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दमोह में आंगनबाडिय़ों में बदहाल हालात, बच्चों को नाश्ता और भोजन नहीं

बिजली कनेक्शन तक गायब, परेशान हो रहे बच्चे

2 min read

दमोह

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Samved Jain

Oct 14, 2025

बस्सी क्षेत्र में बल्दरखा स्थित जर्जर आंगनबाड़ी भवन

दमोह/ जबेरा. जबेरा विकासखंड की आंगनबाड़ी केंद्रों की स्थिति दिन प्रतिदिन बदत्तर होती जा रही है। अधिकांश केंद्रों पर बच्चों को नाश्ता और भोजन नहीं मिल रहा है। यही नहीं, कई आंगनबाडिय़ों में बिजली कनेक्शन तक नहीं है, जिससे बच्चों की शिक्षा और पोषण दोनों पर गहरा असर पड़ रहा है।
आंगनबाड़ी केंद्र बच्चों के समुचित शारीरिक और मानसिक विकास की नींव होते हैं। यहां पौष्टिक आहार और प्रारंभिक शिक्षा दी जानी चाहिए, लेकिन जब ये ही व्यवस्थाएं चरमराई हों तो बच्चों का भविष्य अधर में लटक जाता है।
अधिकारी खुद नहीं पहुंचते, समय पर कार्यालय इसीलिए बिगड़ी व्यवस्थाएं नियमों के अनुसार, महिला एवं बाल विकास परियोजना अधिकारी की जिम्मेदारी होती है कि आंगनबाड़ी केंद्रों की व्यवस्थाएं सुचारू रूप से चलें। जबेरा के परियोजना अधिकारी रिंकल घनघोरिया मुख्यालय में न रहकर रोजाना अप-डाउन करते हैं। यही कारण है कि आंगनबाड़ी व्यवस्था पूरी तरह अव्यवस्थित हो चुकी है।
हैरानी की बात यह है कि जबेरा महिला बाल विकास कार्यालय खुद ही बदहाल हालात में है। न तो वर्षों से भवन की पुताई हुई है, न ही कार्यालय पर नाम पट्टिका तक लगाई गई है। हमारी टीम जब कार्यालय पहुंची तो पाया कि सुबह 10 बजे खुलने वाला कार्यालय 10:30 बजे तक भी बंद पड़ा था।

करनपुरा आंगनबाड़ी में बच्चों के माता-पिता नाराज
जबेरा ब्लॉक के नजदीकी ग्राम करनपुरा आंगनबाड़ी केंद्र का हाल और भी चिंताजनक मिला। यहां बच्चों के पिता गोविंद पटेल, मनीष सींग सहित माता पिता ने बताया कि बीते एक महीने से बच्चों को न तो नाश्ता मिल रहा है और न ही भोजन। केंद्र में बिजली कनेक्शन भी नहीं है। वहीं रसोईघर पर ताला लटका मिला है।

जिम्मेदारों का लापरवाह रवैया
जब हमारी टीम ने परियोजना अधिकारी रिंकल घनघोरिया से संपर्क करने की कोशिश की, तो उन्होंने फोन तक नहीं उठाया। वहीं पर्यवेक्षक दीपा कोरी का कहना है कि बच्चों को नाश्ता और भोजन दिया जा रहा है। हकीकत इसके उलट सामने आई। बच्चों और उनके माता-पिता ने साफ तौर पर कहा कि उन्हें भोजन नहीं मिल रहा है।
जबेरा विकासखंड की आंगनबाड़ी केंद्रों में पोषण आहार और शिक्षा जैसी बुनियादी सुविधाओं की भारी अनदेखी हो रही है। बच्चों का भविष्य अधर में लटका है, लेकिन जिम्मेदार अधिकारी अपनी जिम्मेदारी निभाने की बजाय सवालों से बचते नजऱ आ रहे हैं।
जिला परियोजना अधिकारी अनिल जैन का कहना आपके द्वारा मामला संज्ञान में आया है जांच करवाई जाएगी।