थे और उनकी संतानें भी एंग्लो इंडियन कहलाती हैं। भारतीय संविधान में यह नियम है कि लोकसभा में राष्ट्रपति की ओर से दो और प्रत्येक राज्य की विधानसभा में एक एंग्लो इंडियन को राज्यपाल की ओर से मनोनीत किया जा सकता है। इन्हें सांसद-विधायक की तरह ही सुविधाएं मिलती हैं। हालांकि इन्हें सदन में वोट डालने का अधिकार प्राप्त नहीं होता है। मध्यप्रदेश विधानसभा में पिछले कुछ वर्षों तक एंग्लो इंडियन (आंग्ल भारतीय) समुदाय की लोबो लोरेन बी को विधायक मनोनीत किया जाता रहा। लेकिन, केंद्र की मोदी सरकार ने एंग्लो इंडियन कोटे को अब और नहीं बढ़ाने का फैसला ले लिया गया था।
भारत की जनगणना के रिकॉर्ड के मुताबिक एंग्लो इंडियन की संख्या लगातार कम होती गई। 2001 में 731 एंग्लो इंडियन परिवार देश में थे, वहीं 2011 में इनकी संख्या घटकर 256 हो गई। सवाल भी उठे कि 425 एंग्लो इंडियन कहां चले गए। क्या उनकी मृत्यु हो गई या अपने देश इंग्लैंड चले गए या धर्म परिवर्तन कर लिया गया।
Updated on:
10 Oct 2025 02:48 pm
Published on:
10 Oct 2025 02:47 pm
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