Paush Month Importance: पौष हिंदी कैलेंडर का दसवां महीना है, यह प्रायः ग्रेगोरियन कैलेंडर यानी अंग्रेजी कैलेंडर के दिसंबर जनवरी महीने में पड़ता है। इस समय शीत ऋतु की शुरुआत हो चुकी रहती है। धार्मिक लिहाज से भी इसका बड़ा महत्व है। इस महीने धार्मिक कार्यों का फल कई गुना अधिक बढ़ जाता है।
मान्यता है कि इस पूरे महीने भगवान सूर्य को अर्घ्य देने के बाद अगर पूजा पाठ किया जाए तो इससे व्यक्ति को शुभ फल की प्राप्ति होती है। इसके अलावा इस महीने में पितरों का पिंडदान, तर्पण और श्राद्ध भी बहुत शुभ माना जाता है। लोगों की मान्यता है कि ऐसा करने से घर में सुख शांति और सौभाग्य का आगमन होता है। ऐसा करने वाले व्यक्ति के मान सम्मान में वृद्धि होती है। जीवन में सफलता का आगमन होता है।
धार्मिक ग्रंथों के अनुसार पौष महीने में अगर कोई भी व्यक्ति सुबह स्नान करने के बाद तांबे के पात्र (बर्तन, लोटा आदि) सूर्य देव को जल अर्पित करे तो तो सूर्य नारायण उसकी सभी मनोकामनाएं पूरी करते हैं। इससे व्यक्ति का स्वास्थ्य अच्छा होता है। जीवन से समस्याएं दूर होने लगती हैं। इसके अलावा इस महीने में मध्य रात्रि की साधना बेहद शुभफल देने वाली मानी गई है।
वाराणसी के पुरोहित शिवम तिवारी के अनुसार इस महीवे व्यक्ति को गरम वस्त्र, कंबल और नौ तरह के अन्न का दान करना चाहिए। इससे देवताओं का आशीर्वाद मिलता है।
पं. तिवारी के अनुसार हिंदी के दसवें महीने में पीले और लाल रंग के वस्त्र भाग्य अच्छा बनाते हैं। इसके अलावा इस महीने में घर में अगर कपूर का इस्तेमाल हो तो घर में रहने वालों का स्वास्थ्य अच्छा रहता है। आइये जानते हैं पूस महीने में और क्या काम करना चाहिए ..
1.पौष माह में नियमित रूप से गीता का पाठ और भगवान कृष्ण का ध्यान, भक्ति करनी चाहिए।
2. कान्हा को तुलसी के पत्तों का भोग लगाएं और फिर इसे प्रसाद की तरह ग्रहण करें।
3. पूरे महीने भगवान विष्णु के ॐ नमो भगवते वासुदेवाय नमः मंत्र का जाप करना चाहिए। संभव हो तो पवित्र नदी में स्नान जरूर करें, विशेष रूप से अमावस्या, पूर्णिमा पर।
4. पौष महीने में अरहर की दाल और चावल की खिचड़ी में घी डालकर इसे जरूरतमंद लोगों को खिलाएं।
5. लाल रंग के कपड़े पहनें, तांबे के बर्तन में दान दें।
6. पौष में सोमवार के दिन भगवान शिव को बेलपत्र चढ़ाकर शिवजी की पूजा करें।
पौष माह में कभी भी नया कार्य शुरू नहीं करना चाहिए। मान्यता है कि इसके बहुत शुभ परिणाम नहीं मिलते। इसलिए परहेज करें तो बेहतर है।
Paush Month Start Date: पंचांग के अनुसार पौष माह की शुरुआत 16 दिसंबर से हो रही है, यह महीना 13 जनवरी 2025 को संपन्ना हो जाएगा। आइये जानते हैं पौष 2024 में कौन से व्रत त्योहार पड़ेंगे ..
18 दिसंबर 2024: बुधवार, संकष्टी गणेश चतुर्थी
22 दिसंबर 2024: रविवार, कालाष्टमी
25 दिसंबर 2024: बुधवार मदन मोहन मालवीय जयंती, क्रिसमस
26 दिसंबर 2024: गुरुवार, सफला एकादशी
28 दिसंबर 2024: शनिवार, प्रदोष व्रत
29 दिसंबर 2024: रविवार, मासिक शिवरात्रि
30 दिसंबर 2024: सोमवार अमावस्या, सोमवार व्रत
01 जनवरी 2025: बुधवार नव वर्ष , चंद्र दर्शन
03 जनवरी 2025: शुक्रवार वरद चतुर्थी
05 जनवरी 2025: रविवार षष्ठी
06 जनवरी 2025: सोमवार, गुरु गोबिंदसिंह जयंती
07 जनवरी 2025: मंगलवार, दुर्गाष्टमी व्रत
10 जनवरी 2025: शुक्रवार वैकुंठ एकादशी , पौष पुत्रदा एकादशी
11 जनवरी 2025: शनिवार कूर्म द्वादशी व्रत, प्रदोष व्रत , रोहिणी व्रत
12 जनवरी 2025: रविवार स्वामी विवेकानंद जयंती , राष्ट्रीय युवा दिवस
13 जनवरी 2025: सोमवार पूर्णिमा , सत्य व्रत , पौष पूर्णिमा , माघ स्नान प्रारंभ, लोहड़ी (लोहरी), सत्य व्रत , पूर्णिमा व्रत
डिस्क्लेमरः इस आलेख में दी गई जानकारियां पूर्णतया सत्य हैं या सटीक हैं, इसका www.patrika.com दावा नहीं करता है। इन्हें अपनाने या इसको लेकर किसी नतीजे पर पहुंचने से पहले इस क्षेत्र के किसी विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें।
Updated on:
02 Dec 2024 08:10 pm
Published on:
02 Dec 2024 12:40 pm