इंदौर. विधानसभा चुनावों के पहले कांग्रेस को एक बड़ी सफलता मिली है। कांग्रेस ने इंदौर में मतदाता सूची तैयार करने का काम अपात्रों से कराने का आरोप चुनाव आयोग पर लगाया था। वहीं अब आयोग ने कांग्रेस से ऐसे फर्जी बूथ लेवल ऑफिसर (बीएलओ) के नाम मांगे हैं।
मतदाता सूची तैयार करने, नाम जोडऩे और घटाने के साथ ही संशोधन का काम बीएलओ के द्वारा किया जाता है। निर्वाचन आयोग ने इसे महत्वपूर्ण काम मानते हुए इसके लिए 15 शासकीय कर्मचारियों को ही नियुक्त करने का नियम बनाया है। वहीं कांग्रेस ने आरोप लगाया था कि इंदौर में इन नियमों को धत्ता बताते हुए अफसरों ने मस्टरकर्मचारियों, तबला वादक, प्लम्बर, रिटायर कर्मचारियों को इस काम में लगा दिया है। कांग्रेस नेता दिलीप कौशल ने अपने वकील जयेश गुरनानी के जरिए भारत निर्वाचन आयोग, राज्य निर्वाचन आयोग, जिला निर्वाचन कार्यालय आदि को कानूनी नोटिस भेजा था। जिसके बाद राज्य निर्वाचन आयोग की ओर से एक पत्र गुरनानी को भेजा गया है। जिसमें निर्वाचन आयोग ने ऐसे सभी बीएलओ की जानकारी जिनमें उनके नाम, किस विधानसभा में, किस बूथ का उन्हें कार्य सौंपा गया है, आदि जानकारी कौशल से मांगी गई है। आयोग की ओर से चिट्ठी में साफ कहा गया है कि इसका परीक्षण कराने के साथ ही यदि नियमों से अलग इन्हें बनाया गया है तो उन्हें कार्यमुक्त किया जाएगा।
0 मतदाता सूची में कई तरह की गड़बड़ लगातार सामने आ रही है। लगातार शिकायतों के बाद में भी इस पर कार्रवाई नहीं हो रही थी। इसके पीछे मुख्य कारण था, ऐसे बीएलओ जो अपात्र थे। नियमों के खिलाफ जाकर जिला निर्वाचन कार्यालय ने इन्हें नियुक्त किया था। इसके खिलाफ हमने नोटिस जारी किया था। आयोग ने हमसे जानकारी मांगी है, हमारी जानकारी में जितने अपात्र हैं, हम उनके बारे में जानकारी आयोग को भेज रहे हैं।
- दिलीप कौशल, शिकायतकर्ता
Published on:
20 May 2023 09:42 pm