Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

दमोह में एक हफ्ते से केंद्रों पर नहीं डीएपी, बिना मन के नेनो डीएपी लेने मजबूर किसान

किसान बोले डीएपी की तरह काम नहीं करता नेनो डीएपी, बखन्नी चल रही अब खाद की जरूरत

2 min read

दमोह

image

Samved Jain

Oct 14, 2025

किसान बोले डीएपी की तरह काम नहीं करता नेनो डीएपी, बखन्नी चल रही अब खाद की जरूरत

किसान बोले डीएपी की तरह काम नहीं करता नेनो डीएपी, बखन्नी चल रही अब खाद की जरूरत

दमोह. जिले में रबी सीजन के लिए बखरनी जारी है, जबकि कुछ किसानों ने बोवनी भी शुरू कर दी है। इधर, मौजूदा समय में जब किसानों को सबसे ज्यादा जरूरत डीएपी की है, तब बीते एक सप्ताह से जिले में डीएपी नहीं है। ऐसे में किसान परेशान है और खाद वितरण केंद्रों के चक्कर काटने मजबूर है। इसके लिए केंद्रों पर डीएपी नहीं है कि सूचना भी चस्पा कर दी गई हैं। ऐसे में मजबूर किसानों को एनपीके और नेनो डीएपी बॉटल खरीदने मजबूर किया जा रहा है। खास बात यह है कि नेनो डीएपी के बारे में किसान जानते नहीं हैं। किसानों का मानना है कि यदि समय पर डीएपी नहीं मिली तो खेत खराब हो जाएंगे और इससे उत्पादन पर भी फर्क पड़ेगा।

११ हजार एमटी की जरूरत, दो रैक ही आए
जिले में इस बार १२ हजार मीट्रिक टन डीएपी की जरूरत है, लेकिन अब तक महज एक रैक डीएपी ही मिल सकी है। जानकारी के अनुसार सितंबर में एक रैक डीएपी दमोह पहुंची थी। जिसमें १९०० एमटी डीएपी आई थी, जिसमें से करीब ५०० एमटी डीएपी निजी दुकानदारों को दी गई थी, जबकि १४०० सरकारी को मिली थी। जिसका वितरण हो चुका है। अभी तक समिति स्तर पर भी डीएपी उपलब्ध कराई जा सकी है। बता दें कि अकेले अक्टूबर माह में ६ से ७ हजार एमटी डीएपी की मांग रहती है।

किसान लगा रहे चक्कर, मिल रहा आश्वासन
डीएपी की उपलब्धता इस समय किसानों के लिए गले में हड्डी की तरह है। जिसका कारण किसानों ने खरीफ की कटाई के बाद खेतों की बखन्नी कर ली है। ऐसे में अब डीएपी मिलते ही बोवनी की तैयारी की जाना है, जिसका भी समय अब निकलते जा रहा है। ऐसी स्थिति में किसान वितरण केंद्रों के चक्कर काट रहे हैं। रोजाना सैकड़ों किसान समिति और केंद्रों पर पहुंच रहे हैं, जहां डीएपी नहीं है। हालांकि, आश्वासन दिया जा रहा है कि एक-दो दिन में किसानों को डीएपी उपलब्ध कराई जाएगी।

क्या कहते है किसान
डीएपी नहीं मिल रही है। अभी डीएपी के विकल्प के रूप में नेनो डीएपी, टीएसपी और एनपीके दिया जा रहा है। अभी तो हमने इसका इस्तमाल भी नहीं किया है। हमें ये नहीं चाहिए है, लेकिन डीएपी नहीं है तो ये ही ले जाना पड़ेगा, क्योंकि खेती करना है।
देवी सिंह ठाकुर, किसान

डीएपी नहीं मिल रही सबसे बड़ी समस्या है। सभी केंद्रों पर घूमकर आ गए है, कहीं भी डीएपी नहीं है। नेनो डीएपी लेने के लिए कहा है, वहीं ले रहे हैं अब। बखन्नी हो चुकी है, अब रुके तो काफी नुकसान हो जाएगा। दोबारा से सिंचाई करना पड़ेगी, पूरा खेत नाश हो जाएगा।
माधव सिंह, किसान
डीएपी नेनो लेने के लिए कहा जा रहा है। जो बिल्कुल भी सक्सेस नहीं है। पिछली साल उपयोग किया था, ५० प्रतिशत की उसकी क्षमता है। परेशानी बहुत है। बाजार में भी उपलब्ध नहीं है। बोवनी का जो समय रहता है, उसी समय खाद की जरूरत होती है। समय पर नहीं मिलने से उत्पादन क्षमता भी घट जाएगी। डीएपी की सख्त जरूरत है।
महेश राय, किसान

जिले में रविवार तक खाद का उपलब्ध स्टॉक

केंद्र डीएपी
दमोह ०
पथरिया ०
हटा ०
जबेरा ०
तेंदूखेड़ा ०

वर्शन
जिले में डीएपी का एक रैक आ चुका है, जिसका विरतण किसानों को किया जा चुका है। एक रैक रविवार को ही दमोह पहुंच चुका है। जिसका भंडारण कराने का काम जारी है। किसानों को परेशान होने की जरूरत नहीं है। एक-दो दिन में सभी केंद्रों से डीएपी का वितरण फिर होने लगेगा।
इंद्रपाल राजपूत, प्रबंधक विपणन संघ दमोह