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ऑस्ट्रेलियाई खिलाड़ियों को छेड़ने वाले पर लूट-मारपीट समेत 5 केस, फिर भी.., बदमाशों की निगरानी व्यवस्था ध्वस्त

Australian Players Harassed Case : आरोपी अकील उर्फ नाइट्रा आदतन अपराधी है। उसपर मारपीट और लूट समेत 5 केस दर्ज हैं। बावजूद इसके बदमाश खुलेआम शहर में ऐसी वारदात को अंजाम देता है। वारदात ने बदमाशों पर पुलिस निगरानी व्यवस्था की पोल खोली है।

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इंदौर

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Faiz Mubarak

Oct 26, 2025

Australian Players Harassed Case

ऑस्ट्रेलियाई खिलाड़ियों को छेड़छाड़ मामला (Photo Source- Patrika)

Australian Players Harassed Case : ऑस्ट्रेलिया टीम की महिला क्रिकेट खिलाड़ियों से छेड़छाड़ के मामले ने सिर्फ मध्य प्रदेश के इंदौर की ही नहीं, बल्कि पूरे देश की छवि धूमिल की है। यही वजह है कि, सुरक्षा में हुई बड़ी चूक की जिम्मेदारी पुलिस अधिकारी अपने सिर नहीं ले रहे। हालांकि, आरोपी अकील उर्फ नाइट्रा आदतन अपराधी है। उसपर मारपीट और लूट समेत 5 केस दर्ज हैं। पहले वो खजराना थाना इलाके में रहता था। लेकिन अब वो आजाद नगर थाना इलाके में रह रहा है, लेकिन पुलिस को इसकी भनक तक नहीं लगी। इस वारदात ने बदमाशों पर पुलिस की निगरानी व्यवस्था की पोल खोल दी है।

सूत्रों का कहना है कि, आरोपी को कोर्ट में पेश कर पुलिस ने एक दिन की रिमांड पर लिया है। नाइट्रा ने पुलिस को बताया कि, वो पिता के साथ मकान बनाने का काम करता है। वारदात से पहले वो पिता को सत्यसाईं चौराहे के समीप बाइक से छोड़ने गया था और लौटते समय रास्ते में उसने वारदात की है।

पुलिस का बहाना- बिना सूचना बाहर निकली ​खिलाड़ी

पुलिस अब आरोपी की अन्य वारदातों के संबंध में पता लगा रही है। पुलिस अधिकारी दबी जुबान में सफाई दे रहे हैं कि, खिलाडि़यों की होटल के अंदर और बाहर सुरक्षा होती है। कई बार महिला खिलाड़ी सूचना देकर खरीदारी करने शॉपिंग मॉल गई हैं। उनकी सुरक्षा में पुलिस बल तैनात किया था। इस बार खिलाड़ी बिना पुलिस को सूचना दिए बाहर निकली थीं। पुलिस हर समय, हर गली, हर रोड पर तो तैनात नहीं रह सकती।

इतने अ​धिकारी, क्या कोई जिम्मेदार नहीं?

खिलाड़ी जिस होटल में रुकी हैं, वो जोन-2 के अंतर्गत विजय नगर थाने के अधीन है। इस क्षेत्र में डीसीपी कुमार प्रतीक, एडिशनल डीसीपी अमरेंद्र सिंह, एसीपी राजकुमार सराफ हैं। एडिशनल डीसीपी अमरेंद्र सिंह का कहना है कि, खिलाडि़यों की सुरक्षा का मामला क्रिकेट एसोसिएशन के पास रहता है। बीसीसीआई और एमपीसीए के पीएसओ तैनात रहते हैं। ग्रुप सिक्योरिटी के लिए टीम तैनात थी। सिक्योरिटी का प्रभार एसीपी स्तर के अधिकारी के पास था। नियमानुसार खिलाड़ी को बाहर जाना हो तो सूचना देते हैं, जिसकी स्थानीय पुलिस व्यवस्था करती है। तर्क है कि, खिलाड़ियों ने बाहर जाने की सूचना नहीं दी, इसलिए सुरक्षा व्यवस्था नहीं दी गई। सवाल ये है कि, इतने अधिकारियों की तैनाती के बावजूद इतनी बड़ी घटना होने के लिए कोई जिम्मेदार नहीं है?