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छठ महापर्व पर जल व दूध से दिया संध्या अर्घ्य, 48 घंटे का कठिन व्रत, घाटों पर गूंजे छठी मैया के जयकारे

भीगी पलकें, छलका विश्वास, बारिश की चुनौती बेअसर आस्था के सैलाब ने छठ घाट को किया जीवंत

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On the occasion of Chhath festival, evening offerings were made with water and milk, a difficult 48-hour fast was observed, and chants of Chhathi Maiya echoed on the ghats.

On the occasion of Chhath festival, evening offerings were made with water and milk, a difficult 48-hour fast was observed, and chants of Chhathi Maiya echoed on the ghats.

समृद्धि, पुत्र प्राप्ति और मंगलकामना का महापर्व छठ सोमवार को बारिश और ठिठुरन के बावजूद श्रद्धा और भक्ति के रंग में सराबोर रहा।

पूर्वांचल मूल के हजारों श्रद्धालुओं ने डूबते सूर्य को अर्घ्य दिया। रुक-रुक कर हुई बारिश भी व्रतियों की आस्था को कम नहीं कर सकी। महिलाएं छाता और प्लास्टिक की चादरें लिए, परिवारजनों के साथ गाजे-बाजे के बीच छठ घाटों तक पहुंची। मानसरोवर झील, वाटर वर्क्स और अन्य घाटों पर श्रद्धालु दोपहर बाद से ही जुटने लगे। रिमझिम बरसात और ठंडी हवाओं के बीच भी भीड़ लगातार बढ़ती गई। कई स्थानों पर लोगों ने घरों के पास अस्थायी घाट बनाकर भी पूजा-अर्चना की। शाम को व्रतियों ने जल में खड़े होकर डूबते सूर्य और छठ मैया को अर्घ्य दिया।

मंगलवार सुबह उगते सूर्य को अर्घ्य देने के साथ चार दिवसीय छठ पर्व का समापन होगा। रातभर व्रती जागरण कर मंगल गीत गाएंगे और सूर्योदय के बाद अर्घ्य देकर व्रत का पारण करेंगे।

मानसरोवर और वाटर वर्क्स घाटों पर भारी भीड़ रही। महिलाएं पारंपरिक गीत कांच ही बांस के बहंगिया, बहंगी लचकत जाए गाती नजर आईं। बांस की डाली में ठेकुआ, कसार, फल, मूली, ईख और नारियल जैसे प्रसाद सजाकर सूर्यदेव को अर्पित किए गए। हालांकि, लगातार हुई बारिश से घाटों पर कीचड़ फैल गया, जिससे श्रद्धालु खासे परेशान हुए। कई जगह लोग नगर निगम की अव्यवस्थाओं पर नाराजगी जताते दिखे और सफाई व्यवस्था पर सवाल उठाए।

घाटों की सजावट और स्वच्छता पर विशेष प्रतियोगिता

पूर्वांचल वासियों के छठ पूजा को लेकर घाटों की सजावट और स्वच्छता पर विशेष प्रतियोगिता आयोजित की जा रही है। स्टेट फेडरेशन ऑफ यूनेस्को एसोसिएशन इन राजस्थान के प्रदेश संयोजक गोपाललाल माली ने बताया कि जिला यूनेस्को एसोसिएशन और पूर्वांचल जन चेतना समिति के संयुक्त तत्वावधान में यह प्रतियोगिता हो रही है। जवाहर फाउंडेशन प्रभारी रजनीश वर्मा की अध्यक्षता में गठित निर्णायक समिति ने मानसरोवर झील, वाटर वर्क्स, नेहरू तलाई और न्यू पटेल नगर सहित विभिन्न घाटों का निरीक्षण किया। समिति के सदस्यों ने स्वच्छता, साज-सज्जा और व्यवस्थाओं का अवलोकन किया। जिला यूनेस्को एसोसिएशन अध्यक्ष ललित अग्रवाल, प्रवक्ता मधु लोढा, राजकुमार माली और साधना मेंलाना निरीक्षण दल में शामिल रहे। निर्णय समिति सर्वश्रेष्ठ घाट का चयन कर उसे 5100 का नकद पुरस्कार और प्रशस्ति पत्र प्रदान करेगी।