Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

प्रशासन ने अवैध घोषित कर दीं 10 कॉलोनियां, दो KM के दायरे में 10 हजार मकानों पर चलेगा बुलडोजर!

Bulldozer Action: यमुना तलहटी में बसी इन कॉलोनियों में ज्यादातर लोग बाहरी राज्यों से आए मध्यमवर्गीय परिवार हैं। भूमाफियाओं ने इन्हें ‘सस्ते और कानूनी’ प्लॉट का सपना दिखाया और 10 से 15 हजार रुपये प्रति वर्गगज के हिसाब से जमीनें बेच डालीं।

3 min read
land mafia set up illegal colonies in 2 KM on Yamuna foothills administration bulldozers action in Faridabad

फरीदाबाद में भूमाफिया ने दो किलोमीटर में बसा दीं 10 अवैध कॉलोनियां।

Bulldozer Action: दिल्ली से सटे फरीदाबाद का बसंतपुर क्षेत्र इन दिनों चर्चा का केंद्र बना हुआ है। यहां यमुना नदी की तलहटी से गुजरने वाले करीब दो किलोमीटर के दायरे में भूमाफियाओं ने नियम-कायदों को ताक पर रखकर दस से अधिक अवैध कॉलोनियां बसा दी हैं। सस्ती जमीन और पक्के मकान का लालच दिखाकर उन्होंने हजारों लोगों को अपने जाल में फंसा लिया। अब जब जिला प्रशासन ने इस पूरे इलाके को डूब क्षेत्र घोषित कर निर्माण कार्य पर रोक लगा दी है। ऐसे में जिला प्रशासन के प्रति जहां लोगों में नाराजगी बढ़ गई है, वहीं मकान टूटने को लेकर चिंता भी बढ़ गई हैं।

दस हजार से ज्यादा मकानों पर मंडरा रहा संकट

स्थानीय लोगों के अनुसार, इस क्षेत्र में करीब दस हजार मकान खड़े किए जा चुके हैं। इनमें से कई दो से तीन मंजिला इमारतें हैं। इतना ही नहीं, कॉलोनी के भीतर होटल, अस्पताल, स्कूल और धार्मिक स्थल भी खुलेआम खड़े कर दिए गए। लोग बताते हैं कि उन्होंने इन मकानों को बनाने के लिए अपनी पूरी उम्र की कमाई लगा दी। लेकिन प्रशासन की ओर से अब इसे अवैध बताया जा रहा है। इसके चलते उनकी जीवनभर की कमाई डूबने के साथ मकानों पर भी संकट मंडराने लगा है।

निवासियों का आरोप है कि अगर प्रशासन शुरू से ही सख्ती दिखाता और लोगों को जागरूक करता तो कोई भी परिवार अपनी जमा-पूंजी इस तरह नहीं गंवाता। लोगों ने जिला प्रशासन, पुलिस और नगर निगम पर भी मिलीभगत के आरोप लगाए हैं। उनका कहना है कि सरकारी अमले की आंखों के सामने कॉलोनियां बसीं और अब नुकसान सिर्फ आम जनता को उठाना पड़ रहा है।

भू-माफियाओं की मोटी कमाई

जानकारों के अनुसार, यमुना तलहटी में बसी इन कॉलोनियों में ज्यादातर लोग बाहरी राज्यों से आए मध्यमवर्गीय परिवार हैं। भूमाफियाओं ने इन्हें ‘सस्ते और कानूनी’ प्लॉट का सपना दिखाया और 10 से 15 हजार रुपये प्रति वर्गगज के हिसाब से जमीनें बेच डालीं। देखते ही देखते बसंतपुर इलाके में सैकड़ों एकड़ डूब क्षेत्र पर कब्जा कर लिया गया। लोगों का कहना है कि इस खेल से भूमाफियाओं ने करोड़ों का मुनाफा कमाया, जबकि अब पीड़ित परिवार अपनी गलती पर पछता रहे हैं।

दूसरा खोरी गांव बनने की आशंका

स्थानीय लोग इसे दूसरा खोरी गांव करार दे रहे हैं। दो साल पहले अरावली क्षेत्र के खोरी गांव में सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर नगर निगम ने कार्रवाई कर करीब 10 हजार से अधिक मकान तोड़े थे। वहां भी लोगों ने अपनी कमाई से बनाए मकान खो दिए थे। अब बसंतपुर में भी ठीक वैसी ही स्थिति बन रही है। स्थिति इतनी गंभीर है कि बिजली आपूर्ति तक कानूनी नहीं है। दक्षिण हरियाणा बिजली वितरण निगम (DHBVN) ने केवल शिव एंक्लेव पार्ट-दो, पार्ट-तीन और अजय नगर के कुछ हिस्सों में कनेक्शन दिए हैं। बाकी कॉलोनियों में सक्रिय भूमाफिया बांस-बल्ली के सहारे चोरी की बिजली पहुंचाते हैं। इसके एवज में वे लोगों से हर महीने मनमाना ‘बिजली बिल’ वसूलते हैं।

नोटिस जारी, तोड़फोड़ की तैयारी

नगर निगम ने हाल ही में कार्रवाई शुरू करते हुए बसंतपुर, अटल चौक, नूर चौक, शिव एंक्लेव पार्ट-दो-तीन और अजय नगर जैसी कॉलोनियों में बने करीब दस हजार अवैध मकानों को लेकर नोटिस जारी किए हैं। मकान मालिकों को पांच दिन में घर खाली करने का आदेश दिया गया है। इसके साथ ही सार्वजनिक स्थलों पर नोटिस चस्पा कराए गए और क्षेत्र में मुनादी भी कराई गई।

लोगों की दुविधा

एक ओर जिला प्रशासन डूब क्षेत्र में बसे इन मकानों को अवैध बताते हुए कार्रवाई की तैयारी कर रहा है, वहीं दूसरी ओर हजारों परिवार अपने भविष्य को लेकर असमंजस में हैं। लोगों का कहना है कि मकान गिरा दिए गए तो वे बेघर हो जाएंगे, और प्रशासन ने अब तक भूमाफियाओं पर कोई ठोस कार्रवाई नहीं की। नतीजा यह है कि बसंतपुर इलाका फिलहाल कानूनी लड़ाई, प्रशासनिक कार्रवाई और आम लोगों की चिंता का केंद्र बना हुआ है।