सांकेतिक फोटो सोर्स पत्रिका
करवा चौथ की रात जब सुहागिनें अपने पतियों की लंबी उम्र के लिए चाँद का दीदार कर रहीं थीं, उसी वक्त गोंडा जिले में रफ्तार के कहर ने दो घरों के चिराग बुझा दिए। बहराइच और गोंडा की सड़कों पर हुए अलग-अलग हादसों में दो परिवारों की खुशियां मातम में बदल गईं। एक बहन को दिया गया करवा चौथ का उपहार ही भाई के लिए आखिरी सफर बन गया, जबकि दूसरे परिवार में पति की राह देखती पत्नी को उसकी मौत की खबर मिली। सड़क पर बिखरे कंगन, टूटे बर्तन और आंसुओं से भरा सन्नाटा - दोनों गांवों में अब यही करवा चौथ की निशानी बन गए हैं।
करवा चौथ का पर्व खुशियों और आस्था का दिन माना जाता है। लेकिन गोंडा जिले में यह दिन दो परिवारों के लिए कभी न भूलने वाला दर्द बन गया। रफ्तार के कहर ने दो सुहागिनों की मांग का सिंदूर छीन लिया — एक पल में दो घरों के चिराग बुझ गए, और जहां शाम को पूजा की तैयारी होनी थी, वहां रात तक सिसकियां गूंजती रहीं।
पहली घटना गोंडा शहर के दत्तनगर कुर्मीपुरवा की है। यहां के 40 वर्षीय शिवकुमार वर्मा शुक्रवार दोपहर अपनी बहन को करवा चौथ का सामान देने बहराइच के पयागपुर गए थे। बहन को पूजा का सारा सामान सौंपकर वे खुशी-खुशी लौट रहे थे। लेकिन किसे पता था कि यह उनका आखिरी सफर होगा। आर्यनगर के पास सामने से आ रही बाइक से उनकी टक्कर हो गई। हादसे में वे सड़क पर गिर पड़े। तभी पीछे से आ रहे ट्रक ने उन्हें कुचल दिया। राहगीरों ने गंभीर हालत में शिवकुमार को अस्पताल पहुंचाया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें लखनऊ रेफर कर दिया। रास्ते में ही उनकी सांसें थम गईं।
घर पर जब मौत की खबर पहुंची। तो पत्नी सुनीता बेसुध हो गईं। दो बेटों व कुलदीप और संदीप की आंखों के सामने पिता का साया उठ गया। परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है। पुलिस ने ट्रक और बाइक चालक के खिलाफ केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
दूसरी घटना बहराइच जिले के विशेश्वरगंज क्षेत्र के कांधभारी होलागाड़ा गांव की है। यहां के संदीप चौहान (30) गोंडा शहर में परिवार समेत मजदूरी करते थे। करवा चौथ के दिन उनकी पत्नी लालमती पूजा की तैयारी के लिए बच्चों के साथ गांव चली गई थीं। संदीप ने काम निपटाकर देर शाम ऑटो से घर लौटने का फैसला किया। बहराइच रोड पर बिमौर पेट्रोल पंप के पास अचानक ऑटो के सामने छुट्टा जानवर आ गया। चालक ने बचाने की कोशिश की, लेकिन ऑटो पलट गया। सड़क पर गिरते ही संदीप तेज रफ्तार बाइक की चपेट में आ गए। उन्हें अस्पताल ले जाया गया। मगर जान नहीं बच सकी। संदीप चार भाइयों में तीसरे थे। परिवार के लोग करवा चौथ की पूजा की तैयारी कर रहे थे। तभी मौत की खबर पहुंची। पत्नी लालमती बेहोश हो गईं। बच्चों को समझाने वाला कोई नहीं रहा। गांव में मातम का माहौल है।
Updated on:
12 Oct 2025 03:42 pm
Published on:
12 Oct 2025 03:41 pm
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