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गौरव दिवस : जल बचाने के लिए नगर निगम ने मनाया जल महोत्सव

चोइथराम चौराहे से पिपलिया पाला तालाब तक निकला जल मार्चसभी वार्डों में हुई जलस्त्रोतों की सफाई

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जल संवर्धन के लिए काम करने वालों का सम्मान करते महापौर पुष्यमित्र भार्गव

जल संवर्धन के लिए काम करने वालों का सम्मान करते महापौर पुष्यमित्र भार्गव

इंदौर. इंदौर के स्थापना दिवस को गौरव दिवस के रूप में मनाया जाना है। 31 मई को होने वाले गौरव दिवस के पहले शहर में कई कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं। इसी कड़ी में गुरूवार को नगर निगम ने जल बचाव का संदेश देते हुए जल महोत्सव मनाया। इस दौरान जहां पानी बचाने वालों का सम्मान किया गया। वहीं जल मार्च भी निकालागया।
जल महोत्सव की शुरूआत गुरूवार को सुबह से ही हो गई थी। इस दौरान सुबह शहर के सभी 85 वार्डों में अलग-अलग स्थानों पर वर्षा जल संग्रहण एवं पर्यावरण संरक्षण के लिए सभाएं हुईं। जिसमें वार्डस्तर पर बनाई गई जल समितियों ने जनप्रतिनिधियों के साथ मिलकर जनता को पानी बचाने के लिए प्रेरित किया। इस दौरान समितियों ने नागरिकों के साथ मिलकर पौधारोपण भी किया और जल संरक्षण की शपथ ली। वहीं सुबह 8 बजे चोइथराम चौराहे से पिपलियापाला तालाब तक जल मार्च निकाला गया। अपर आयुक्त सिद्धार्थ जैन ने जल मार्च को हरी झंडी देकर रवाना किया। इस दौरान जल मार्च में शामिल हुए स्कूल और कॉलेज के छात्रों को चौराहे पर शहीद उधम सिंह की प्रतिमा के पास स्थित बावड़ी का अवलोकन कराने के साथ ही उसकी जानकारी दी गई। इसके बाद अमितेश नगर बावड़ी पर यात्रा पहुंची। जहां निगम के अधीक्षण यंत्री महेश शर्मा एवं जल संरक्षण के लिए काम करने वाले एमजी सुरेश ने छात्रों को वर्षा जल संग्रहण के लिए प्राकृतिक जल स्त्रोतों का संरक्षण क्यों जरूरी है इसके बारे में जानकारी दी। साथ ही यहां पर मौजूद रैनवाटर हार्वेस्टिंग और वाटर रिचार्ज की प्रणाली के बारे में भी छात्रों को बताया। पिपल्यापाला तालाब पर किस तरह से एसटीपी से ट्रीटेड वॉटर का उपयोग सिंचाई और अन्य कामों से किया जा सकता है। इसकी जानकारी दी गई। वहीं इस दौरान सभी वार्डों में मौजूद जल स्त्रोत कुएं, बावडियों की सफाई के लिए भी निगम की टीमों ने जनप्रतिनिधियों की देखरेख में काम किया।
आने वाली पीढ़ी के लिए जल संरक्षण जरूरी
जल महोत्सव के तहत गुरूवार शाम को गांधी हॉल में एक कार्यक्रम भी आयोजित किया गया। इसमें महापौर पुष्यमित्र भार्गव के साथ ही एमआइसी सदस्य और पार्षद भी मौजूद थे। इस दौरान जल महोत्सव एवं संवाद के तहत इंदौर आर्टिस्ट के कलाकारों ने इंदौर जल एंथम और जल संरक्षण थीम पर नृत्य की प्रस्तुति दी। इसके साथ ही जल संरक्षण में काम करने वाले रैन वाटर एक्सपर्ट एमजी सुरेश, जोनल अधिकारी गीतेश तिवारी, सतीश गुप्ता, वैभव देवलासे, आरएस देवड़ा, नरेन्द्र कुरील, के साथ ही रैनवाटर हार्वेस्टिंग के लिए काम करने वाले रोहित बोयल, घनश्याम वर्मा, नरेन्द्र भावसार, डीएस तोमर, रमेश बैस, सुधीर जोशी, रूपेश सूर्यवंशी, लक्ष्मीनारायण पानेरी, अनिल जायसवाल को सम्मानित किया गया। कार्यक्रम के दौरान महापौर भार्गव ने कहा कि हम सभी गौरवशाली है कि हम इंदौर जैसे शहर में रह रहे हैं, किंतु लगातार जो स्थिति सामने आ रही है, उसमें हमने सुधार नहीं किया, जल का संचय नहीं किया तो आने वाले केवल 15 से 20 सालों में शहर का भूजल स्तर खत्म होने की कगार पर होगा। पानी पर हमारा ही नहीं आने वाली पीढ़ी का भी अधिकार है जल संचयन आने वाली पीढ़ी के लिए बहुत ही आवश्यक है इसलिए हम सभी पानी को बचाने के लिए काम करना होगा।