भारतीय आध्यात्म में सूर्य को बारह आदित्यों में एक माना गया है। जन्मकुंडली में किसी भी ग्रह के कारण कोई भी अशुभता गई है तो इनकी उपासना से वह दूर हो जाती है। न केवल जन्मकुंडली में सूर्य का ग्रह रूप में वरन हस्तरेखा शास्त्र में भी सूर्य का पर्वत रूप में अध्ययन किया जाता है। सूर्य की अनुकूलता प्राप्त करने के लिए गायत्री मंत्र को सर्वोत्तम माना गया है।