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दमोह के मक्का से बनेगा इथेनाल, किसानों ने इस बार उड़द, सोयाबीन को छोड़ा

अब तक का रेकॉर्ड एक लाख हेक्टेयर में मक्का का जिले में उत्पादन, बाहर की कंपनियां उठाएंगी उपज

2 min read

दमोह

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Samved Jain

Sep 08, 2025


दमोह. जिले की पहचान मानी जाने वाली सोयाबीन, उड़द की फसलों का रकवा इस बार कम है, क्योंकि किसानों ने इस बार मक्का पर दाव लगाया है। जिले में बीते सालों तक ५ से १० हजार हेक्टेयर में होने वाला मक्का इस बार रेकॉर्ड १ लाख हेक्टेयर से अधिक में है। किसानों ने इस बार सबसे ज्यादा मक्का को ही पसंद किया है, जो इस समय खेतों में खिल उठा है। खास बात यह है कि जिले के अधिकांश मक्का का उपयोग इथेनाल बनाने में होगा। इसके लिए कुछ किसानों ने व्यापारियों से करार भी लिया है। जिससे उन्हें घर बैठे उपज का रेट भी मिलने वाला है।
दरअसल, प्रदेश और अन्य राज्यों में लगातार इथेनाल प्लांट बढ़ते जा रहे हैं। जहां मक्का से इथेनाल तैयार किया जाता है। जबकि इसके वेस्ट का उपयोग अन्य कार्यों में होता है। ऐसे में कंपनियों के द्वारा अलग-अलग क्षेत्रों में जाकर किसानों को मक्का लगाने प्रोत्साहित किया गया और उसके फायदे भी बताए गए थे। इसके बाद किसानों ने पारंपरिक फसलों को छोड़कर मक्का पर फोकस किया। यही वजह थी जिले में चारों तरफ मक्का ही मक्का नजर आ रहा हैं।

किसानों को मिलेंगे अनेक फायदे

मक्का की फसल कम पानी और कम देखरेख से हो जाती है। यूरिया जरूर इसमें अधिक लगता है।

मक्का को बेचने उसे मंडियों और बिचौलियों के चक्कर नहीं काटना होगा। अधिकांश किसान सीधे प्लांट के व्यापारियों के संपर्क में है, जो उनके घर से ही फसल ले जाएंगे और उसका भुगतान घर पर मिलेगा।

मक्का का एमएसपी भी २२०० से अधिक है। यदि किसान समर्थन मूल्य या मंडी में बेचता है तो भी उसे अच्छा रेट मिलेगा।

मक्का के बाद तत्काल उसे रबी सीजन की दूसरी फसल मिल जाएगी।

सरकार भी उत्पादन बढ़ाने कर रही पहल
मक्के से इथेनाल बनाने को बढ़ावा देने के लिए केंद्र सरकार कोशिश कर रही है, इसके तहत ऐसे क्षेत्रों में मक्का की खेती को बढ़ावा दिया जा रहा है। जहां इसके लिए अच्छी परिस्थितियां मौजूद हैं। किसान इसकी खेती नहीं करते थे, इसके लिए केंद्र सरकार ने इथेनॉल उद्योगों के क्षेत्र में मक्का उत्पादन में वृद्धि नाम से प्रोजेक्ट शुरू किया है। जिसकी जिम्मेदारी आईसीएआर के अधीन आने वाले भारतीय मक्का अनुसंधान संस्थान को दी गई है, इसके तहत मक्का का उत्पादन बढ़ाया जा रहा है।

खेतों में खिल उठा मक्का
जिले के दमोह, तेंदूखेड़ा, जबेरा, पथरिया, हटा, पटेरा क्षेत्र में सबसे ज्यादा मक्का की फसल की बोवनी की गई है। मौजूदा समय में खेतों में मक्का खिल उठा है। कुछ किसानों की फसल तो एक दम बंपर आ चुकी है, जबकि कुछ को अभी इंतजार है। किसान इमरत पटेल, संजय रैकवार, प्रमोद सिंह लोधी ने बताया कि मक्का की फसल आ चुकी है। जो बहुत अच्छी आई है।
फैक्ट फाइल

१ लाख हेक्टेयर में इस बार मक्का की फसल

८० प्रतिशत अधिक फसल बीते साल की अपेक्षा

६० प्रतिशत तक घटी सोयाबीन-उड़द की फसल।

१५ हजार से अधिक किसानों ने लगाई फसल।

२२४५ है मक्का का एमएसपी