इंदौर. भिवानी चिडिय़ाघर से इंदौर चिडिय़ाघर तक की 900 किलोमीटर की यात्रा कर शेर शिवाजी (अर्जुन) (Shivaji Lion) सोमवार शाम को इंदौर पहुंच गया। लगभग 37 घंटे तक सफर में रहने के बाद उसे इंदौर चिडिय़ाघर में बने शेरों के बाडे के क्रॉल में रखा गया है। जहां अगले सात दिनों तक वो रहेगा। उसके बाद ही उसे आम जनता के लिए बड़े पिंजरे में छोड़ा जाएगा।
शेरों की ब्लड लाइन में बदलाव करने के उद्देश्य से इंदौर चिडिय़ाघर से साढ़े चार साल उम्र के शेर शिवा (Shivaji Lion) को भिवानी चिडिय़ाघर भेजा गया था। शुक्रवार को उसे लेकर चिडिय़ाघर प्रभारी डॉ. उत्तम यादव इंदौर से रवाना हुए थे। शनिवार को उसे वहां छोडऩे के बाद रविवार सुबह 6 बजे इंदौर के लिए रवाना हो गए थे। रविवार ओर सोमवार को सफर करने के बाद सोमवार शाम को उसे इंदौर लाया गया। यहां पर उसे सफर के दौरान जिस पिंजरे में रखा गया था, उससे निकालने के बाद शेरों के पिंजरे में छोड़ा गया है।
6 घंटे किया आराम
भिवानी चिडिय़ाघर से लेकर निकलने के दौरान रास्ते में कई जगह रूककर उसकी स्थिति को साथ में गए डॉ. उत्तम यादव देखते रहे। इस दौरान भिवानी से चलने के बाद रविवार रात 12 बजे के लगभग जयपुर के आगे जरूर गाड़ी को रोक दिया गया था। यहां पर सोमवार सुबह 6 बजे तक आराम करने के बाद दोबारा उसका सफर शुरू हुआ था। जहां से शाम 7 बजे के लगभग वो इंदौर पहुंचा।
रास्ते में केवल पानी पीता रहा
इंदौर लाया गया शेर शिवाजी भिवानी चिडिय़ाघर में ही पैदा हुआ था। इसके पहले उसने कभी सफर नहीं किया था। जिसके चलते वो इंदौर लाए जाने के दौरान काफी तनाव में रहा। सफर के दौरान उसे खाने के लिए मांस दिया गया। लेकिन उसने कुछ नहीं खाया। वो पूरे रास्ते केवल पानी ही पीता रहा। हालांकि इंदौर पहुंचने और पिंजरे में छोडऩे के बाद उसे एक मुर्गा दिया गया था, वो उसने जरूर खाया।
0 शेर सही हालत में इंदौर पहुंच गया है। फिलहाल सफर और जगह बदलने के कारण वो तनाव में है। उसे हमने फिलहाल क्रॉल में रखा है। एक सप्ताह तक उसे सभी से दूर कोरेंटाइन रखा जाएगा। जिसके बाद ही उसे पिंजरे में छोड़ा जाएगा। उसे हम फिलहाल बाकी शेरों के साथ नहीं छोड़ेंगे। उसे अलग रखा जाएगा।
- डॉ. उत्तम यादव, प्रभारी चिडिय़ाघर
Published on:
07 Feb 2022 10:41 pm