Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

स्कूल के ताले समय पर नहीं खुले, सीबीइओ ने खुद मोबाइल से करवाई प्रार्थना

अध्यापक पहुंचे देरी से, बच्चों को नहीं याद थी प्रार्थना, दो शिक्षकों को नोटिस

2 min read
Google source verification
The school locks were not opened on time, the CBEO himself conducted the prayer through mobile.

The school locks were not opened on time, the CBEO himself conducted the prayer through mobile.

सरकारी स्कूलों में लापरवाही का एक और मामला सोमवार को सामने आया, जब सुवाणा ब्लॉक के राजकीय प्राथमिक विद्यालय बंजारों का खेड़ा में सुबह साढ़े दस बजे तक स्कूल के ताले तक नहीं खुले थे।

मुख्य ब्लॉक शिक्षा अधिकारी रामेश्वर जीनगर जब मौके पर पहुंचे तो छात्र-छात्राएं स्कूल के बाहर धूप में खड़े मिले। छात्रों ने बताया कि दोनों अध्यापक अभी तक नहीं आए हैं। जीनगर ने तुरंत पीइइओमंगरोप से फोन पर बात की, तो पता चला कि दोनों शिक्षक अवकाश पर भी नहीं हैं। इस पर सीबीईओ ने खुद विद्यालय के ताले खुलवाकर बच्चों को कक्षा में बैठाया। जब प्रार्थना करवाने की बारी आई तो कोई भी छात्र प्रार्थना नहीं बोल सका। जीनगर ने अपने मोबाइल से प्रार्थना सभा करवाई, ताकि बच्चों में अनुशासन की भावना जागे। थोड़ी ही देर में मंगरोप स्कूल से शंकरलाल खटीक और बद्रीलाल गाडरी को बुलाकर पढ़ाई शुरू करवाई गई। करीब 10:51 बजे दोनों अध्यापक स्कूल पहुंचे। पूछने पर देर से आने का कोई संतोषजनक जवाब नहीं दे पाए। इस दौरान स्कूल में सामयिक टेस्ट चल रहे थे, बावजूद इसके शिक्षक समय पर नहीं पहुंचे। इस पर जीनगर ने नाराज़गी जताई और मामले को गंभीर माना।

दोनों शिक्षकों को कारण बताओ नोटिस:सीबीइओ जीनगर ने तत्काल कार्रवाई करते हुए प्रधानाध्यापक राधेश्याम रेगर और अध्यापक सुरेश कुमार विजयवर्गीय को कारण बताओ नोटिस जारी कर दो दिन में जवाब देने के निर्देश दिए। जवाब संतोषजनक नहीं मिलने पर अनुशासनात्मक कार्रवाई की चेतावनी दी गई है। निरीक्षण के दौरान कई अनियमितताएं भी सामने आईं।सीबीइओ ने पीइइओमंगरोप को तीन दिन में विस्तृत जांच रिपोर्ट देने के आदेश दिए। निरीक्षण में पाया गया कि 25 अक्टूबर से विद्यार्थियों की हाजिरी नहीं भरी गई, होमवर्क एक महीने से नहीं देखा गया, पोषाहार स्टॉक रजिस्टर अधूरा, पुस्तक इश्यू रजिस्टर अधूरा और कमरों में सामान अस्त-व्यस्त पड़ा था। छात्रों से गणित के सवाल पूछे जाने पर अधिकांश उत्तर नहीं दे सके। सीबीइओ ने इसे शिक्षण में लापरवाही का परिणाम बताया और सत निर्देश दिए कि विद्यार्थियों का स्तर सुधारने के लिए नियमित कक्षाएं संचालित की जाएं तथा विद्यालय समय पर खुलना सुनिश्चित किया जाए।