चांदी की कीमतों में गिरावट देखी जा रही है। (PC: Gemini)
Silver Price Today: इस फेस्टिव सीजन में चांदी की जबरदस्त किल्लत देखने को मिल रही है। देश के दो सबसे बड़े सर्राफा बाजार मुंबई के जवेरी बाजार और दिल्ली के कूचा महाजनी के कारोबारी चांदी की इस शॉर्टेज से काफी ज्यादा प्रभावित हैं। कई ज्वैलर्स सिल्वर जूलरी और चांदी से बने आइटम्स के नए ऑर्डर्स नहीं ले रहे हैं। इंडिया टुडे की एक रिपोर्ट के अनुसार, दिल्ली बेस्ड मुलतानी ज्वैलर्स के डायरेक्टर पुनीत दत्ता ने बताया कि उन्होंने 10 अक्टूबर से ही चांदी के नए ऑर्डर लेना बंद कर दिया है। अधिकतर ज्वैलर्स का यही हाल है। पिछले हफ्ते से कोई डील नहीं हुई है।
ग्लोबल सिल्वर मार्केट दशकों के सबसे बड़े सप्लाई संकट का सामना कर रहा है। इसका एक बड़ा कारण भारत से आ रही जबरदस्त डिमांड है। धनतेरस और दिवाली पर लोगों ने ऊंची कीमतों के बावजूद भारी खरीदारी की है। MMTC-Pamp India के ट्रेडिंग हेड विपिन रैना ने ब्लूमबर्ग को बताया कि उन्हें दिवाली पर पहले से ही चांदी की डिमांड में उछाल की उम्मीद थी। लेकिन इस बार की डिमांड का लेवल उनकी सारी उम्मीदों से परे निकल गया। भारत की सबसे बड़ी कीमती धातु रिफाइनरी MMTC-Pamp के इतिहास में पहली बार चांदी का स्टॉक खत्म हो गया। उन्होंने कहा, 'इस तरह का क्रेजी मार्केट जहां लोग इतनी ऊंची कीमतों पर खरीदारी कर रहे हैं, मैंने अपने 27 साल के करियर में कभी नहीं देखा।'
नए ऑल टाइम हाई पर पहुंचने का बाद चांदी में कुछ मुनाफा वसूली देखने को मिली है। गुडरिटर्न्स के अनुसार, चांदी के हाजिर भाव में आज 2000 रुपये की गिरावट आई है। दिल्ली के हाजिर बाजार में मंगलवार को चांदी का भाव 1,70,000 रुपये प्रति किलोग्राम है।
चांदी की यह कमी केवल भारत तक सीमित नहीं रही। अंतरराष्ट्रीय निवेशक और हेज फंड भी इस खरीदारी की होड़ में शामिल हो गए, क्योंकि कीमती धातुओं को कमजोर पड़ते अमेरिकी डॉलर के मुकाबले एक सुरक्षित निवेश (hedge) माना जा रहा था। पिछले हफ्ते के आखिर तक यह घबराहट लंदन के चांदी बाजार तक पहुंच गई, जहां वैश्विक कीमतें तय होती हैं और दुनिया के सबसे बड़े बैंक इस धातु का बड़े पैमाने पर व्यापार करते हैं। ट्रेडर्स का कहना है कि मार्केट में चांदी कि अवेलेबिलिटी खत्म हो गई है। प्रमुख बैंक लगातार आ रही ग्राहक कॉल्स को संभालते हुए कीमत बताने से भी बचने लगे।
विश्लेषकों और शोधकर्ताओं के अनुसार, 2025 का चांदी संकट सबसे पहले भारत से शुरू हुआ। आमतौर पर दिवाली के मौसम में करोड़ों लोग लक्ष्मी पूजा के लिए सोना खरीदते हैं, लेकिन इस बार लोगों ने सोने की जगह चांदी को प्राथमिकता दी। इस बदलाव में सोशल मीडिया ने बड़ी भूमिका निभाई। इन्फ्लुएंसर्स ने यह प्रचार किया कि सोने की रिकॉर्ड रैली के बाद अब चांदी तेजी से बढ़ने वाली है। यह चर्चा अप्रैल 2025 में शुरू हुई, जब निवेश बैंकर और कंटेंट क्रिएटर सार्थक अहुजा ने अपने 30 लाख फॉलोअर्स को बताया कि सोने और चांदी का 100:1 का मूल्य अनुपात चांदी को इस साल का “सर्वश्रेष्ठ निवेश” बनाता है।
आमतौर पर भारत में चांदी के दाम वैश्विक कीमतों से केवल कुछ सेंट प्रति औंस अधिक होते हैं। लेकिन इस बार मांग बढ़ने के साथ प्रीमियम 0.50 डॉलर से ऊपर और फिर 1 डॉलर से भी ज्यादा हो गया, क्योंकि सप्लाई खत्म होती जा रही थी। इधर भारत में मांग बढ़ी ही थी कि उधर चीन में एक हफ्ते की छुट्टी हो गई। चीन में 1 अक्टूबर से 8 अक्टूबर तक पीपल्स रिपब्लिक ऑफ चाइना के चलते छुट्टी रही थी। चीन चांदी का सबसे बड़ा सप्लायर है। चीन में छुट्टी होने से बुलियन डीलर्स ने लंदन का रुख किया
लेकिन जल्द ही बुलियन ट्रेडर्स ने पाया कि लंदन के कीमती धातु वॉल्ट लगभग खाली हो चुके हैं। हालांकि, शहर में 36 अरब डॉलर से अधिक की चांदी मौजूद है, लेकिन उसका अधिकांश हिस्सा एक्सचेंज-ट्रेडेड फंड्स (ETFs) में निवेशकों के पास है। ब्लूमबर्ग के आंकड़ों के अनुसार, 2025 की शुरुआत से अब तक ETF निवेशकों ने 10 करोड़ औंस से अधिक चांदी खरीदी है, जिससे अचानक आई भारतीय मांग को पूरा करने के लिए स्टॉक घट गया। करीब दो हफ्ते पहले, जेपी मॉर्गन चेज़ एंड कंपनी, जो भारत को बुलियन का बड़ा सप्लायर है, ने अपने एक ग्राहक को बताया कि अक्टूबर महीने के लिए उसके पास भारत को देने के लिए कोई चांदी नहीं बची।
भारत में फंड मैनेजर्स पर भी इस संकट का असर पड़ा। स्थिति इतनी गंभीर हो गई कि कोटक एसेट मैनेजमेंट ने अपने सिल्वर फंड में नया सब्सक्रिप्शन रोक दिया। इसके बाद यूटीआई एसेट मैनेजमेंट कंपनी और भारतीय स्टेट बैंक ने भी यही कदम उठाया।
देश के कई हिस्सों में डीलर इंटरनेशनल बेंचमार्क से कहीं अधिक कीमतें वसूल रहे हैं। अमीर खरीदारों के बीच बिडिंग वॉर शुरू हो गया, जिन्हें कीमत की परवाह नहीं थी, बस चांदी चाहिए थी। मुंबई के ज्वेलरी बाजारों में प्रीमियम 5 डॉलर प्रति औंस तक बढ़ गए।
वैश्विक बाजार में शुक्रवार को कीमतें 54 डॉलर प्रति औंस के अब तक के उच्चतम स्तर तक पहुंची, लेकिन बाद में अचानक 6.7% तक गिर गई। यह भारी उतार-चढ़ाव चांदी बाजार में अत्यधिक दबाव का संकेत था। आज मंगलवार को कॉमेक्स पर चांदी 1.16 फीसदी या 0.59 डॉलर की गिरावट के साथ 50.78 डॉलर प्रति औंस पर ट्रेड करती गिखी है। वहीं, सिल्वर स्पॉट 1.56 फीसदी या 0.84 डॉलर की गिरावट के साथ 51.60 डॉलर प्रति औंस पर ट्रेड करती दिखी।
Published on:
21 Oct 2025 01:36 pm
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