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एनसीआर की 10 बहु मंजिला सोसाइटीज पर चलेगा बुलडोजर! चार सेक्टरों में ध्वस्त होंगे अवैध निर्माण

Bulldozer Action: दिल्ली से सटे राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में वन विभाग ने एक बार फिर बुलडोजर एक्‍शन की तैयारी कर ली है। इस बार वन विभाग के एक्‍शन की रेंज में लगभग 10 बहु मंजिला सोसायटी हैं। जिनपर बुलडोजर चलाने की तैयारी है।

Bulldozer action against encroachment in Faridabad
Bulldozer action against encroachment in Faridabad (Representative Image: Patrika)

Bulldozer Action: राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में अवैध निर्माण के खिलाफ केंद्र सरकार की जीरो टॉलरेंस नीति के तहत एक्‍शन तेज हो गया है। इसी के चलते अवैध रूप से बनाई गई लगभग 10 सोसाइटीज पर बुलडोजर एक्‍शन की तैयारी है। अगर इन सोसाइटीज पर बुलडोजर चलाया गया तो हजारों लोगों के बेघर होने की संभावना है। यह सोसाइटीज चार सेक्टरों में बसाई गई हैं। इन सेक्टरों को हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण ने फरीदाबाद में बसाया था।

फरीदाबाद में हजारों परिवारों के बेघर होने की आशंका

दरअसल, ‌दिल्ली से सटे हरियाणा के फरीदाबाद जिले में वन विभाग ने एक बार फिर अरावली क्षेत्र में अवैध निर्माणों पर बुलडोजर चलाने की तैयारी कर ली है। इस बार हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण (HSVP) के अंतर्गत आने वाले चार प्रमुख सेक्टरों 21C, 44, 45 और 46 में अवैध रूप से बने भवनों को गिराने की योजना है। यह पूरा इलाका पंजाब भूमि संरक्षण अधिनियम (PLPA) की जद में आता है और सुप्रीम कोर्ट के आदेशों के अनुपालन में कार्रवाई की जा रही है। इन चार सेक्टरों में 10 से ज्यादा बहु मंजिला सोसाइटीज में हजारों परिवार रहते हैं। इस कार्रवाई से उनके बेघर होने की संभावना बढ़ गई है।

अवैध निर्माण के खिलाफ जल्द ही जारी किए जाएंगे नोटिस

वन विभाग के अधिकारियों की मानें तो फरीदाबाद के चार सेक्टरों 21C, 44, 45 और 46 में पंजाब भूमि संरक्षण अधिनियम (PLPA) के दायरे में अवैध निर्माण किए गए हैं। यह सभी सेक्टर हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण ने बसाए थे। वन विभाग के अधिकारियों ने संकेत दिए हैं कि जल्द ही चिन्हित किए गए निर्माणों के मालिकों को नोटिस जारी किए जाएंगे। जिनमें उन्हें अपनी संपत्ति खाली करने का निर्देश दिया जाएगा। इससे पहले इसी तरह की कार्रवाई के पहले चरण में 240 से अधिक निर्माणों को ध्वस्त किया गया था।

बड़ी हाउसिंग सोसाइटीज भी निशाने पर

वन विभाग के दूसरे चरण की कार्रवाई में सेक्टर-21C, 44, 45 और 46 के निर्माणों को चिह्नित किया जा रहा है। इन क्षेत्रों में आठ से दस बहुमंजिला रिहायशी सोसाइटीज मौजूद हैं। जिनमें हजारों लोग निवास कर रहे हैं। इन पर कार्रवाई होने की स्थिति में बड़े पैमाने पर लोग प्रभावित होंगे। वन विभाग के सूत्रों का कहना है कि इन चारों सेक्टरों में हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण द्वारा विकसित की गई कई बड़ी रिहायशी सोसाइटीज हैं। साथ ही इस क्षेत्र में सूरजकुंड मेला परिसर, सूरजकुंड दिल्ली रोड, जिमखाना क्लब, धार्मिक स्थल और कई शैक्षणिक संस्थान भी PLPA के दायरे में आते हैं। विभाग इन सभी स्थलों को चिन्हित कर सूची तैयार कर रहा है।

HSVP से मांगी गई वैकल्पिक जमीन

दूसरी ओर, इन सोसाइटीज में रहने वाले लोगों के आशियाने बचाने पर भी मंथन हो रहा है। इसको लेकर वन विभाग ने HSVP यानी हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण से वैकल्पिक जमीन मांगी है। ताकि इन निर्माणों को एडजस्ट किया जा सके। यदि HSVP विभाग की मांग के अनुसार वैकल्पिक भूमि उपलब्ध करा देता है तो इन निर्माणों को गिराने की कार्रवाई टल सकती है। अधिकारियों ने संकेत दिए हैं कि अगर जमीन मिल जाती है तो वह रिहायशी इलाकों में छूट देने के लिए तैयार हैं। वरना बुलडोजर चलवाया जाएगा।

सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर हो रही कार्रवाई

गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट ने अरावली क्षेत्र में अतिक्रमण और अवैध निर्माणों के विरुद्ध सख्त रुख अपनाते हुए सभी संबंधित एजेंसियों को कार्रवाई करने का निर्देश दिया है। इसी आदेश के पालन में पहले चरण की कार्रवाई की गई थी और अब दूसरे चरण में बड़ा कदम उठाने की तैयारी है। इससे पहले अरावली क्षेत्र में बड़े स्तर पर अवैध निर्माण ध्वस्त किया जा चुका है।