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Diwali 2025: वृषभ, कुंभ और सिंह लग्न में करें मां लक्ष्मी का पूजन, दिवाली पर घर में आ सकती हैं सुख, शांति और समृद्धि

Diwali 2025 Puja: दिवाली के शुभ अवसर पर वृषभ लग्न में देवी लक्ष्मी की विधिवत पूजा करें। इससे घर में शांति, सुख और समृद्धि का वास होगा और धन की कभी कमी नहीं रहेगी।

2 min read

भारत

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MEGHA ROY

Oct 08, 2025

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Diwali 2025 auspicious time for Lakshmi Puja|फोटो सोर्स – Freepik

Diwali 2025 Date: दीपों का त्योहार दिवाली खुशियों, समृद्धि और नए आरंभ का प्रतीक है। वर्ष 2025 में विशेष रूप से वृषभ, कुंभ और सिंह लग्न वाले जातकों के लिए मां लक्ष्मी का पूजन अत्यंत शुभ रहेगा। इन लग्नों में दीवाली पर मां लक्ष्मी की आराधना से घर में सुख-शांति और आर्थिक समृद्धि का आगमन संभव है। यह समय न केवल धन प्राप्ति का होगा, बल्कि आपके जीवन में सकारात्मक ऊर्जा और खुशहाली भी बढ़ेगी। आइए जानते हैं कैसे करें मां लक्ष्मी का सही पूजन और इस दिवाली को अपने लिए और परिवार के लिए खास बनाएं।

पूजन के लिए सबसे उत्तम मुहूर्त

  • वृषभ लग्न (Taurus Ascendant)शाम 7:12 बजे से रात 9:08 बजे तक रहेगा। यह सबसे उत्तम मुहूर्त माना गया है।
  • कुंभ लग्न (Aquarius Ascendant)दोपहर 2:36 बजे से लेकर शाम 4:07 बजे तक रहेगा।
  • सिंह लग्न (Leo Ascendant)आधी रात 1:13 बजे से लेकर 3:54 बजे तक रहेगा।

लक्ष्मी पूजन के लिए आवश्यक सामग्री

  • मां लक्ष्मी और श्रीगणेश की मूर्ति या चित्र
  • लाल या पीले रंग का कपड़ा
  • पंचामृत, गंगाजल या शुद्ध जल
  • हल्दी, कुमकुम, चावल (अक्षत), इत्र
  • ताजे फूल, फूलों की माला
  • सुपारी, लौंग, इलायची, धूपबत्ती
  • खील, बताशे, गन्ना, सिंघाड़ा, मौसमी फल, मिठाई
  • चांदी के सिक्के
  • दीये (मिट्टी के), घी या तेल
  • कलश, नारियल और आम के पत्ते

लक्ष्मी पूजन की संपूर्ण विधि

  • सुबह स्नान करके पूरे घर की सफाई करें और गंगाजल से घर को शुद्ध करें।
  • पूजा के स्थान को अच्छे से साफ करके वहां लाल या पीला कपड़ा बिछाएं।
  • कपड़े के ऊपर थोड़े चावल बिछाकर श्रीगणेश और मां लक्ष्मी की स्थापना करें।
  • एक बड़ा मिट्टी का दीपक घी से भरकर जलाएं।
  • एक कलश में पानी भरें, उसमें सुपारी, सिक्का और हल्दी डालें, ऊपर आम के पत्ते लगाकर नारियल रखें।
  • सभी देवी-देवताओं को तिलक करें, फूल अर्पित करें और मिठाई व फलों का भोग लगाएं।
  • पहले गणेश जी की और फिर मां लक्ष्मी की आरती करें।
  • अंत में हुई किसी भी भूल-चूक के लिए क्षमा मांगें।
  • पूजा के बाद घर के हर कोने, खिड़की-दरवाजों पर दीपक जलाएं।


श्री लक्ष्मी माता की आरती (Laxmi Mata Ki Aarti Lyrics)


ओम जय लक्ष्मी माता, मैया जय लक्ष्मी माता।

तुमको निशिदिन सेवत, हरि विष्णु विधाता॥
ओम जय लक्ष्मी माता॥

उमा, रमा, ब्रह्माणी, तुम ही जग-माता।
मैया तुम ही जग-माता।।

सूर्य-चंद्रमा ध्यावत, नारद ऋषि गाता॥
ओम जय लक्ष्मी माता॥

दुर्गा रुप निरंजनी, सुख सम्पत्ति दाता।
मैया सुख सम्पत्ति दाता॥

जो कोई तुमको ध्याता, ऋद्धि-सिद्धि धन पाता॥
ओम जय लक्ष्मी माता॥

तुम पाताल-निवासिनि, तुम ही शुभदाता।
मैया तुम ही शुभदाता॥

कर्म-प्रभाव-प्रकाशिनी, भवनिधि की त्राता॥
ओम जय लक्ष्मी माता॥

जिस घर में तुम रहतीं, सब सद्गुण आता।
मैया सब सद्गुण आता॥

सब सम्भव हो जाता, मन नहीं घबराता॥
ओम जय लक्ष्मी माता॥

तुम बिन यज्ञ न होते, वस्त्र न कोई पाता।
मैया वस्त्र न कोई पाता॥

खान-पान का वैभव, सब तुमसे आता॥
ओम जय लक्ष्मी माता॥

शुभ-गुण मंदिर सुंदर, क्षीरोदधि-जाता।
मैया क्षीरोदधि-जाता॥

रत्न चतुर्दश तुम बिन, कोई नहीं पाता॥
ओम जय लक्ष्मी माता॥

महालक्ष्मीजी की आरती, जो कोई जन गाता।
मैया जो कोई जन गाता॥

उर आनन्द समाता, पाप उतर जाता॥
ओम जय लक्ष्मी माता॥
ऊं जय लक्ष्मी माता, मैया जय लक्ष्मी माता।
तुमको निशदिन सेवत, हरि विष्णु विधाता। ऊं जय लक्ष्मी माता।।