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बाजार खुलते ही Sensex-Nifty में भारी गिरावट, जानिए क्या है कारण

Sensex-Nifty Today: बाजार की शुरुआत होते ही सेंसेक्स 578.3 अंक यानी 0.71% की गिरावट के साथ 81,018.33 के स्तर पर कारोबार कर रहा था, जबकि निफ्टी 203.45 अंक यानी 0.82% टूटकर 24,610 के स्तर पर था।

भारत

Devika Chatraj

May 22, 2025

Share Market
Sensex-Nifty में भारी गिरावट (प्रतीकात्मक फोटो)

Share Market: भारतीय शेयर बाजार में आज सुबह के कारोबार में भारी गिरावट देखी गई। बीएसई सेंसेक्स और एनएसई निफ्टी (Sensex-Nifty ) दोनों प्रमुख सूचकांकों में शुरुआती कारोबार में तेज उछाल के बाद अचानक बिकवाली का दबाव बढ़ गया, जिससे बाजार लाल निशान में आ गया। सुबह 9:30 बजे तक सेंसेक्स 578.3 अंक यानी 0.71% की गिरावट के साथ 81,018.33 के स्तर पर कारोबार कर रहा था, जबकि निफ्टी 203.45 अंक यानी 0.82% टूटकर 24,610 के स्तर पर था। निफ्टी आईटी सूचकांक में 1.09% की गिरावट दर्ज की गई, जो सबसे अधिक प्रभावित सेक्टरों में से एक रहा।

गिरावट के प्रमुख कारण

बाजार विशेषज्ञों के अनुसार, वैश्विक बाजारों में मिश्रित संकेत, भारत-पाकिस्तान के बीच तनाव, और अमेरिका-चीन व्यापार वार्ता को लेकर अनिश्चितता ने निवेशकों में सतर्कता बढ़ा दी है। इसके अलावा, मूडीज द्वारा अमेरिकी क्रेडिट रेटिंग में कटौती और विदेशी संस्थागत निवेशकों (FIIs) द्वारा बिकवाली ने भी बाजार पर दबाव डाला।

प्रमुख शेयरों का प्रदर्शन

इंडसइंड बैंक में 4% की गिरावट देखी गई, जबकि जियो क्रेडिट, अदानी पोर्ट्स, टाटा स्टील, एचडीएफसी लाइफ, रिलायंस इंडस्ट्रीज (RIL), इन्फोसिस, आईटीसी, और टीसीएस जैसे प्रमुख शेयरों में भी कमजोरी देखी गई। दूसरी ओर, कुछ मिडकैप और स्मॉलकैप शेयरों में मामूली बढ़त दर्ज की गई, लेकिन यह बाजार की समग्र कमजोरी को संभालने के लिए पर्याप्त नहीं थी।

विशेषज्ञों की राय

मार्केट एनालिस्ट्स का कहना है कि बाजार में अस्थिरता अगले कुछ सत्रों तक बनी रह सकती है। निवेशकों को सतर्क रहने और मजबूत फंडामेंटल्स वाले शेयरों पर ध्यान देने की सलाह दी जा रही है। “निफ्टी में 24,600 का स्तर अहम समर्थन क्षेत्र है। यदि यह टूटता है, तो और गिरावट देखने को मिल सकती है,” एक तकनीकी विश्लेषक ने कहा।

शेयरों में निवेश की सलाह

निवेशक भारत-अमेरिका व्यापार समझौते और भू-राजनीतिक घटनाक्रम पर बारीकी से नजर रखे हुए हैं। बाजार की दिशा काफी हद तक इन कारकों पर निर्भर करेगी। फिलहाल, विशेषज्ञ अल्पकालिक निवेशकों को सावधानी बरतने और लंबी अवधि के लिए मजबूत शेयरों में निवेश की सलाह दे रहे हैं।

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