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साल भर बाद भी नहीं बदली व्यवस्था, ब्लैक स्पॉट बनता जा रहा किल्लाई नाका

दमोह. शहर के बीचों-बीच स्थित बस स्टैंड से बसों का नया रूट चार्ट घोषित हुए एक साल बीत चुका है, लेकिन अब तक व्यवस्थाओं में बदलाव नहीं किया जा सका है। नए रूट के बाद बस स्टैंड से किल्लाई नाका रोड और नाका हैवी लोड बढ़ गया है, जिससे यह पूरी तरह ब्लैक स्पॉट बन […]

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दमोह

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Samved Jain

Sep 08, 2025

narayan singh circle bus stand

Narayan Singh Circle

दमोह. शहर के बीचों-बीच स्थित बस स्टैंड से बसों का नया रूट चार्ट घोषित हुए एक साल बीत चुका है, लेकिन अब तक व्यवस्थाओं में बदलाव नहीं किया जा सका है। नए रूट के बाद बस स्टैंड से किल्लाई नाका रोड और नाका हैवी लोड बढ़ गया है, जिससे यह पूरी तरह ब्लैक स्पॉट बन गया है। यहां दो जानें भी जा चुकी हैं, जबकि ५० से ज्यादा लोग यहां गिर, भिड़कर घायल हो चुके हैं। इसके बाद भी अब तक बसों के रूट और चौराहे की व्यवस्थाओं को नहीं बदला जा सका है। विदित हो कि पत्रिका के अभियान के बाद सड़क सुरक्षा समिति ने बसों का नया रूटमेप बनाया था। हालांकि, बाद में किल्लाई नाका पर बढ़ रहे लोड को ध्यान में रखते हुए इसमें आंशिक बदलाव किए जाना थे, जो अब तक नहीं हो सके हैं।

हटा, पन्ना रूट की बसों को नहीं किया जा रहा शिफ्ट
बस स्टैंड दमोह पर रोजाना ३०० से अधिक बसों का आवागमन होता है। जो सभी बस स्टैंड से किल्लाई नाका होकर ही गुजरती हैं, इसके बाद ही वह अन्य रूट पर डायवर्ट होती हैं। ऐसे में हर ५ से १० मिनट में एक-दो बसों को किल्लाई नाका पर देखा जा सकता हैं। यहां बसें कैसे निकालना हैं, खड़ा करना हैं या नहीं, जैसे कोई नियम नहीं हैं। बस ड्राइवर अपनी मनमानी से जहां चाहे, जैसे मोड़कर यहां से बस निकाल देते हैं। अनेक बार तो तेज रफ्तार में ही बसों को मोड़कर चौराहा से निकाल दिया जाता है। ऐसे में काफी लोग एक्सीडेंट का शिकार हो रहे हैं। प्रशासन के पर हटा नाका

दो लोगों की जा चुकी हैं जान, रोज हो रही दुर्घटनाएं
किल्लाई नाका पर दो व्यक्तियों की जान जा चुकी है। हाल में ही जीआरपी सहायता केंद्र प्रभारी एएसआई महेश कोरी को एक बस ने किल्लाई नाका पर टक्कर मार दी थी, जिससे उसकी मौत हो गई थी। इसी तरह यहां रोज दुर्घटनाएं हो रही हैं। कुछ लोग बसों से बचने के चक्कर में गिर रहे हैं तो कुछ के छोटे-मोटे एक्सीडेंट हो रहे हैं। इस तरह रोजाना एक-दो घटनाएं इस चौराहे पर हो रही है।