
Bhilwara's air is slowly becoming a source of relief, with pollution levels dropping after Diwali.
दीपोत्सव पर पटाखों से निकले धुएं ने जिले की हवा को बुरी तरह प्रभावित कर दिया था। दीपावली के बाद भीलवाड़ा का एयर क्वालिटी इंडेक्स 260 के पार चला गया था। इससे शहर ऑरेंज जोन में पहुंच गया था। हालांकि अब प्रदूषण का स्तर धीरे-धीरे नीचे आ रहा है। 25 अक्टूबर को एक्यूआई घटकर 152 दर्ज किया गया, जो पहले के मुकाबले सुधार का संकेत है। हालांकि, विशेषज्ञों का कहना है कि 152 का एक्यूआई भी पूरी तरह सामान्य नहीं माना जा सकता। यह स्तर अब भी हवा में सूक्ष्म कणों की अधिकता दर्शाता है, जो स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है।
दीपावली की आतिशबाजी बनी बड़ी वजह
प्रदूषण नियंत्रण मंडल के क्षेत्रीय अधिकारी दीपक धनेटवाल ने बताया कि दीपावली पर हुई अत्यधिक आतिशबाजी, वाहनों से निकला धुआं, और मौसम में नमी। ये सभी कारक प्रदूषण बढ़ने के प्रमुख कारण रहे। दीपोत्सव की रात और उसके अगले दिन शहर के कई इलाकों में धुंध और धुएं की परत छाई रही, जिससे दृश्यता भी प्रभावित हुई।
धीरे-धीरे साफ हो रही हवा
अब मौसम में हल्की ठंडक और हवा की दिशा में बदलाव के कारण वातावरण में मौजूद धूल व धुआं नीचे बैठने लगा है। प्रदूषण के स्तर में कमी आना राहत भरी खबर है, लेकिन विशेषज्ञों का कहना है कि लोगों को सतर्कता और जिम्मेदारी से व्यवहार करना होगा, ताकि हवा फिर से प्रदूषित न हो।
स्वास्थ्य के लिए अब भी खतरा बना धूल व धुआं
चिकित्सकों का कहना है कि जिन लोगों को सांस की परेशानी, अस्थमा या एलर्जी की समस्या है, उन्हें इस मौसम में विशेष सावधानी बरतनी चाहिए। खुले में व्यायाम या दौड़ने से बचें और आवश्यकता पड़ने पर मास्क का उपयोग करें।
जन सहयोग से ही सुधरेगी हवा की गुणवत्ता
प्रदूषण नियंत्रण विभाग ने आमजन से अपील की है कि अनावश्यक वाहनों का उपयोग कम करें, कचरा न जलाएं, और पर्यावरण अनुकूल त्योहार मनाएं। धनेटवाल ने कहा कि भीलवाड़ा की हवा को स्वच्छ बनाना सामूहिक जिम्मेदारी है। अगर नागरिक सहयोग करेंगे तो आने वाले दिनों में एक्यूआई सामान्य स्तर पर लाया जा सकता है।
एयर क्वालिटी इंडेक्स
Published on:
27 Oct 2025 09:11 am
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