
Kartik Maas Puja (Photo- gemini ai)
Kartik Maas Puja : हिंदू धर्म में कार्तिक माह को सबसे पवित्र महीनों में गिना जाता है। यह महीना न केवल धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि इसमें किए गए पुण्य कर्म, व्रत और पूजन का कई गुना फल प्राप्त होता है। इस महीने में तुलसी और आंवले की विशेष पूजा का विधान बताया गया है। मान्यता है कि इनकी उपासना से घर में सुख, शांति और समृद्धि का वास होता है।
कार्तिक मास भगवान विष्णु को अत्यंत प्रिय है। इस माह में विशेष रूप से शालिग्राम, तुलसी और आंवले की पूजा करने से विष्णु जी प्रसन्न होते हैं। पुराणों में कहा गया है कि जो व्यक्ति कार्तिक महीने में तुलसी और आंवले की पूजा करता है, उसके घर में कभी दरिद्रता नहीं आती। ज्योतिषाचार्या एवं टैरो कार्ड रीडर नीतिका शर्मा ने बताया कि इस माह में किया गया स्नान, दान और दीपदान भी अत्यंत शुभ माना गया है।
कार्तिक महीने के हर दिन तुलसी जी की पूजा करने का विशेष महत्व है। सुबह स्नान के बाद तुलसी के पौधे के पास दीप जलाएं और जल अर्पित करें। तुलसी पर लाल या पीला वस्त्र चढ़ाकर तुलसी मंत्र का जाप करें। "ॐ तुलस्यै नमः"। इसके बाद तुलसी पर चंदन, फूल और धूप अर्पित करें। ऐसा करने से घर में सकारात्मक ऊर्जा बनी रहती है और पारिवारिक जीवन में शांति आती है।
कार्तिक पूर्णिमा के दिन आंवले के पेड़ की पूजा करना शुभ माना गया है। इस दिन आंवले के वृक्ष के नीचे दीपक जलाकर, जल अर्पित करें और भगवान विष्णु का नाम स्मरण करें। कुछ लोग इस दिन आंवले के पेड़ की परिक्रमा भी करते हैं। मान्यता है कि आंवले की पूजा करने से शरीर में रोगों से रक्षा होती है और मानसिक शांति प्राप्त होती है।
तुलसी और आंवले की पूजा से भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी दोनों की कृपा प्राप्त होती है। इससे घर में सुख-समृद्धि और धन की वृद्धि होती है। साथ ही, यह पूजा मानसिक शांति और स्वास्थ्य के लिए भी लाभदायक मानी जाती है। कार्तिक माह में तुलसी-विवाह और आंवला नवमी जैसे पर्वों का आयोजन भी विशेष फलदायी होता है।
पंडितों के अनुसार, कार्तिक माह में तुलसी और आंवले की पूजा करने से जीवन में हर प्रकार की समृद्धि और सौभाग्य बढ़ता है। यह पूजा न केवल धार्मिक दृष्टि से बल्कि वैज्ञानिक रूप से भी लाभकारी मानी जाती है, क्योंकि तुलसी और आंवला दोनों ही स्वास्थ्य के लिए अमृत समान हैं। इसलिए इस कार्तिक महीने में इनकी पूजा अवश्य करें और अपने जीवन में सकारात्मकता का संचार करें।
Updated on:
08 Oct 2025 06:50 pm
Published on:
08 Oct 2025 06:47 pm
बड़ी खबरें
View Allधर्म-कर्म
धर्म/ज्योतिष
ट्रेंडिंग

