Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

भावांतर योजना: सोयाबीन के भाव के अंतर की करेंगे भरपाई, कम उत्पादन पर नहीं नजर

शुरू हो रहे हैं पंजीयन, जिले में १४ केंद्र स्थापित

2 min read

दमोह

image

Samved Jain

Oct 14, 2025

Bhavantar Yojana: The difference between the model market rate and the MSP will be paid, but farmers are calling it a hoax.

मंडी नए सोयाबीन की आवक हुई शुरू

दमोह. सोयाबीन के भाव मंडियों में कम कीमत पर बिकने पर उसके भाव के अंतर की भरपाई भावांतर योजना के तहत शासन करने वाली है। इसके लिए आज से १७ अक्टूबर तक पंजीयन भी शुरू हो रहे हैं। इसका पंजीयन कराकर किसान सीधा लाभ ले सकेगा, लेकिन असमय बारिश और पीला मोजेक रोग से प्रभावित हुए सोयाबीन के उत्पादन का अंतर कौन भरेगा, इस पर कोई भी चर्चा नहीं कर रहा है। ऐसे में किसान परेशान है।
जिले में करीब ७० हजार हेक्टेयर में सोयाबीन की फसल इस बार लगाई गई थी। जिसमें से ३० प्रतिशत फसल पर पीला मोजेक रोग बताया गया है। इसमें से १५ प्रतिशत को कृषि विभाग ने माना है। पीला मोजेक से सोयाबीन के उत्पादन में २० प्रतिशत तक की कमी आई है। ऐसे में सोयाबीन की गुणवत्ता पर भी फर्क पड़ा है। ऐसे में मंडियों और एमएसपी के खरीदी के दौरान सोयाबीन के एफएक्यू होने पर भी किसानों को परेशानी का सामना करना पड़ सकता है। इस ओर सरकार द्वारा ध्यान नहीं पंजीयन शुरू , १४ केंद्र बनाए
भावांतर योजना के तहत ३ से १७ अक्टूबर तक पंजीयन शुरू किए जा रहे हैं। इसके जिले में १४ केंद्र बनाए गए हैं। नागरिक आपूर्ति निगम प्रबंधक लक्ष्मण रजावत ने बताया कि दमोह में खिरिया मड़ला और बांसा तारखेड़ा समिति, पथरिया में पथरिया, बांसाकला, केवलारी और सतपारा समिति, बटियागढ़ में बटियागढ़, बकायन, खड़ेरी और बेलखेड़ी समिति और हटा में मडिय़ादो, हिनौताकलां, रनेह और करैयाजोशी समिति को पंजीयन केंद्र बनाया गया है।

भावांतर पंजीयन के लिए यह आवश्यक
१- निर्धारित प्रपत्र में आवेदन की प्रति।
२- समग्र सदस्य आईडी।
३- भू-अधिकार पुस्तिका/ वन अधिकार पट्टा प्रति।
-आधार की प्रति।
४-मोबाइल नंबर की जानकारी।
५- खबरा, बैंक अकाउंट और मोबाइल नंबर का लिंक होना जरूरी।
६- सिकमी, वन पट्टाधारी किसान केवल समितियों से ही पंजीयन करा सकते हैं।
७- किसान का मोबाइल नंबर आधार और बैंक से लिंक होना चाहिए। सभी सत्यापन ओटीपी के माध्यम से होंगे।

योजना से संबंधित यह भी जानना जरूरी

समिति स्तर पर स्थापित पंजीयन केंद्र, ग्राहक सेवा केंद्र, एमपी ऑनलाइन क्योस्क और किसान एप पर पंजीयन।

किसान अपनी उपज मंडी में जाकर बेच सकेंगे। उचित औसत गुणवत्ता उपज के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य की गारंटी।

एमएसपी से कम लेकिन मंडी मॉडल रेट से अधिक भाव प्राप्त होने पर विक्रय मूल्य और एमएसपी के अंतर की राशि। एमएसपी और मंडी मॉडल रेट दोनों के कम भाव प्राप्त होने पर मंडी मॉडल रेट और एमएसपी के अंतर की राशि सरकार से किसान को प्राप्त होगी।

१५ दिन में भावांतर की राशि का किसान के आधार लिंक बैंक खाता में सीधे अंतरण हो जाएगा।

विगत दो सप्ताह में विक्रय की गई सोयाबीन का औसत विक्रय मूल्य मंडी मॉडल रेट होगा।

न्यूनतम एमएसपी सोयाबीन ५३२८ रुपए है।

नहीं रखे जाएंगे विवादित ऑपरेटर, कर्मी
कलेक्टर सुधीर कोचर ने सोयाबीन खरीदी में पूर्व में हुई गड़बडिय़ों को ध्यान में रखते हुए इस बार व्यवस्था में बदलाव किया है। पूर्व के वर्षों में किसी अपात्र संस्था के केंद्र प्रभारी व ऑपरेटर को किसी अन्य संस्था में पंजीयन कार्य के लिए नहीं रखा जाएगा। ऐसे ऑपरेटर भी नहीं रखे जाएंगे। सभी केंद्रों पर व्यस्था के लिए जिला सहकारी बैंक महाप्रबंधक और एआर सहकारिता को निर्देश दिए गए हैं।